ब्रह्मांड का अद्भुत रहस्य : ब्लैक होल
हमारी धरती की तरह ही ब्रह्मांड भी अनेक रहस्यों से भरा हुआ है जिसका कोई विशेष ज्ञान मनुष्य के पास आज तक नहीं है। ऐसे ही रहस्यमय चीजों में ब्लैक होल शामिल हैं जो आजकल बहुत चर्चा में है।
हमारी धरती की तरह ही ब्रह्मांड भी अनेक रहस्यों से भरा हुआ है जिसका कोई विशेष ज्ञान मनुष्य के पास आज तक नहीं है। ऐसे ही रहस्यमय चीजों में ब्लैक होल शामिल हैं जो आजकल बहुत चर्चा में है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल का छात्र
हमारी धरती की तरह ही ब्रह्मांड भी अनेक रहस्यों से भरा हुआ है जिसका कोई विशेष ज्ञान मनुष्य के पास आज तक नहीं है। ऐसे ही रहस्यमय चीजों में ब्लैक होल शामिल हैं जो आजकल बहुत चर्चा में है। इसकी पूर्ण जानकारी अभी तक वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है आइए ब्लैक होल के बारे में मूलभूत चीजें जाने:-
ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल अंतरिक्ष के अंदर काले रंग की वह जगह है जहां कोई भी भौतिक विज्ञान का नियम काम नहीं करता। वहां गुरूत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि अगर कोई चीज एक बार चली जाए तो लौट कर कभी नहीं आती।
ब्लैक होल का निर्माण
हमारे ब्रह्मांड में अनेक तारे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब तारे का अंत होने लगता है तो वह अपने अंदर ही सीमित होने लगते हैं अर्थात उनका बड़ा क्षेत्रफल सिकुड़ने लगता है एक समय आता है जब क्षेत्रफल कम हो जाता है और गुरूत्वाकर्षण बल बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसी कारण वह अपने प्रभाव क्षेत्र में आने वाले हर चीज को निगल जाता हैं।
इवेंट होराइजन
ब्लैक होल से एक बाहरी सीमा के अंदर प्रवेश करने के बाद सभी वस्तुएं ब्लैक होल के केंद्र की ओर खिंचने लगती हैं। इस क्षेत्र को ब्लैक होल का प्रभाव क्षेत्र या इवेंट होराइजन कहते हैं।
ब्लैक होल दिखाई देता है?
आप सभी सोच रहे होंगे ब्लैक होल दिखाई देता है या नहीं?पहले हम जानेंगे की वस्तुएं दिखाई कैसे देती हैं जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है और फिर वस्तु से परावर्तित होकर हमारी आंखों तक वापस आता है तो हम उस वस्तु को देख पाते हैं। ब्लैक होल को देखना संभव नहीं है। ब्लैक होल के अंदर गुरूत्वाकर्षण बल इतना अधिक होता है कि वहां से प्रकाश भी परावर्तित होकर लौटता नहीं है, इसी कारण ब्लैक होल काला, अंधकारमय एवं अदृश्य होता है।
ब्लैक होल का आकार
आप सभी जानना चाहते होंगे कि ब्लैक होल कितना बड़ा या कितना छोटा होता है। एक ब्लैक होल छोटे, बड़े तथा अत्यंत विशालकाय आकार के हो सकते हैं। छोटे ब्लैक होल एक अणु के समान हो सकते हैं तथा वैज्ञानिकों द्वारा उनकी उत्पत्ति ब्रह्मांड के निर्माण के समय से ही माना जाता है। बड़े ब्लैक होल सूर्य से 50 से 100 गुणा बड़े होते हैं।
ब्रह्मांड में कितने ब्लैक होल हैं?
इतने विस्तृत एवं विशालकाय ब्रह्मांड में ब्लैक होल की संख्या का पता लगाना अत्यंत कठिन है परंतु वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार संपूर्ण ब्रह्मांड में 40 करोड़ ब्लैक होल है।
वैज्ञानिक ब्लैक होल के बारे में कैसे पता लगाते हैं?
आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि यदि ब्लैक होल दिखाई नहीं देते तो उनका पता कैसे लगाया जाता है? हम सभी जानते हैं कि एक ब्लैक होल का गुरूत्वाकर्षण बल अधिक होने के कारण उसके आसपास उपस्थित उल्कापिंड और अन्य पदार्थ उसकी ओर खींचते या चक्कर लगाते हुए प्रतीत होते हैं तो वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि यहां ब्लैक होल होगा।
सबसे बड़ा ब्लैक होल: सैजिटेरियस ए*
12 मई को वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा मिल्की वे के बीच में एक विशालकाय ब्लैक होल का पता लगाया। इस ब्लैक होल का नाम सैजिटेरियस ए* रखा गया।
इस ब्लैक होल की तस्वीर इवेंट होराइजन टेलीस्कोप कोलैबोरेशन (EHT) टीम ने खींची। इसके लिए उन्होंने दुनियाभर के दूरबीनों की मदद ली।
सैजिटेरियस ए के बारे में अन्य तथ्य
1)यह हमारी पृथ्वी से लगभग 27000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।प्रकाश वर्ष – प्रकाश की एक किरण द्वारा साल भर में तय की गई दूरी होती है।
2)इस ब्लैक होल के इवेंट होराइजन का व्यास (diameter)2.4 करोड़ किलोमीटर है।
3)यह ब्लैक होल पृथ्वी से बहुत दूर स्थित है इस वजह से हम पर कोई खतरा नहीं है।
इस प्रकार से हमने आज ब्लैक होल के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।
जैसा कि हमने पहले ही जाना कि ब्लैक होल ब्रह्मांड का एक रहस्यमयी स्थान है इसलिए आज भी वैज्ञानिक इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने में जुटे हुए हैं।
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