गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

भारत में विभिन्न प्रकार से त्योहार मनाए जाते हैं परंतु विश्व के कई देशों में कुछ ऐसे त्योहार मनाए जाते हैं जिनके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी। उन्हीं में से एक त्यौहार हेलोवीन फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है जो हर वर्ष अक्टूबर-नवंबर माह में मनाया जाता है। एशियाई देश, यूरोपीय देशों से विभिन्न प्रकार की चीजें सीखते तथा अपनाते हैं ऐसे में भारत में भी हेलोवीन फेस्टिवल प्रचलन में आ रहा है तो आज हम हेलोवीन फेस्टिवल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेने वाले हैं।

क्या है हेलोवीन फेस्टिवल?

हेलोवीन फेस्टिवल, ईसाई देशों में मनाया जाने वाला बहुत महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध त्यौहार है जो भूतों और आत्माओं से संबंधित है। पश्चिमी और यूरोपीय देशों में यह त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है जिसमें लोग अपने दोस्तों के साथ मिलकर भूतों की वेशभूषा धारण करते हैं भूतों से संबंधित विभिन्न प्रकार के डरावने खेल खेलते हैं तथा डरावने आकार के केक तथा अन्य खाद्य सामग्री ग्रहण करते हैं।

कब मनाया जाता है हेलोवीन डे?

हर त्यौहार एक निश्चित तारीख तथा महीने में मनाया जाता है। हेलोवीन मुख्य रूप से अक्टूबर महीने के अंतिम दिन मनाया जाता है और इस बार 31 अक्टूबर 2022 यानि सोमवार को मनाया गया है। कई देशों में 1 नवंबर को भी मनाया जाता है अर्थात हम कह सकते हैं कि हेलोवीन फेस्टिवल अक्टूबर नवंबर महीने में मनाया जाने वाला भूतों का त्यौहार है।

हेलोवीन मनाने का इतिहास?

जैसे भारत के विभिन्न त्योहार इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित हैं और उनसे संबंधित विभिन्न कथाएं भी बताई जाती हैं। उसी प्रकार से हेलोवीन फेस्टिवल का भी बहुत पुराना इतिहास रहा है। यह त्योहार 2000 वर्ष से अधिक पुराने समय से मनाया जाता है। बहुत पुराने समय में यूरोप और अमेरिका के देशों में 1 नवंबर को “ऑल सेंट्स डे” मनाया जाता था जिसे यूरोपियन देशों में फसलों के त्योहार के रूप में मनाया जाता था जो समय के परिवर्तन के साथ-साथ हेलोवीन फेस्टिवल नाम से जाना जाने लगा।

हेलोवीन फेस्टिवल  सबसे पहले आयरलैंड और स्कॉटलैंड में शुरू किया गया। इसके बाद इंग्लैंड, अमेरिका और कई अन्य यूरोपियन देशों में साल की शुरुआत के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह पुरानी आत्माओं और पूर्वजों के भूतों की याद में मनाया जाता है।

हेलोवीन मनाने से जुड़ी मान्यताएं?

हेलोवीन फेस्टिवल को मनाने से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ईसाई लोगों द्वारा ऐसा माना जाता है कि हेलोवीन फेस्टिवल में भूतों की वेशभूषा धारण करके तथा आत्मा और भूतों की नकल करने से उनके मरे हुए पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आदर और सम्मान होता है। ऐसा माना जाता है कि यूरोपियन और अमेरिका के देशों में लोग हेलोवीन के दिन आत्माओं और भूतों को आमंत्रित भी करते हैं।

हेलोवीन कैसे मनाया जाता है?

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हेलोवीन फेस्टिवल को भूतों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन लोग विभिन्न प्रकार के भूतों, आत्माओं, पिशाचों और राक्षसों आदि के जैसे वस्त्र और आभूषण धारण करते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के डरावने फेस मास्क, लंबे- लंबे नाखून, भयावह दांत और बाल आदि शामिल होते हैं।

इस दिन घरों को विभिन्न प्रकार के डरावनी चीजों से सजाया जाता है जिसमें पंपकिन अर्थात कद्दू बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में कद्दू के ऊपर बहुत सारी डरावनी डिजाइन बनाई जाती हैं और अंदर मोमबत्ती जलाई जाती है और अंधेरे में यह बहुत डरावना दिखाई देता है और इसे ही हेलोवीन बोला जाता है।

हेलोवीन फेस्टिवल की समाप्ति के बाद ईसाई लोग हेलोवीन अर्थात कद्दू को अपना पूर्वज और भूतों की आत्मा समझकर मिट्टी में दफना देते हैं।

इस दिन सभी दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर बहुत सारे डरावने खेल खेलते हैं जिसमें हॉन्टेड हाउस जैसे डरावनी खेल भी शामिल हैं।

बच्चे भूतों के कपड़ों को धारण करते हैं और आस पड़ोस में जाते हैं तथा लोगों से trick or treat मे से एक चुनने को बोलते हैं और लोग treat बोलकर उन्हें चॉकलेट और खाने की चीजें दे देते हैं।

इस दिन खाए जाने वाले भोजन भी डरावने आकार में बनाए जाते हैं जैसे हेलोवीन आकार के केक और चाकलेट आदि बनाई जाती है।

आशा है आपको हेलोवीन फेस्टिवल के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। आपको कुछ नई और रोचक चीज जानने को मिली होगी। हम इसी प्रकार के विभिन्न ज्ञानवर्धक और रोचक लेखों के साथ फिर मिलेंगे। जुड़े रहिए नन्ही खबर से।

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