रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

भारतीय मौसम विभाग ने बताया की ताउते बहुत ही खतरनाक चक्रवाती तूफान है। केरल, कर्नाटक और गोवा के तटीय इलाकों में हानि पहुंचाने के बाद इसने गुजरात में भी काफी तबाही मचाई। चक्रवात के कारण तटीय इलाकों में हवा बहुत तेजी से चली, भारी बारिश भी हुई और समुंदर में बहुत तेज लहरें भी उठी। गुजरात के तट से टकराने के बाद चक्रवात कमज़ोर तो पड़ गया लेकिन फ़िर भी आज तक राज्य में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाला तूफ़ान ताउते ही है। चक्रवात के कारण लोगों की मौत भी हो गई और बहुत से घरों को भी भारी नुक्सान हुआ है।

क्या है ताउते?

वर्ष 2021 का सबसे पहला चक्रवती तूफान है। ये तूफ़ान अरब सागर में उठा था। ऐतिहासिक रूप से अरब सागर चक्रवातों का केंद्र नहीं था है बल्कि ये चक्रवती तूफान तो बंगाल की खाड़ी में उठते रहे हैं लेकिन 2017-18 के बाद से ये तस्वीर बिलकुल बदल सी गई है क्योंकि अरब सागर पिचले 4 सालों से तूफान का केंद्र बना हुआ है।

इससे पहले वर्ष 2020 में निसर्ग चक्वात महाराष्ट्र से टकराया था। इस से पहले साल 2019 में वायु गुजरात से तथा ओमान के तट से मेकानु तूफान टकराया था।

अरब सागर से अचानक इतने तूफान उठने की वजह क्या है?

अरब सागर का चक्रवती तूफ़ान का केंद्र बन जाना कोई संयोग नहीं है। इसके पीछे की वजह पिछले 40 सालो में अरब सागर के तटीय इलाकों के तपमान में बढ़ोतरी होना है। पिछले कुछ वर्षों में अरब सागर का तापमान 1.2 से 1.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है क्योंकि गर्म क्षेत्र में हवा गर्म हो जाती है और गर्म हवा की वजह से वहाँ कम वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इसके बाद संघनन की प्रक्रिया से बादलों का निर्माण होने लगता है और ठंडी हवाएँ तेजी से नीचे आकर ऊपर की और उठती हैं और तेज़ बारिश होने लगती है। इस प्रकार से ही ये चक्रवात उठते हैं, यही वजह है कि बंगाल की खाड़ी में अक्सर तूफान उठते हैं क्योंकी वहाँ का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा है।

2017 से पहले अरब सागर का तापमान बंगाल की खाड़ी से 1 से 2 डिग्री कम रहता था। लेकिन अब वहाँ का तापमान बढ़ता जा रहा है इसलिय तूफ़ान का आना सामान्य होता जा रहा है।

म्यांमार ने दिया ताउते नाम

साल के पहले चक्रवाती तूफ़ान ताउते का नाम म्यांमार ने तय किया। तौकते/ताउते एक बर्मी शब्द है जिसका मतलब होता है “ज्यादा आवाज़ करने वाली चिपकली”। आम तौर पर हर एक चक्रवात का नाम रखने की एक खास वजह होती है। चक्रवातों का नाम विश्व मौसम विभाग के वॉर्निंग सेंटर की तरफ से किया जाता है। पैनल में दुनिया के 13 देश शामिल हैं। इनमे भारत, मालदीव, पाकिस्तान, म्यांमार, श्रीलंका, ईरान, सऊदी अरब, बांग्लादेश, ओमान, थाईलैंड, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शमिल हैं।

कई राज्यों में मचाई ताउते ने तबाही

चक्रवात के चलते केरल, कर्नाटक, गोवा और गुजरात में भारी तबाही मचाई। कई लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गवां बैठे। सेकडों घरों को इसने ध्वस्त कर दिया। भारी मात्रा में पेड़ और बिजली के खंबे उखड़ गये। लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा। इसके अलावा राजस्थान और हरियाणा मे भी ताउते का बुरा प्रभाव देखने को मिला। इन राज्यों में भी भारी बारिश के साथ तेज़ हवाएँ चली। तापमान में अचानक गिरावट आ गई। हालात को देखते हुए दोनों राज्यों की सरकारों ने अलर्ट जारी कर दिया। काई जिलों में बिजली की कटौती भी की गयी। साथ ही लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी गयी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने गोवा, कर्नाटक, केरल और गुजरात में चक्रवात से बचाव की तैयारी का मुआवजा लिया और उन्होनें कोविड – 19 के मरीजों की स्वास्थ्य सुविधा का भी दुरस्त इंतजाम करने के लिये भी कहा।

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