हिन्दी दिवस
भारत में हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिन्दी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। दुनिया में हिन्दी भाषा चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
भारत में हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिन्दी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। दुनिया में हिन्दी भाषा चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
शिवानी कौशिक द्वारा लिखित
भारत में हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिन्दी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। दुनिया में हिन्दी भाषा चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
14 सितम्बर 1943 को पहली बार हिन्दी दिवस मनाया गया था। इस वर्ष 68 वां हिन्दी दिवस मना रहे हैं हिन्दी राष्ट्र भाषा होने की वजह से भारत को ‘‘हिन्दुस्तान’’ कहा जाता है।
इसका उद्येश्य वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों को अवगत कराना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता।
कई लोग अपने सामान्य बोलचाल में भी अंग्रेजी भाषा के शब्दों का या अंग्रेजी का उपयोग करते हैं, जिससे धीरे-धीरे हिन्दी के आस्तित्व को खतरा पहुंच रहा है। हिन्दी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसे देवनागरी लिपि में लिखा गया है। भारत में हिन्दी एक मात्र ऐसी भाषा है जिसे सबसे अधिक बोला लिखा व पढ़ा जाता है।
यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है और हर साल 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आजकल ज्यादातर लोग हिन्दी को छोड़कर अंग्रेजी भाषा को ज्यादा महत्व देने लगे हैं। लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है और हमें इसे महत्व देना चाहिए। हिन्दी भाषा सहज सरल है, इसे ‘‘संस्कृत की भगनी’’ भी कहते हैं।
हिन्दी भाषा में अनेक प्रादेशिक भाषाओं का भी अधिकाधिक शब्दों का प्रयोग किया होता है। उर्दू, पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी आदि कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं, जिससे सभी भारतवासी के लिए सहज व सुबोध भाषा के रूप में हिन्दी प्रतीत होती है।
स्वतंत्र भारत की हिन्दी राजभाषा है। महात्मा गांधी, डा0 राजेन्द्र प्रसाद जैसे महान व्यक्तियों के अथक परिश्रम के बाद ही वर्तमान हिन्दी को यह सम्मान मिला है। भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी। अब हमारी राष्ट्रभाषा अंतर्राष्ट्रिय स्तर पर भी बहुत पसंद की जाती है। राष्ट्रभाषा किसी भी देश की पहचान और गौरव होती है। हिन्दी हिन्दुस्तान को बाँधती है।
जब 2002 में जनसंख्या का आयोजन किया गया था तब 422 लाख से भी ज्यादा लोगों ने हिन्दी को अपनी मातृभाषा का उल्लेख किया था। देश में किसी भी अन्य भाषा का कुल 20 प्रतिशत से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। हिन्दी भारत में ज्यादातर जनसंख्या हिन्दी बोलने वाली है।
हिन्दी दिवस को मनाना आज के समय में बहुत अनिवार्य हो गया है। आज के समय में लोग द्वारा सिर्फ अंग्रेजी पर ही ध्यान दिया जाता है। हिन्दी दिवस उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन भाषा हमारे देश की अधिकारिक भाषा बनी थी।
अन्त में धन्यवाद । जय हिन्द, जय भारत