गीतांजली पाण्डेय द्वारा लिखित, 17 साल की छात्रा

17 सितम्बर को लोकसभा में कृषि अध्यादेश (कानून) 2020 के तहत दो बिल- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वशन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 लोकसभा में पास हो गया जबकि तीसरा विधेयक आवश्यक वस्तु विधेयक पहले ही लोकसभा में पास हो चुका है। अब ये अध्यादेश कृषि कानून का रूप बन चुके हैं । इन क़ानूनों का देश में विरोध भी हो रहा है ।

कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020

अभी तक कृषि क्षेत्र में किसानों के पास अपनी फसल को बेचने के लिए विकल्प उपलब्ध नहीं थे । किसान अपनी फसल अपनी इच्छानुसार किसी भी राज्य एवं उद्योगपतियों को नहीं बेच सकते थे। परंतु इस विधेयक के अनुसार अब किसान अपनी इच्छानुसार अपनी फसल को किसी भी व्यक्ति को, किसी भी क्षेत्र में बेच सकता है । अपनी फसल को बेचकर किसान सही दाम वसूल कर सकता है ।

लाभ

  • अब किसानों को फसल बेचने में सहूलियत मिलेगी । वह अपने अनाज का अधिकतम मूल्य वसूल पाएंगे।
  • किसानों की बाज़ार लागत बचेगी जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी ।
  • इससे जिन क्षेत्रों में उत्पादन अधिक हुआ है उन क्षेत्र के किसान कमी वाले दूसरे राज्यों में अपनी उपज बेचकर बेहतर दाम कमा पाएंगे और सभी क्षेत्रों में वस्तुएँ उपलब्ध हो पाएँगी।
  • यदि किसान मंडी से बाहर अपनी फसल बेचेंगे तो उन्हे मंडी शुल्क नहीं देना पड़ेगा और इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
  • किसान द्वारा घर के पास के क्षेत्र में उपज बेचे जाने की स्थिति में परिवहन लागत (खर्च) बचेगा ।

विरोध का कारण

  • यदि किसान मंडियों में फसल नहीं बेचेंगे तो राज्य सरकार को मंडी शुल्क प्राप्त नहीं हो पाएगा ।
  • यदि कृषि व्यापार मंडियों से बाहर चला जाए तो मंडियों में काम करने वाले कर्मचारी एवं कमीशन एजेंट बेरोजगार हो जाएंगे।
  • किसानों को डर है कि इसमें “न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)”की व्यवस्था, (जिसमें सरकार किसानों को उनकी फसल के लिए न्यूनतम मूल्य देती है) समाप्त हो जाएगी और निजी कंपनियों द्वारा किसानों का शोषण बढ़ सकता है ।

कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वशन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020

यह कानून किसानों की कमाई पर केन्द्रित है। अभी तक किसानों की कमाई मौसम और बाज़ार पर निर्भर थी। इसमें बहुत जोखिम होता था । मेहनत के हिसाब से किसानों को बहुत कम आय प्राप्त होती थी। इस कानून के तहत किसानों को उनके होने वाले कृषि उत्पादों को पहले से तय दाम पर बेचने के लिए कृषि व्यवसायी कर्मी, प्रोफेसर, थोक विक्रेताओं निर्यातकों और बड़े विक्रेताओं के साथ अनुबंध करने का अवसर मिलेगा।

लाभ

  • इसमे किसान को अपनी फसल को लेकर जो भी जोखिम रहता है, यह उसके उस खरीदार की तरफ जाएगा जिसके साथ उसने अनुबंध किया है ।
  • यह कानून किसानों को आधुनिक तकनीक और बेहतर कृषि वस्तुएँ उपलब्ध कराने के अलावा बाज़ार लागत (खर्च) को घटाकर किसानों की आय बढ़ाता है ।
  • यह कानून किसानों को सीधे विक्रेताओं एवं व्यापारियों से जोड़ेगा जिससे कृषि क्षेत्र में दलालों एवं बिचौलियों की समाप्ति हो जाएगी ।

विरोध का कारण

  • किसान संगठनों तथा विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह कानून उद्योगपतियों के अनुरूप बनाया गया है जिससे किसानों की फसल पर उद्योगपतियों का नियंत्रण स्थापित हो जाएगा ।
  • इस कानून के तहत फसल की एक निश्चित कीमत तय कर दी जाएगी जिससे किसानों की मोल-तोल करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा ।

आवश्यक वस्तु  (संशोधन) विधेयक 2020

अब तक अनाज, दाल, प्याज़, आलू जैसी सब्जियाँ आवश्यक वस्तु थी। इन वस्तुओं का भंडार करना जुर्म था और इसके लिए सजा का प्रावधान था । इस नए कानून के तहत इन वस्तुओं को युद्ध, अकाल, असाधारण महंगाई व प्राकृतिक आपदा जैसी ‘असाधारण परिस्थितियों’ को छोड़कर सामान्य परिस्थितियों में आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है । अब इन वस्तुओं का भंडारण करने पर कोई सज़ा नहीं दी जाएगी ।

लाभ

  • नई व्यवस्था में फलों एवं सब्जियों को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है। अब किसान इन फसलों के मौसम में इनका भंडारण कर सकते हैं तथा कीमतों में वृद्धि होने पर इन्हे बेचकर लाभ कमा सकते हैं ।
  • इन वस्तुओं के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज, गोदामों, फूड सप्लाई सुविधाओं और एक्सपोर्ट में निवेश बढ़ेगा जिससे रोजगार में वृद्धि होगी।
  • इन वस्तुओं पर भंडारण नियंत्रण सीमा तभी लागू की जाएगी जब इनका मूल्य दोगुना हो जाएगा ।

विरोध का कारण

  • किसान संगठनों तथा विपक्षी दलों का मानना है कि इस कानून के कारण वस्तुओं की जमाखोरी तथा कालाबाजारी जैसी असमाजिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
  • इस कानून के तहत किसान वस्तुओं का भंडारण कर सकेंगे जिससे बाज़ार में वस्तु की पूर्ति बाधित हो सकती है और अधिक मांग तथा कम पूर्ति के कारण वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि अर्थात महंगाई बढ़ सकती है ।

निष्कर्ष

“कृषि अध्यादेश 2020” कृषि क्षेत्र में लाया गया एक महत्वपूर्ण सुधार है जो भविष्य में कृषि का विकास तथा किसानों की आय दोगुनी करेगा । यह कानून भारतीय कृषि क्षेत्र को सम्पूर्ण विश्व में प्रचलित करेगा लेकिन इस विधेयक के साथ कुछ चिंताएँ तथा आशंकाएँ जुड़ी हुई हैं जिसके कारण इसका विरोध भी हो रहा है। आशा है सरकार विवेकपूर्ण ढंग से किसानों की चिंताओं को समाप्त करेगी ।