गीतांजलि द्वारा लिखित,18 साल का छात्र

सतत पोषणीय विकास (Sustainable Development)

सतत पोषणीय विकास का अर्थ है ऐसा विकास जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना एवं आने वाली पीढ़ी के हितों को ध्यान में रखकर किया जाए। विश्व स्तर पर यूएनओ के द्वारा सभी देशों का सतत पोषणीय विकास रैंकिंग निर्धारित किया जाता है एवं भारत में नीति आयोग भारत के विभिन्न राज्यों के सततपोषणीय विकास का आंकलन करता है।

विश्व सतत पोषणीय विकास रिपोर्ट 2021

2021 का सतत पोषणीय विकास रिपोर्ट कुछ दिनों पहले ही प्रकाशित हुआ है। इसमें भारत को 193 देशों में से 120वें स्थान पर रखा गया है। इसमें देशों को विभिन्न रैंकिंग में उन्हें 100 में से प्राप्त अंकों के आधार पर रखा जाता है। भारत को इस वर्ष 60.7 अंक प्राप्त हुए हैं। पिछले वर्ष भारत 61.9 अंकों के साथ 117वें स्थान पर था। फिनलैंड इस बार प्रथम स्थान पर रहा है।

रैंकिंग में शीर्ष पांच देश

फिनलैंड

स्वीडन 

डेनमार्क 

जर्मनी 

बेल्जियम

दुनिया को बदलने के लिए सतत पोषणीय विकास के लक्ष्य-

1) भूखमरी को समाप्त करना।

2) ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को लाकर ग़रीबी को समाप्त करना।

3) स्वास्थ्य और कल्याण व्यवस्था में सुधार।

4) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था।

 5) लैंगिक समानता।

6) स्वच्छ जल एवं स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच। 

7) असमानता को समाप्त करना एवं शांति स्थापित करना ।

8) उद्योग एवं आधारभूत ढांचे में सुधार करके आर्थिक विकास लाना।

9) पर्यावरण एवं जीव जंतुओं का संरक्षण आदि।

क्या आप भी नन्ही खबर के लिए लिखना चाहते हैं?
संपर्क करें nanhikhabar@gmail.com पर