अभिषेक द्वारा लिखित, 18 साल का छात्र

ना जाने क्यों, इतनी खूबसूरत होती है दोस्ती,
आपस का भेदभाव व कलेश मिटाती है दोस्ती,
दूसरे की मन की बात व दिल का दर्द,
बिन कहे ही जान जाती है दोस्ती||

दोस्ती है एक ऐसा वरदान,
जिसमें डूबकर हम बनते हैं महान,
दोस्ती के बिना यह जीवन ही कैसा,
लगे जैसे बिन प्राण के शरीर जैसा||

ना जाने क्यों, इतनी खूबसूरत होती है दोस्ती,
पैसों से भी मूल्यवान होती है दोस्ती,
आपस में प्रेम-भाव बढ़ाती है दोस्ती||

हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक सच्चा दोस्त चाहिए,
मन में बस दोस्ती का मान और सम्मान चाहिए,
उनका ही प्यार और दुलार चाहिए,
दुख और सुख में उनका ही साथ चाहिए,
मेरा उन पर उनका मुझ पर विश्वास चाहिए||

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