गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

अगर वैश्विक रूप से बात करें तो अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जिनमें से सबसे मुख्य समस्या ग्लोबल वॉर्मिंग है अर्थात वैश्विक तपन। इसके कारण विश्व के सभी देशों में पर्यावरण परिवर्तन की समस्या देखने को मिल रही है। तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और ठंड तो जैसे समाप्त ही होती जा रही है।

हम सबने सुना है कि प्रकृति जब अपना कहर दिखाती है तो कोई बच नहीं पाता है। विकासशील और अल्पविकसित देशों के साथ-साथ विकसित देश भी ग्लोबल वार्मिंग की बर्बरता का शिकार हो रहे हैं।

यूरोप के लगभग सभी देश जो धुव्रीय क्षेत्र से पास होने के कारण ठंडे हुआ करते थे परन्तु आज वहां पर गर्म हवाएँ चल रही हैं जिसके कारण अनेक लोगों और जीव-जंतुओं की जाने भी जा रही हैं।

अभी यूरोप के प्रमुख देश ब्रिटेन, स्पेन और फ्रांस गर्म हवाओं से बहुत परेशान है। यह हवाएँ इन देशों के लिए नियमित होती जा रही हैं एवं बड़ी संख्या में लोगों, जीव जंतुओं तथा जैव विविधता को नुकसान पहुंचा रही हैं।

यूरोपीय देशों की स्थिति

यूरोप में  गर्मी से सड़कों और रनवे का डामर पिघला
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यूरोपीय देशों की स्थिति बहुत बुरी हो रही है बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन के कारण वहां का तापमान बढ़ता जा रहा है। यह तापमान में वृद्धि कई बार गर्म हवाओं का रूप भी ले ले रही हैं। इसके कारण इन देशों की आर्थिक, समाजिक एवं राजनीतिक स्थिति खराब होती जा रही है।

ब्रिटेन एवं स्पेन यूरोपीय देश है और पूर्ण रूप से तकनीक से परिपूर्ण हैं परंतु यहां भी गर्म हवाओं की लहरों के कारण बड़ी संख्या में हानि देखने को मिल रही है।

यूरोपीय देशों में चल रही गर्म हवाओं से बचाव के लिए सरकार द्वारा तकनीकी रूप से अर्थात मशीनों द्वारा वर्षा करवाई जा रही है ताकि लोगों को राहत मिले।

इन गर्म हवाओं की शिकार होकर बहुत बड़ी तादाद में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं इसलिए कई स्कूलों ने स्विमिंग पूल का निर्माण करवाया है ताकि बच्चे वहां राहत की सांस ले सकें।

गर्म लहरों की उत्पत्ति का कारण

विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा गरम लहरों की उत्पत्ति का कारण ग्लोबल वार्मिंग को बताया जा रहा है क्योंकि बढ़ती हुई ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है जिस वजह से हवाएं गर्म हवाओं में परिवर्तित होती जा रही हैं और इन हवाओं के कारण मनुष्यों और जीव जंतुओं के जीवन पर संकट उत्पन्न हो रहा है।

यूरोपीय देश ब्रिटेन, फ्रांस तथा स्पेन में जंगलों में भी आग लगने का खतरा देखा गया है जिसकी चपेट में कई लोग आ गए हैं। स्पेन में भी 1 दिन में दो व्यक्तियों को मृत पाया गया जो आग लगे हुए जंगलों के आसपास मिले हैं।

वैश्विक तपन से केवल एक ही समस्या उत्पन्न नहीं होती अनेक समस्याएं उत्पन्न होती है जिसमें समुद्र का बढ़ता स्तर, तापमान में वृद्धि जंगलों में आग लगना, ओज़ोन परत में छेद आदि प्रमुख है।

वैश्विक तपन को कम करने के उपाय

भविष्य के आने वाले दिनों में वैश्विक तपन पूरे विश्व के लिए खतरा होने वाला है इसीलिए हमें इसे रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।

हमारे दिन प्रतिदिन किए जाने क्रियाकलापों में परिवर्तन करके हम ग्लोबल वॉर्मिंग को कम कर सकते हैं। जिसमें सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग, प्लास्टिक का कम उपयोग, एसी का उपयोग कम करना आदि शामिल है क्योंकि विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से उत्पन्न होने वाली गैस ही वैश्विक तपन का कारण बनती है।

आज समय है कि हम अपनी धरती को बचा लें क्योंकि अगर इसी प्रकार से चलता रहा तो जल्दी ही धरती और धरती पर से जीवन दोनों ही समाप्त हो जाएंगे। मनुष्य की समाप्ति का कारण प्रकृतिक आपदाएं ही होंगी।

आशा है आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। हम ऐसी ही जानकारियों के साथ जल्दी आएंगे।

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