श्वेता बंसल द्वारा लिखित

जनसंख्या यानी देश के लोग – एक ऐसी चीज है जो देश की शक्ति बढ़ाती है, देश के लिए एक वरदान बनती है, पर अगर इसके बढ़ने पर नियंत्रण ना लगाया जाए तब यह वरदान कब अभिशाप में बदल जाता है कोई नहीं कह सकता। अपना देश भारत भी ऐसी ही समस्या से गुजर रहा है।

भारत क्षेत्र के मामले में दुनिया का सातवां बड़ा देश है, और वही जनसंख्या के मामले में दूसरा। भारत का जनसंख्या घनत्व 464 पर किलो मीटर स्क्वायर है, जो कि यहां रहना काफी मुश्किल बनाता है। गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, निरक्षरता जैसी गंभीर चुनौतियों के अलावा भारत के विकास में जो सबसे बड़ा पत्थर है वह है – निरंतर, बेलगाम बढ़ती जनसंख्या। जब जनसंख्या की बात आती है, चाइना के बाद भारत दुनिया का दूसरा बड़ा देश है, चाइना ने एक बच्चे का प्रस्ताव लाकर कुछ सालों में जनसंख्या को नियंत्रित करने का प्रयास किया और आज भी कर रहा है। भारत भी अब तक प्रचार, जागरूकता के जरिए जनसंख्या नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा था, जिसके अंतर्गत अनेकों अभियान चलाए गए :

  1. हम दो हमारे दो
  2. गर्भनिरोधक दवाइयां
  3. नसबंदी और कंडोम यूज़ की जागरूकता
    सभी अभियानों के बावजूद भारत की जनसंख्या निरंतर बढ़ ही रही है, पर अब इससे लड़ने के लिए सरकार ने कानून बनाने का निर्णय लिया है।

    उत्तर प्रदेश की जनसंख्या बाकी सभी राज्यों से ज्यादा है। जहां राज्य की प्रजनन दर 2.1 होनी चाहिए थी वह 2.7 है। इसी को काबू में लाने के लिए 11 जुलाई को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की घोषणा की। इस कानून के चलते हम दो हमारे दो – यानी केवल दो बच्चे करने की पॉलिसी का प्रस्ताव रखा गया है। इस अधिनियम के लागू होने के बाद यदि तीसरे बच्चे की कल्पना की जाती है, तो आवास, शिक्षा और विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लोगों को वंचित किया जा सकता है।
    उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि उनके पास बढ़ती जनसंख्या के कारण संसाधनों की कमी होती जा रही है, जो उनके राज्य के विकास के लिए अच्छा नहीं है। जनसंख्या नियंत्रण कानून का पहला ड्राफ्ट उन्होंने लोगों से साझा किया और उनकी राय भी मांगी इस ड्राफ्ट के मुख्य बिंदु इस तरह रहे हैं-

    1. जो सरकारी कर्मचारी 2 बच्चों की पॉलिसी मानेंगे
    1. अपनी नौकरी के कार्यकाल में दो बार ज्यादा प्रोत्साहन राशि
    2. राज्य में घर या जमीन लेने पर सब्सिडी
    3. घर बनाने के लिए लोन पर कम ब्याज
    4. पानी बिजली हाउस टैक्स में रियायत
    5. 1 साल का पूरा पेड (paid) प्रसूति अवकाश
    6. पेंशन स्कीम में 3% बढ़ावा
    7. मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं
  1. जो सरकारी कर्मचारी एक बच्चे की पॉलिसी मांगेंगे
    • चार बार ज्यादा प्रोत्साहन राशि
    • अकेले बच्चे का 20 साल तक मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा
    • शिक्षा संस्थानों में तरजीह (preference)
    • बच्चे की मुफ्त शिक्षा स्नातक स्तर तक
    • लड़की के लिए स्नातक से आगे की शिक्षा पर स्कॉलरशिप
    • सरकारी नौकरी में तरजीह
  2. प्राइवेट नौकरी/बिजनेस क्लास/गैर सरकारी नौकरी वाले लोग जो 2/1 बच्चे की पॉलिसी मानेंगे
  • 12 महीने की पेड (paid) प्रसूति अवकाश
  • मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं
  • घर और जमीन खरीदने में रियायत
  • घर बनाने के लिए लोन पर कम ब्याज
  1. गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले कपल
    • सारी सुविधाएं जो बाकी लोगों को मिल रही है
    • एक समय का वित्तीय सहारा – 80000 लड़के के लिए/ एक लाख लड़की के लिए
      इस पूरे प्रस्ताव के बाद यूपी सरकार ने लोगों से किसी भी बदलाव के लिए सुझाव मांगे हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं – कुछ महीनों में यूपी में चुनाव होने वाले हैं, यह निर्णय यूपी सरकार के पक्ष में जाएगा या विपक्ष में यह देखना काफी दिलचस्प होगा। पर अभी के लिए चीजें पक्ष में होती दिख रही है, जैसे कि महाराष्ट्र की सरकार योगी जी के समर्थन में आगे आई है, वहीं मध्यप्रदेश में भी ऐसे बिल को लाने की बात की जा रही है। यह देखते हुए ऐसा लगता है कि केवल सरकार ही नहीं जनसंख्या नियंत्रण अब सब लोगों की जरूरत बन गई है।

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