वाट्सऐप (WhatsApp) की नई प्राईवेसी पॉलिसी पर बवाल क्यों?
जब स्पेस X कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कुछ दिनों पहले ट्विटर पर ट्विट किया “Use Signal” तो अचानक से ही सिगनल मेसेजिंग ऐप के युजर्स की संख्या बढ़ गई। आइए जानते हैं, क्या है पुरा मामला।
प्राची द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
जब स्पेस X कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कुछ दिनों पहले ट्विटर पर ट्विट किया “Use Signal” तो अचानक से ही सिगनल मेसेजिंग ऐप के युजर्स की संख्या बढ़ गई। आइए जानते हैं, क्या है पुरा मामला।
कुछ दिनों पहले से वाट्सऐप यूजर्स के मोबाइल पर वाट्सऐप के द्वारा एक नोटिफिकेशन आ रहा है, जिसमें वाट्सऐप अपनी नई प्राईवेसी पॉलिसी के लिए आपसे अनुमति मांग रहा है और इसमें यह लिखा गया है कि अगर आपने नई नीतियों को नहीं माना तो आपका वाट्सऐप अकाउंट बंद कर दिया जाएगा।
वाट्सऐप का इतिहास
वाट्सऐप मेसन्जर की शुरुआत उक्रेन के जन कूम ने अमेरिका के ब्रायन एक्ट्न के साथ मिलकर फरवरी 2009 में की थी और बाद में जिम गोएट्ज भी इसमें शामिल हो गए थे। इसको 19 फरवरी 2014 में फेसबुक ने 20 अरब डॉलर में खरीद लिया था और इसकी पेरेंट कंपनी (Parent company) बन गयी। वाट्सऐप के 90 करोड़ से भी ज्यादा उपयोगकर्ता हैं।
वाट्सऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी
वाट्सऐप की पुरानी पॉलिसी में आपकी चैट और डाटा end to end encrypted यानि की आपकी बातों की जानकारी सिर्फ आपको और उस व्यक्ति को होती है, जिसे आपने सन्देश भेजा है, और किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं होती है। अपनी नई नीति में वाट्सऐप ने कहा है कि वह नीजि चैट का डाटा नहीं बल्कि व्यवसायिक अकाउंट (Business Account)का डाटा फ़ेसबुक के साथ शेयर करेगा। भारत में वाट्सऐप ने अपनी पेमेंट सेवा भी शुरू कर दी है, इससे वाट्सऐप अब आपकी ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी भी रखेगा।
यूरोपीय देशों के लिए अलग मापदंड क्यों?
वाट्सऐप की नीतियाँ विश्व में अलग-अलग हैं। यूरोपीय यूनियन के दशों में लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए वहाँ General Data Protection Regulation (GDPR) है, जिसके तहत कंपनियाँ अपने ग्राहकों की जानकारी को शेयर नहीं कर सकती, व साथ ही साथ उनकी निजता का हनन नहीं कर स कती।वहाँ पर वाट्सऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी लागू नहीं है। ये सिर्फ दूसरे देशों के लिए है, क्योंकि वहाँ के कानूनों का उल्लंघन करने पर बहुत बड़ा जुर्माना लगाया जाता है या फिर ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
भारत में द पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं के द्वारा, यह बिल निजी व व्यक्तिगत गोपनीयता में घुसपैठ को रोकता है। यह बिल संसद में 2019 में पेश हुआ था, परन्तु अभी तक यह कानून नहीं बना है। अभी भारत में कोई ऐसा कड़ा कानून नहीं है, जो व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षा प्रदान करें।
इस विषय पर फ़ेसबुक व वाट्सऐप का कहना है कि नई प्राईवेसी पॉलिसी के ज़रिए फ़ेसबुक अपने ग्राहकों को अच्छी सेवा प्रदान करेगा व उनकी जानकारी से एक अच्छे मार्केटिंग वर्ल्ड का निर्माण करेगा।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
वाट्सऐप की इस नई पॉलिसी के विरोध में चैतन्य रोहिल्ला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सचदेवा ने कहा अगर आपको लगता है कि वाट्सऐप आपकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन कर रहा है तो वाट्सऐप डिलीट कर दीजिए।
वाट्सऐप ने अपने ग्राहकों को अपनी पॉलिसी समझाने व भ्रम दूर करने के लिए अपनी नई पॉलिसी शुरू करने की तारीख 8 फरवरी से बढ़ाकर 15 मई 2020 कर दी है।
अगर आपको लगता है कि वाट्सऐप आपकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन कर रहा है, तो आपके पास अन्य विकल्प है जैसे- सिगनल और टेलीग्राम। भारत सरकार को ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए एक कड़ा कानून बनाने की आवश्यकता है व यहाँ पर एक नई स्वदेशी मेसन्जर ऐप की आवश्यकता है, जो भारतीय हो। इससे कोई भी विदेशी कम्पनी भारतीयों का फायदा न उठा पाए।
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3 Comments
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