मीराबाई चानू का जीवन परिचय
भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम में वेटलिफ्टिंग के रिकार्ड को तोड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया तथा भारत देश का झंडा गर्व से ऊंचा कर दिया। कॉमनवेल्थ गेम में भारत का यह पहला स्वर्ण पदक था।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
आज के समय में खेलों का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है एवं खेलों में भी लोग सफलता की सीढ़ियां छू रहे हैं। इसमें अपना देश भारत भी पीछे नहीं रहा। भारत के भी अलग-अलग खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भाग ले रहे हैं तथा हमारे लिए मैडल जुटाने में लगे हुए हैं। इसी श्रेणी में भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम में वेटलिफ्टिंग के रिकार्ड को तोड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया तथा भारत देश का झंडा गर्व से ऊंचा कर दिया। कॉमनवेल्थ गेम में भारत का यह पहला स्वर्ण पदक था। आज हम मीराबाई चानू के बारे में संक्षिप्त जानकारी लेंगे।
मीराबाई चानू का जन्म
मीराबाई चानू उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में जन्मी हैं। उनका जन्म 8 अगस्त 1994 में हुआ था। उनका पूरा नाम साईखोम मीराबाई चानू है। वह एक बहुत मध्यम परिवार में जन्मी थी जहां पर उनकी माताजी साईकोह ऊंगबी तोम्बी लीमा एक दुकानदार थी और पिताजी साईकोह कृति मैतेई पीडब्ल्यूडी कार्यालय में काम करते थे। उन्हें बचपन से ही खेलों में बहुत रुचि रही है तथा उन्हें तीरंदाजी करना भी बहुत पसंद था।
मीराबाई द्वारा खेले जाने वाला खेल
मीराबाई चानू भारत की बहुत होनहार खिलाड़ी हैं। उनके द्वारा भारोत्तोलन अर्थात वेटलिफ्टिंग का खेल खेला जाता है जिसमें वह वजन को उठाती हैं और सबसे अधिक वजन को उठाने वाला रिकार्ड तोड़ता है तथा प्रतियोगिता में जीतता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी खेल में अच्छा करने के लिए अच्छे गुरु की आवश्यकता होती है मीराबाई चानू की गुरु कुंजीरानी देवी हैं जो उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करती हैं तथा आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं।
मीराबाई चानू का खेल करियर
उन्होंने सभी समस्याओं चुनौतियों का सामना करते हुए भी सफलता प्राप्त की। उन्होंने अनेकों चैंपियनशिप और ओलंपिक में विजय हासिल की। उन्हीं में से कुछ महत्वपूर्ण और प्रमुख सफलताएं निम्नलिखित हैं:
सर्वप्रथम उन्होंने 2004 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम में रजत पदक हासिल करके भारत देश का नाम गौरवान्वित किया।
2017 में अमेरिका में आयोजित किए गए चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया और अपनी सफलताओं की लिस्ट में एक और सफलता जोड़ दिया।
2020 मीराबाई चानू के लिए करियर का सबसे अच्छा वर्ष साबित हुआ। 2020 में टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद वह संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध हो गईं।
अभी कुछ दिनों पहले ही बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता है।
कॉमनवेल्थ गेम 2022
2022 में वर्दी में दम में आयोजित कॉमनवेल्थ देशों के वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले राउंड में 88 किलो तथा दूसरे राउंड में जो 113 किलो वजन उठाया और 49 किलों बार की श्रेणी में एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
इस प्रकार से आज हमने मीराबाई चानू के जीवन तथा करियर से संबंधित जानकारियां हासिल की। वे हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है क्योंकि उन्होंने कभी हार नहीं माना और सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया। आशा है आपको उनके जीवन से कुछ ना कुछ सीखने को मिला होगा तथा ज्ञान भी प्राप्त हुआ होगा। हम इसी प्रकार के अन्य ज्ञानवर्धक लेखों के साथ जल्द ही मिलेंगे।
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शीर्षक छवि स्रोत: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/b/b9/Saikhom_Mirabai_Chanu.jpg