मनीषा द्वारा लिखित, कक्षा 10 की छात्रा

प्रस्तावना
हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिन्दी दिवस भारतीय संस्कृति को सजाने और हिन्दी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है । वर्ष 1929 में इस दिन भारत का संविधान सभा द्वारा हिन्दी को देश आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।

हिन्दी दिवस उत्सव
हर वर्ष स्कूल और कॉलेज में यह दिवस मनाया जाता है। सभी छात्र-छात्राएँ शामिल होते हैं। इस दिन एक प्रतियोगिता की जाती है, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रायों को देश के राष्ट्रपति सम्मानित करते है । इस वर्ष कोरोना के कारण यह दिवस नहीं मनाया जाएगा, सोचा तो यही था पर जैसे ऑनलाइन क्लास लग रही है वैसे ही यह प्रतियोगिता ऑनलाइन हो रही है। छात्रों में कोई बदलाव नहीं, सब उत्साह से हिन्दी दिवस पर अपने-अपने विचार प्रकट कर रहे हैं । पहले यह दिन कार्यालयों और कई सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है । भारतीय संस्कृति को आनंदित करने के लिए लोग भारतीय जातीय परिधान पहनते हैं । इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । बहुत से लोग हिन्दी कविता पढ़ना और हमारी संस्कृति के महत्व के बारे में बताते हैं ।

हिन्दी भाषा
जैसा कि हिन्दी भारत में सबसे अधिक बोलने वाली भाषा है हम लोगों को अपनी हिन्दी भाषा पर गर्व होना चाहिए। हालांकि अंग्रेज़ी के प्रति अभी भी भारतवासियों का झुकाव है और इसके महत्व पर स्कूलों और अन्य स्थानों पर ज़ोर दिया जाता है । हिन्दी का उल्लेख 2001 में आयोजित जनगणना में 422 लोगों ने किया । सच में अंग्रेज़ी को बड़ा स्थान दिया जाता है पर हिन्दी को भी उतना ही स्थान दिया जाना चाहिए। दुर्भाग्य से भले ही हिन्दी दुनिया की चौथी व्यापक बोली जाने वाली भाषा है पर लोग इसे महत्व नहीं देते। अंग्रेजों के द्वारा छोड़ी गई इस भाषा को आज काफी बड़ा महत्व दिया जाता है ।


महत्व
अंग्रेज़ी को बड़ा महत्व दिया जाता है। सरकारी कागज़ अंग्रेज़ी में लिखे होते हैं, स्कूलों और कॉलेजों में अंग्रेज़ी विषय पर काफी ध्यान दिया जाता है। हिन्दी को एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाता है । हिन्दी भाषा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और झारखंड सहित कई भारतीय राज्यों की आधिकारिक भाषा है। बाकी राज्य जैसे कि तमिलनाडू, केरल, कर्नाटका आदि राज्यों में अंग्रेज़ी बोली जाती है, ऐसा ही होता रहेगा तो हिन्दी का महत्व समाप्त हो जाएगा। हिन्दी दिवस हर साल हमारी असली पहचान बताता है । हिन्दी और अंग्रेज़ी को समान माना जाना चाहिए।

भारतीयों की पहचान है हिन्दी । गर्व करो और कहो “मैं भी हिन्दी, तुम भी हिन्दी, हिन्दी हमारी भाषा है, भले ही सम्मान मिले हिन्दी को अंग्रेज़ी से कम, नहीं मिटाना इसका अस्तित्व।


क्या कहूँ हिन्दी पर
क्या लिखूँ हिन्दी पर
हिन्दी मेरी शान
लफ्ज कम पड़ जाते हैं
हिन्दी को लिखने में
क्यूंकी हिन्दी हमारी जान
हिन्दी का करो सम्मान
नहीं करोगे तो
रह जाएगा हिन्दी विषय
एक पढ़ने वाला ज्ञान
हिन्दी का करो सम्मान
हिन्दी का करो सम्मान