मनीषा द्वारा लिखित, कक्षा 9 की छात्रा

जब हम जर्मनी का ज़िक्र करते है तो वहाँ यहूदियों (jews) के साथ हुए नरसंहार का एक विचित्र व भयानक दृश्य हमारे सामने आता है। कौन था जिम्मेदार इस नरसंहार का? अडोल्फ़ हिटलर, जिसने यहूदियों को इस संसार से मिटाने का प्रण लिया।

होलोकास्ट किसे कहा जाता है ?

जब बहुत बड़े स्तर पर लोगों की हत्या की जाती है उसे होलोकास्ट कहा जाता है। जर्मनी में लाखों यहूदियों की उनके धर्म के कारण हत्या कर दी गई। इतिहास में इस अवधि को प्रलय कहा गया है। होलोकास्ट दो ग्रीक शब्दों से बना है जिनका मतलब होता है – होलोस यानि सम्पूर्ण और कस्टोस मतलब जलाना।

होलोकास्ट का कारण

विश्व युद्ध हारने के बाद जर्मनी की स्थिति बहुत खराब हो गई थी । जर्मनी पर बहुत सारा जुर्माना लगा दिया गया था। महंगाई बढ़ गई थी, लोगों की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। लोग जर्मनी के शासक से बहुत नाराज़ थे, वे बदलाव चाहते थे। और उन लोगों को बदलाव की वो किरण एक आदमी में दिखी, जिसका नाम एडोल्फ हिटलर था वो भी जर्मनी का रहने वाला था। उसने लोगों को कहा कि मैं तुम्हारा मसीहा हूँ। मैं तुम सब की यानी पूरी जर्मनी के लोगों की सारी इच्छा पूरी करूंगा। मैं तुम्हे सब कुछ दूंगा, जैसे खाना-पानी, नौकरी आदि । लोगों को उस समय कुछ समझ में नहीं आ रहा था उनको  एक सहारा मिल गया था। और हिटलर ने अपने भाषणों में कुछ वादे भी किए थे कि वो लोगों के लिए काम करेगा। इसके बाद लोगों ने हिल्टर को वोट दे कर सन् 1933 में  वहां का कुलाधिपति बना दिया। कुलाधिपति बनने के बाद हिटलर ने ऐसा कुछ नहीं किया, जो उसने वादे किए थे । जर्मनी प्रथम विश्व युद्ध हार चुका था, और हिटलर सोचता था कि वे युद्ध यहूदियों की वजह से हारे हैं। हिटलर ने विश्व युद्ध की हार का ज़िम्मेदार यहूदियों को ठहराया और फिर उन्हे मारना शुरू कर दिया।

हिटलर यह भी सोचता था कि जिनकी आंखों का रंग नीला होता है सिर्फ वे ही बेहतर होते हैं, और वे होते हैं आर्यन समाज के लोग। यहूदियों की आंखों का रंग नीला नहीं होता है, इसलिए हिटलर ने उन्हें मारना और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

नरसंहार

वह लोगों से काम करवाता था जो लोग काम नहीं कर पाते थे, उन्हें अलग तरह से परेशान करता था और उन्हें गैस चैंबर में डाल कर जहरीली  गैसों से बेरहमी से मार देता था।

हिटलर ने यहूदियों को मारने के लिए अलग से विभाग भी बना रखे थे। यहूदियों के साथ जर्मनी में अमानवीय व्यवहार किया जाता था। उनके बच्चों को स्कूलों में दूसरे बच्चों के सामने बेज़्ज़त किया जाता था। हिटलर ने इस धरती से लगभग एक तिहाई यहूदियों को मारा था। वहाँ लगभग 10 लाख यहूदी बच्चों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इतने बड़े स्तर पर लोगों को मारने की अवधि को ही होलोकास्ट कहा गया है ।

हिटलर के द्वारा यहूदी नरसंहार को मानव सभ्यता पर कलंक कहा गया है। हिटलर की कट्टर सोच के कारण लाखों निर्दोष यहूदियों को अपना जीवन गवाना पड़ा।

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