भारत में टिड्डियों (Locust) का हमला
कक्षा 7 की छात्रा द्वारा लिखित। लोकस्ट (locusts) एक तरीके की टिड्डी (Grasshopper) है । जब टिड्डियों का झुंड फसलों पर हमला करता है तो ये खेती को काफी नुकसान पहुँचाता है और इसी को टिड्डी प्लेग कहते हैं।
कक्षा 7 की छात्रा द्वारा लिखित। लोकस्ट (locusts) एक तरीके की टिड्डी (Grasshopper) है । जब टिड्डियों का झुंड फसलों पर हमला करता है तो ये खेती को काफी नुकसान पहुँचाता है और इसी को टिड्डी प्लेग कहते हैं।
कक्षा 7 की छात्रा द्वारा लिखित।
लोकस्ट (locusts) एक तरीके की टिड्डी (Grasshopper) है । जब टिड्डियों का झुंड फसलों पर हमला करता है तो ये खेती को काफी नुकसान पहुँचाता है और इसी को टिड्डी प्लेग कहते हैं।
इसकी शुरुयात इजिप्ट देश से हुई लेकिन भारत में ये खतरनाक टिड्डियाँ ईरान से आईं और फिर वहाँ से पाकिस्तान और फिर इनहोने भारत की काफी जगहों पर हमला किया जैसे की राजस्थान, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश । ये टिड्डियाँ उत्तरी और मध्य भारत से महाराष्ट्र , दिल्ली और उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ीं।
लोकस्ट (locusts) एक तरीके की टिड्डी (Grasshopper) है । जब टिड्डियों का झुंड फसलों पर हमला करता है तो ये खेती को काफी नुकसान पहुँचाता है और इसी को टिड्डी प्लेग कहते हैं । भारत को इस नई परेशानी का सामना एक ऐसे वक़्त पर करना पड़ा जब वह पहले से ही कोरोनावाइरस जैसी बड़ी लड़ाई से लड़ रहा था, यह परेशानी कृषि अर्थव्यवस्था को और नष्ट कर सकता है जिसकी वजह से हमारे खाने की उपलब्धि पर भी असर पड़ सकता है । यह टिड्डी हमला तीन दशकों का सबसे खतरनाक हमला था । रेस्गिस्तानी टिड्डे सबसे खतरनाक, छोटे सींग वाले मौसमी कीड़े होते हैं । यह 90 दिनों तक ही जीवित रहते हैं और खाने के मामले में काफी लालची होते हैं, यह एक दिन में अपने वज़न के बराबर खाना खाते हैं। इनका भोजन ज़्यादातर हरे पत्तेदार पौधे, फसल, घास, खेत आदि होते हैं और ये सिर्फ दिन में ही खाना खाते हैं। ये अपने रास्ते में आने वाली सभी हरी भरी जगहों को नष्ट कर देते हैं ।
टिड्डे ज़्यादातर झुंड में उड़ते हैं और एक झुंड में लगभग 150 मिल्यन टिड्डे होते हैं। एक टिड्डों का झुंड करीब 35000 लोगों के खाने की फसल एक दिन में नष्ट कर सकता हैं । क्षेत्रों में बढ़ता तापमान, अधिक टिड्डियाँ को आकर्षित करता है जो खेतों और चरागाहों को नुकसान पहुँचा सकता है। और सबसे खतरनाक बात यह है कि ये किसी भी मौसम या क्षेत्र के अनुसार अपना व्यवहार बदल लेते हैं । टिड्डियों को ख़तम करने का एक ही उपाय है, उन पर ऑर्गनोफॉसफेट रसायनों और कीटनाशकों का छिड़काव । टिड्डी चेतावनी संगठन ने सुझाव दिया है कि टिड्डियों को मारने के लिए रसायनों का छिड़काव ड्रोन से कर सकते हैं। भारत सरकार ने टिड्डियों के नियंत्रण के लिए, कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए 89 फ़ायर ब्रिगेड, 47 नियंत्रण वाहन, 120 सर्वेक्षण वाहन और 810 ट्रैक्टर तैनात करवाए । भारत की तरह और सभी क्षेत्र जो टिड्डियों के हमले से जूझ रहे हैं अगर सुरक्षा के उपाए करें तो टिड्डियों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।