हिंदी में बच्चों के लिए चुटकुले | Baccho Ke Liye Chutkule in 2022
चुटकुले बच्चों को भी बहुत मनोरंजन प्रदान करते हैं और बच्चे उसे मजे से सुनते हैं एवं पढ़ना भी पसंद करते हैं।
चुटकुले बच्चों को भी बहुत मनोरंजन प्रदान करते हैं और बच्चे उसे मजे से सुनते हैं एवं पढ़ना भी पसंद करते हैं।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
इस आधुनिक दौर सभी लोगों के मन मस्तिष्क में केवल निराशा ही भरी हुई है। इस तनाव के दौर में मनुष्य केवल उदास ही रहता है। यहां तक कि उसके चेहरे पर भी केवल दिखावटी मुस्कान ही होती है। ऐसे में लोगों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए कुछ मनोरंजन अति आवश्यक हैं। इसीलिए अनेक मनोरंजन और मौज मस्ती से संबंधित कार्यक्रम टीवी तथा रेडियो पर भी आते हैं परंतु चुटकुले सुनने और पढ़ने का अपना अलग ही मज़ा है।
चुटकुले बच्चों को भी बहुत मनोरंजन प्रदान करते हैं और बच्चे उसे मजे से सुनते हैं एवं पढ़ना भी पसंद करते हैं। आज हम लेकर आए हैं बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन चुटकुले। चुटकुलों से पहले बच्चों के लिए चुटकुले पढ़ने और सुनने के क्या लाभ हैं, वह जान लेते हैं।
आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही बेहतरीन चुटकुले को लेकर आए हैं जो आप अपने बच्चों को सुना सकते हैं तथा उन्हें किताबों के द्वारा पढ़ने को भी प्रेरित कर सकते हैं ताकि उनका एक अच्छा मनोरंजन हो तथा वह रोचकता एवं आनंद के साथ अपने दिन का कुछ समय व्यतीत करें।
हिंदी में बच्चों के लिए चुटकुले [Baccho Ke Liye Chutkule]
मास्टर जी – सबसे ज्यादा नशा किसमें होता है?
चिंटू – किताब में।
मास्टर जी – कैसे?
चिंटू – क्योंकि किताब खोलते ही नींद आ जाती है।
इस चुटकुले में चिंटू और उसके मास्टर जी की बातचीत दिखाई गई है जिसमें मास्टर जी एक प्रश्न पूछते हैं कि सबसे ज्यादा नशीली चीज क्या है तो चिंटू उसका जवाब देता है किताबें, क्योंकि उसे किताब पढ़कर नींद आती है।
चिंटू और पप्पू आपस में बातें कर रहे थे।
चिंटू – क्या तुम चीनी भाषा पढ़ कर सुना सकते हो?
पप्पू – हां, लेकिन तभी जब वह हिंदी या अंग्रेजी में लिखी हुई हो।
यह चुटकुला चिंटू और उसके दोस्त पप्पू के बीच में होने वाली बातचीत पर आधारित है जिसमें पप्पू उसे चीनी भाषा पढ़ने को बोलता है पर वह कहता है कि वह चीनी तभी पढ़ पाएगा जब वह हिंदी और अंग्रेजी मे लिखी हो। अगर वह हिंदी और अंग्रेजी में होगी तो वह चीनी रह ही नहीं जाएगी।
चिंटू – पप्पू, ज़रा अपनी साइकिल आज मुझे देना।
पप्पू – नहीं।
चिंटू – अगर मुझे साइकिल नहीं दोगे, तो मेरा दिल खट्टा हो जाएगा।
पप्पू ने झट से बोला – तो चीनी खा लेना।
यह बातचीत पप्पू और चिंटू की बातचीत पर आधारित है जिसमें चिंटू, पप्पू से उसकी साइकिल मांगता है परंतु पप्पू मना कर देता है चिंटू बोलता है कि मेरा दिल खट्टा हो जाएगा जोकि एक मुहावरा है जिसका मतलब होता है बुरा मान जाना। पप्पू इसका मतलब नहीं समझ पाता है और जवाब में पप्पू बोलता है कि चीनी खा लेना मीठा हो जाएगा।
मास्टर जी – एक तरफ पैसा और दूसरी तरफ अक्ल… बताओ चिंटू तुम क्या चुनोगे?
चिंटू – पैसा
मास्टर जी – गलत, मैं तो अक्ल चुनता।
चिंटू – आपकी बात भी सही है, क्योंकि जिसके पास जो चीज नहीं होगी, वो वही चुनेगा।
यह चुटकुला चिंटू और उसके मास्टर से बीच की वार्ता पर आधारित है जिसमें मास्टर जी चिंटू से पूछते हैं कि अक्ल और पैसे में से तुम क्या लेना चाहोगे तो चिंटू बोलता है कि मैं पैसे लूंगा। मास्टर जी बोलते हैं कि अक्ल ज्यादा महत्वपूर्ण है मैं तो अक्ल ही लेता तो वह बोलता है क्योंकि आपके पास नहीं है इसलिए आपके लिए महत्वपूर्ण है। मेरे पास पहले से ही है।
मास्टर जी – चिंटू, बताओ बिल्ली पूंछ क्यों हिलाती है?
चिंटू – क्योंकि, पूंछ बिल्ली की है।
इस चुटकुले में मास्टर जी चिंटू से पूछते हैं कि बिल्ली अपनी पूंछ क्यों हिलाती है तो चिंटू मजाक में जवाब देता है क्योंकि उसकी पूंछ है वह अपनी मर्जी से ही हिलाती है।
मास्टर जी – चिंटू, अपने पापा का नाम अंग्रेजी में बताओ
चिंटू – ब्यूटिफुल रेड अंडरवियर
मास्टर जी – नालायक हिंदी में बताओ
चिंटू – सुंदर लाल चड्ढा
मास्टर जी चिंटू से पूछते हैं कि अपने पापा का नाम इंग्लिश में बताओ तो चिंटू अपने पापा के हिंदी नाम को इंग्लिश में ट्रांसलेट कर देता है जिससे उसका पूरा अर्थ ही बदल जाता है।
मास्टर जी – बच्चों, इतिहास से हमें पता चलता है कि हमारे पूर्वज बन्दर थे।
तभी चिंटू का जाट मित्र गुस्से में लाल होते हुए कहता है- थारे होंगे, मारे तो चौधरी थे।
मास्टर जी कक्षा में इतिहास पढ़ा रहे होते हैं और वह कहते हैं कि इतिहास में ऐसा लिखा गया है कि हमारे पूर्वज बंदर थे। क्लास का एक जाट जाति का बच्चा उठता है और कहता है कि मेरे पूर्वज तो चौधरी थे।
चिंटू – मम्मी, आज मैंने एक लड़के को खूब मारा है।
मम्मी – क्यों?
चिंटू – उसने मेरा पेन चुरा लिया था और मांगने पर भी नहीं दे रहा था।
मम्मी – लेकिन, तुम तो अपना पेन आज घर ही भूल गए थे।
यह चिंटू और उसके मम्मी के बीच बात हो रही है जहां पर चिंटू की मम्मी पूछती हैं कि तुमने स्कूल में बच्चे को क्यों मारा तो चिंटू बोलता है कि वह मेरा पेन नहीं दे रहा था। तब उसकी मम्मी बताती हैं कि उसका पेन तो घर पर ही रह गया था इसका मतलब चिंटू ने जबरदस्ती उस बच्चे को मारा उसने तो पेन लिया ही नहीं था।
चिंटू – मम्मी, आपके लिए मेरी क्या कीमत है?
मम्मी – अरे, तुम तो करोड़ों से भी कीमती हो।
चिंटू – तो फिर उन करोड़ रुपये में से मुझे 10 रुपये दे दो आइसक्रीम खानी है।
यह चुटकुला चिंटू और उसकी मम्मी के बीच बातचीत पर आधारित है जिसमें चिंटू अपनी मम्मी से अपनी कीमत पूछता है मम्मी बोलती है कि तुम तो अनमोल हो और करोड़ों में भी कीमती हो। चिंटू बोलता है करोड़ों में से ₹10 दे दो। यह पैसा मांगने का बहुत अच्छा उपाय था।
एक बार किसी ने चिंटू को गहरे रंग वाला कहकर बुला दिया।
तबसे उसे गोरे होने वाली क्रीम खरीदने का भूत चढ़ गया।
वह एक दुकान में गया और गोरे होने वाली क्रीम मांगने लगा।
दुकानदार – गोरा करने वाली क्रीम नहीं है।
चिंटू – तो एक काम करो, जूता पॉलिश वाली क्रीम ही दे दो। कम से कम चेहरा पर ग्लो तो रहेगा।
एक बार किसी के मज़ाक उड़ाने पर चिंटू को गोरे होने का भूत सवार हो जाता है। उसे जब कोई गोरे होने वाली क्रीम नहीं मिलती तो वह जूता पॉलिश करने वाली क्रीम मांगने लगता है ताकि उसके चेहरे पर ग्लो आ जाए और वह गोरा दिखने लगे।
ग्रामर टीचर- श्याम शराब नहीं पीता है, बाताओ इस वाक्य में श्याम क्या है…
संजू- श्याम माता रानी का भक्त है और इस समय नवरात्र चल रहे हैं…
टीचर ने अपना माथा पीट लिया… बेवकूफ श्याम कर्ता यानी सबजेक्ट (subject) है।
इसमें संजू और उसके अध्यापक के बीच बातचीत चल रही थी जिसमें अध्यापक संजू से एक प्रश्न पूछता है परंतु संजू उसे बहुत अलग ही दिशा में सोचता है और उत्तर मजाक बन जाता है।
टीचर- बताओ 1869 में क्या हुआ…
संजू- सर गांधी जी का जन्म हुआ था…
टीचर- बिल्कुल सही जवाब…बैठ जाओ
टीचर- अब तुम बताओ पप्पू, 1872 में क्या हुआ था…
पप्पू- सर गांधी जी तीन साल के पूरे हुए थे… मैं भी बैठ जाऊं
टीचर- हां बिल्कुल, बस क्लास से बाहर।
अध्यापक कक्षा में बहुत महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में पूछ रहे थे कि कौन से सन् में क्या हुआ है उसमें संजू सही उत्तर देती है परंतु पप्पू गलत उत्तर देता है। संजू गांधी जी की जन्म की बात करती है और पप्पू गांधी जी की उम्र के बारे में बताने लगता है।
गणित से परेशान एक विद्यार्थी गुरु जी से- अगर शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की थी, और आर्यभट्ट का जन्म कल्युग में हुआ, तो उससे पहले 100 कौरव और रावण के 10 सर की गिनती किसने की थी?
इस वार्ता में अध्यापक से विद्यार्थी द्वारा प्रश्न पूछा गया है जिसका जवाब अध्यापक के पास भी नहीं होगा। बच्चे ने पूछा कि जब ज़ीरो का आविष्कार कलयुग में हुआ तो कलयुग से पहले गिनती कैसे गिनी गई।
देर रात चिंटू ने मिंटू के घर का दरवाजा खटखटाया
मिंटू- कौन है?
चिंटू- मैं हूं?
मिंटू- मैं कौन?
चिंटू- अरे पागल, तू मिंटू और कौन
इस चुटकुले में चिंटू मिंटू के बीच बात चल रही है जिसमें वह “मैं” पर कंफ्यूज हो गए हैं तथा एक दूसरे को मज़ाकिया जवाब दे रहे हैं।
टीचर डंडा लेकर क्लास में आईं।
टीचर- चिंटू तुम कल स्कूल क्यों नहीं आए थे?
चिंटू- मैम मैं कल सपने में चीन पहुंच गया था।
मैम- मिंटू तुम कहां थे कल?
मिंटू- मैम मैं चिंटू को एयरपोर्ट पर छोड़ने गया था।
यह बातचीत चिंटू मिंटू तथा उसकी अध्यापिका के बीच हो रही है जिसमें अध्यापिका उन दोनों से छुट्टी का कारण पूछती है तो वह दोनों बोलते हैं कि हम सपने में चीन घूमने गए थे जबकि यह संभव ही नहीं है इस प्रकार दोनों ने अध्यापिका को मूर्ख बनाया।
टीचर- कल जिसने ये पाठ नहीं सुनाया, उसकी खैर नहीं
चिंटू- ठीक है, कल का कल देखेंगे।
अगले दिन… टीचर- जिसने पाठ याद नहीं किया वो मुर्गा बन जाए
चिंटू- सर, सूखा या तरी वाला?
यह वार्तालाप चिंटू और उसके मास्टर के बीच हो रही है जिसमें जब मास्टरजी काम ना करने पर चिंटू को मुर्गा बनने को कहते हैं तो वह खाने वाला मुर्गा समझकर पूछता है कि तरी वाला बनना है या सूखा वाला।
टीचर ने पहली क्लास के बच्चे से कहा- कल तुम्हें जो अंग्रेजी का पढ़ाया था, उसे सुनाओ
बच्चा- मुझे नहीं आता मैम
टीचर- नहीं आता? अच्छा तो जो आता है वो सुना दो।
बच्चा- जाने मेरी जानेमन, बचपन का प्यार मेरा भूल नहीं जाना रे।
जब अध्यापक पहली कक्षा के बच्चों को कक्षा में कराए गए काम को सुनाने के लिए बोलता है तो वह बचपन का प्यार गाना सुना देता है। मतलब एक पहली के बच्चे को गाना याद है परंतु काम नहीं।
हमें आशा है कि आपको हमारे द्वारा बताए गए चुटकुले पसंद आए होंगे तथा हमने उसे समझाने के लिए कुछ लाइनों में उसकी व्याख्या भी की है। हम इसी प्रकार के विभिन्न रोचक, मनोरंजनपूर्ण और ज्ञानवर्धक चीजों के साथ जल्दी मिलेंगे। तब तक आप चुटकुले पढ़िए और अपने बच्चों को भी सुनाइए, खुद भी हंसे और दूसरों को भी हंसाइए ।
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