अभिषेक झा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

‘स्पेनिश फ्लू ‘ नाम की यह भीषण महामारी जो कि पश्चिमी मोर्चे पर स्थित थी| वह छोटे और भीड़भाड़ वाले सैनिक प्रशिक्षण शिविरों से शुरू हुई थी| ऐसा माना जाता है कि यह आमतौर पर फ्रांस की सीमा के करीब की खंदको में गंदगी की वजह से फैलना शुरू हुई और देखते ही देखते दुनिया भर के देशों, राज्यों में फैलती चली गई| विश्व युद्ध नवंबर सन 1918 में खत्म हो चुका था परंतु घर वापस जा रहे संक्रमित सैनिकों के साथ फ्लू अन्य क्षेत्रों में फैलता चला गया|

आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना के हड़कंप ने हमें सन 1918 मैं फैली महामारी की याद दिला दी| उस महामारी से 5 से 10 करोड़ लोगों की मौत हुई थी| प्रथम विश्व युद्ध के बाद जब दुनिया अपनी खराब हालत को सुधारने की कोशिश कर रहा था, तब उस वक्त यह भीषण महामारी दुनिया के लोगों पर पहाड़ बनकर टूटी थी| इसे मानव इतिहास की सबसे भीषण महामारी में से एक माना गया है|

ऐसा बताया जाता है कि स्पेनिश फ्लू ने उस समय भारत में भी हड़कंप मचाया था| इस फ्लू से उस समय देश में 1400000 लोगों की इस बीमारी की चपेट में आने से मौत हुई थी| खासतौर पर मुंबई मैं इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिला था| इस बीमारी की चपेट में आए लोगों को बुखार ,आंखों में चुभन , मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द जैसी शिकायत थी|

इस भीषण महामारी का मुख्य केंद्र स्पेन था, इसलिए इसे’ स्पेनिश ‘ फ्लू नाम दिया गया| स्पेन के अलावा अन्य देशों जैसे- अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस में इस फ्लू ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी| सन 1919 में फिर एक बार ‘ स्पेनिश फ्लू ‘फैलना शुरू हुआ| सन 1912 मैं प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के ब्रिटिश नियंत्रण वाले हिस्सों में इस बीमारी ने सबसे ज्यादा हड़कंप मचाया और करीब 1400000 भारतीय इस महामारी में मारे गए थे|

पहली बार असम में इसको लेकर 1 इंजेक्शन तैयार किया गया जिसके मदद से हजारों मरीजों का टीकाकरण किया गया और इससे ‘स्वाइन फ्लू’ को रोकने में कुछ हद तक सफलता भी मिली|

एक बार फिर वर्तमान समय में कोरोना को लेकर दुनिया भर में स्थिति गंभीर होती नजर आ रही है| हर दिन इससे संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं| अब तक भारत में कोविड-19 के 6,73,165 मामले, ठीक हुए मरीजों की संख्या 4,09,083 और मौत 19,268 हो चुके हैं| हालांकि सरकार और स्वास्थ्य संस्थाएं इससे निपटने के प्रयास में लगे हुए है|

ऐसी चौंकाने वाली घटना यह साबित करती है कि इतिहास खुद को दोहराता है| इसलिए हम सभी को इससे डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसका डटकर सामना करना चाहिए|