वंदना द्वारा लिखित, 20 साल की छात्रा

भारत के संविधान के अनुच्छेद 63 में कहा गया है कि भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा। अनुच्छेद 64 के तहत, उपराष्ट्रपति “राज्यों की परिषद का पदेन सभापति होगा”। अनुच्छेद 65 में कहा गया है कि ” राष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या हटाने, या अन्य किसी कारण राष्ट्रपति के कार्यालय में कोई रिक्त होने की स्थिति में, उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा, जब तक कोई नया राष्ट्रपति अपने कार्यलय में प्रवेश नही करता।

अतः उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के कार्यों का भी निर्वहन करेगा जब राष्ट्रपति “अनुपस्थिति, बीमारी या किसी अन्य कारण से” कार्य करने में असमर्थ हो। इस अवधि के दौरान, उपराष्ट्रपति के पास राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ होंगी और वह राष्ट्रपति के भत्तों और विशेषाधिकारों का भी हक़दार होगा ।

उपराष्ट्रपति बनने की योग्यता

उपराष्ट्रपति बनने के लिए एक व्यक्ति में इन बातों का होना जरूरी है :

1. उसे भारत का नागरिक होना चाहिए ।
2. उसकी आयु 35 साल से कम नही होनी चाहिए ।
3. वह राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने के योग्य हो ।
4. ऐसा व्यक्ति भारत का उपराष्ट्रपति नहीं बन सकता जिसके पास केंद्र या राज्य सरकार या उसके अधीन किसी निकाय में लाभ का कोई पद हो।

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष रहता है। यदि पूर्व उपराष्ट्रपति द्वारा कार्यकाल समाप्त होने की वजह से नए उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जा रहा हो तो उसका कार्यकाल निर्धारित अवधि पर समाप्त हो जाएगा। यदि मौत, इस्तीफे, बर्खास्तगी या किसी अन्य वजह से यह पद रिक्त होता है तो जल्द ही नया उपराष्ट्रपति चुन लिया जाएगा। चयनित व्यक्ति का कार्यकाल शपथ ग्रहण की तिथि से पांच दिन बाद का होगा ।

महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है उपराष्ट्रपति

भारत में राष्ट्रपति पद के बाद उपराष्ट्रपति का पद कार्यकारिणी में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। वह संसद के उच्च सदन राज्यसभा का अध्यक्ष भी होता है। इस पद की गरिमा इस बात से समझी जा सकती है कि देश मे अब तक हुए 11 उपराष्ट्रपतियों में से 6 बाद में राष्ट्रपति भी बने हैं। किसी भी कारण से राष्ट्रपति पद रिक्त होने की स्थिति में वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य करता है। उस स्थिति में वह ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारो का हक़दार होता है, जिनका हक़दार राष्ट्रपति होता है ।

उपराष्ट्रपति का निर्वाचन

1. उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण द्वारा अनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है। उपराष्ट्रपति पद के लिए किसी व्यक्ति को निर्वाचित किए जाने हेतु निर्वाचकगण में संसद के दोनों सदनों के सदस्य होते हैं।

2. उपराष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का कोई सदस्य उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है, तो यह समझा जाता है कि उसने उस सदन में अपना स्थान उपराष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।

उपराष्ट्रपति की शक्तियां

1.उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है, लेकिन राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हुए या राष्ट्रपति के कार्यो का निर्वहन करते हुए, उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सकता। इस अवधि के दौरान उन कर्तव्यों का निर्वहन राज्यसभा के उपसभापति द्वारा किया जाता है ।

2. रिक्त की स्थिति में राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है जब राष्ट्रपति के कार्यालय में राष्ट्रपति पद रिक्त होता है उनसे संबंधित निम्नलिखित कारण हो सकते है जैसे –

– त्यागपत्र
– निष्कासन
– मृत्यु या अन्य कारण

3. अधिकतम अवधि जिसके लिए उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है – वह मात्र छ: माह की अधिकतम अवधि के लिए राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर सकता है, जिसके भीतर एक नए राष्ट्रपति का निर्वाचन कराना अनिवार्य होता है ।

4. राष्ट्रपति के कार्यों का निर्वहन – जब राष्ट्रपति अनुपस्थिति, अस्वस्थता, अथवा किसी अन्य कारण से अपने कार्यों का निर्वहन करने में असमर्थ होते हैं, तो उपराष्ट्रपति अपने कार्यों का निर्वहन तब तक करते हैं जब तक कि राष्ट्रपति अपना पदभार पुनः ग्रहण नहीं कर लेते ।

भारत के अब तक के सभी उपराष्ट्रपतियों की सूची

1. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
2. जाकिर हुसैन
3. वी वी गिरी
4. गोपाल स्वरूप पाठक
5. बी डी जत्ती
6. मोहम्मद हिदायततुल्ला
7. रामास्वामी वेंकटरमण
8. शंकर दयाल शर्मा
9. के आर नारायण
10. कृष्ण कांत
11. भैरोसिंह शेखावत
12. मोहम्मद हामिद अंसारी
13. वेंकेया नायडू

उपराष्ट्रपति चुनाव 2022

विपक्ष ने रविवार (17 जुलाई) को पूर्व राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। सत्तारूढ़ भाजपा (NDA) ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ इस पद के लिए उसके उम्मीदवार होंगे ।

चुनाव 6 अगस्त के लिए निर्धारित है – भले ही यह केवल प्रतीकात्मक होने की संभावना है, संसद में NDA के स्पष्ट बहुमत को देखते हुए धनखड़ के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू की जगह लेने की उम्मीद है, जिनका कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है ।

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शीर्षक छवि स्रोत: https://www.mapsofindia.com/my-india/government/list-of-vice-presidents-of-india-till-now