श्वेता बंसल द्वारा लिखित

रमन प्रातासेविच का जन्म 5 मई 1995 को मिंस्क, बेलारूस में हुआ था। वह 2019 में पोलैंड चले गए और फिर वही रहने लगे। 26 साल के रमन पोलैंड न्यूज़ एजेंसी नेकस्टा के लिए काम किया करते थे। यह न्यूज़ एजेंसी बेलारुस की सरकार के खिलाफ खबरें दिखाने के लिए जानी जाती है। मई 2021 में रमन को बेलारूस के अधिकारियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। रमन खुद को इतिहास का पहला ‘आतंवादी जर्नलिस्ट’ कहते हैं।

रमन के पिता डिमिट्री बेलारूस फौज में काम करते थे। जब रमन के पिता ने 2020 में पोलैंड में अपने बेटे के साथ रहने का निर्णय लिया, तब बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने उनको आर्मी के सब अधिकारों से निष्कासित कर उनसे उनके सभी पदक छीन लिए। रमन रशिया की रहने वाली एक लड़की सोफिया सपेगा से प्यार करते हैं, रमन पर लगे आरोपों के चलते सोफिया को भी 23 मई 2021 को गिरफ्तार कर लिया गया। सोफिया जो की यूरोप की एक कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय कानून की छात्रा है, उनकी मां का कहना है – कि वह रमन को बस बीते 6 महीने से ही जानती थी।

रमन 2010 से ही विपक्षी कार्यकर्ता के रूप में काम करते आए हैं, जिसके कारण वह पहले भी कई बार गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 2019 में रमन पोलैंड गए और 22 जनवरी 2020 को उन्होंने घोषित किया कि वह पोलैंड, राजनीतिक शरण के लिए गए हैं। 2020 में रमन नेकस्टा टेलीग्राम पर खबरें दिखाने व सुनाने लगे। 2020 में बेलारूस में हुए राष्ट्रपति चुनावों के लिए नेकस्टा एक‌ बहुत महत्वपूर्ण स्रोत बन गया था, जहां से देश में हो रहे सभी चुनावों के विरोधों को लगातार दिखाया जा रहा था। इस चैनल को बेलारूस के अधिकारियों ने बंद करने की भी कोशिश करी, पर 1 हफ्ते के अंदर ही 800000 नए लोग इससे जुड़ गए। 5 नवंबर 2020 को बेलारूस के अधिकारियों ने रमन के खिलाफ दंगे भड़काने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी का वारंट निकाल दिया। 19 नवंबर तक रमन को दंगे फैलाने वाले आतंकवादियों की सूची में डाल दिया गया।

30 मई को रयान एयर की फ्लाइट 4978 (एथेंस से विलनियस) जिसमें रमन भी थे, को एक विस्फोटक फ्लाइट में होने का झूठा संदेशा आया, जिसके चलते बेलारूस के हवाई अधिकारियों ने जहाज को मिंसक हवाई अड्डे पर उतार दिया। यहां रमन को बेलारूस की पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया, जहां उन्हें बताया गया कि उन पर लगे आरोपों के कारण उन्हें 15 साल जेल या मौत की सजा हो सकती है।

गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद बेलारूस सरकार ने एक वीडियो रिलीज किया जिसमें रमन कहते हैं – “कि वो मानते हैं कि उनके कारण दंगे हुए और उन्हें कोई भी स्वास्थ्य को लेकर दिक्कत नहीं है।” रमन के पिता के अनुसार यह वीडियो सच नहीं है – “इस वीडियो में रमन के शरीर पर मारपीट के बहुत निशान देखे जा सकते हैं, उनकी नाक भी टूटी हुई प्रतीत हो रही है।”

इस घटना पर अलग-अलग देशों की प्रतिक्रियाएँ आ रही है। पोलैंड के प्रधानमंत्री ने बेलारूस के इस कदम को सरकारी आतंकवाद बताया है। फ्रांस के विदेश मंत्री ने यूरोपियन यूनियन से एक सख्त और संयुक्त कार्यवाही की मांग की है। यूरोपियन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वाँन ने कहा है – “बेलारूस सरकार के इस अवैध बर्ताव के नतीजे होंगे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगाने चाहिए। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि दुनियाभर की कड़ी निंदाओं के बीच लुकाशेंको अब क्या कदम उठाएँगे।

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