ओलंपिक का इतिहास
पहले आधुनिक ओलंपिक खेल यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित किए गए। लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलंपिक आंदोलन का रूप नहीं ले पाया।
पहले आधुनिक ओलंपिक खेल यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित किए गए। लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलंपिक आंदोलन का रूप नहीं ले पाया।
आशु द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र
ओलंपिक (1896 – 1936)
पहले आधुनिक ओलंपिक खेल यूनान की राजधानी एथेंस में 1896 में आयोजित किए गए। लेकिन उसके बाद भी सालों तक ओलंपिक आंदोलन का रूप नहीं ले पाया।
• एथेंस ओलंपिक खेलों में सिर्फ 14 देशों के 200 लोगों ने 43 मुकाबलों में हिस्सा लिया। 1896 के बाद पेरिस को ओलंपिक की मेजबानी का इंतजार नहीं करना पड़ा और उसे 1900 में मौका मिल ही गया।
• दूसरे विश्व युद्ध से पहले बर्लिन में ओलंपिक आयोजित हुआ था। इस समय तक ओलंपिक में देशों की हिस्सेदारी बढ़ गयी थी और साथ में ओलंपिक खेलों का सम्मान भी बढ़ गया था। लेकिन विश्व राजनीति का असर भी ओलंपिक खेलों पर देखने को मिला जिसमें विरोध भी हुए और बटी हुई दुनिया का असर खेलों के मैदान पर भी देखने को मिला।
ओलंपिक में खेलों का आयोजन किस प्रकार किया जाता था?
ओलंपिक खेलों के आयोजन से पहले ओलंपिक खेलों की मशाल जलाई जाती थी। इसे जलाने की शुरुआत 1928 से एम्सटर्डम ओलंपिक से हुई।
1836 से बर्लिन ओलंपिक में मशाल के वर्तमान स्वरूप को अपनाया गया था। यूनान में एक हेरा मंदिर है। इस मंदिर के सामने ही मशाल को सूर्य की किरणों से प्रज्वलित किया जाता है। उसके बाद मशाल को आयोजन स्थल तक ले जाया जाता था। तभी से यह चीज़ शुरू हुई। इसी मशाल से खेल समारोह विशेष की मशाल प्रज्वलित की जाती है।
इतिहास में ओलंपिक में विभिन्न प्रकार के खेल –
ओलंपिक में राज्यों और शहरों के खिलाड़ी भाग लेते थे। इसकी लोकप्रियता के कारण राज्य तथा शहरों के बीच के युद्धों को भी स्थगित कर दिया जाता था। इस खेल में लड़ाई और घुड़सवारी काफी लोकप्रिय खेल थे।
अनेक प्रकार की सुविधाओं की कमी होने के कारण आयोजन की मेजबानी की समस्या और खिलाड़ियों की कम भागीदारी होने के बावजूद भी ओलंपिक अपने मकसद में कामयाब होता गया।
• प्राचीन ओलंपिक में बॉक्सिंग, कुश्ती, घुड़सवारी, दौड़ आदि के खेल खेले जाते थे। खेल के विजेता को कविता और मूर्तियों के द्वारा प्रशंसित किया जाता था।
• पांचवी और छठी शताब्दी में ओलंपिक खेलों की लोकप्रियता चरम बिंदु पर पहुंच चुकी थी। लेकिन बाद में रोमन साम्राज्य की बढ़ती शक्ति से ग्रीस खासकर प्रभावित हुआ और धीरे-धीरे ओलंपिक खेलों का महत्व गिरने लगा।
वर्तमान में ओलंपिक खेलों का लक्ष्य –
इतिहास में भी इन खेलों का बहुत महत्व था। इसलिए आज के वक्त में न सिर्फ ये एक प्रकार का खेल है, बल्कि दुनिया में शांति फैलाने का एक बहुत बड़ा ज़रिया है। हर 4 साल पर होने वाले ओलंपिक खेल के वर्ष को ओलंपियाड के नाम से भी जाना जाता है। ओलंपिक खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली बहु खेल प्रतियोगिता है। इसमें दुनिया भर के लोग हिस्सा लेते हैं। एक तरह से यह वैश्विक खेल उत्सव के रूप में मनाया जाता है। चूँकि इसमें विश्व के सभी देश हिस्सा लेते हैं, इसलिए इसका प्रमुख लक्ष्य पूरी दुनिया में खेलों के माध्यम से शांति फैलाना है। इसका आयोजन गर्मी और सर्दी दोनों में किया जाता है।
ओलंपिक में विजेताओं को किस प्रकार सम्मानित किया जाता है?
चाहे कोई भी खेल या प्रतियोगिता हो, जीतने वाले को सम्मानित किया ही जाता है। साथ ही उसकी प्रशंसा भी की जाती है। यह करने से जीतने वाले को खुशी मिलती है और बाकी सभी को जीतने की प्रेरणा। इसी कारण दूसरे प्रतिभागियों में और अधिक उत्साह और जोश बढ़ जाता है। इसीलिए ओलंपिक खेलों में भी जीतने वालों को सम्मानित किया जाता है। ओलंपिक खेलों में विजेता को तीन प्रकार से पदक दिए जाते हैं।
1. स्वर्ण पदक
2. रजक पदक
3. कांस्य पदक
इन खेलों में भारत गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुका है।
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