फिलीपींस चुनाव में बोंगबोंग मार्कोस
संपूर्ण विश्व में चुनाव का माहौल है इसी बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति चुनाव भी मई में हो रहे हैं जिसमें पूर्व तानाशाह फर्डिनेंड मार्कोस के बेटे बोंगबोंग मार्कोस के विजयी होने का अनुमान है।
संपूर्ण विश्व में चुनाव का माहौल है इसी बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति चुनाव भी मई में हो रहे हैं जिसमें पूर्व तानाशाह फर्डिनेंड मार्कोस के बेटे बोंगबोंग मार्कोस के विजयी होने का अनुमान है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल का छात्र
संपूर्ण विश्व में चुनाव का माहौल है इसी बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति चुनाव भी मई में हो रहे हैं जिसमें पूर्व तानाशाह फर्डिनेंड मार्कोस के बेटे बोंगबोंग मार्कोस के विजयी होने का अनुमान है।
पहले हम फिलिपिंस के बारे में कुछ आधारभूत चीजें जानते हैं।
फिलिपींस गणतंत्र
फिलिपिंस दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक द्वीपीय देश है जो आबादी के आधार पर विश्व में बारहवाँ सबसे बड़ा देश है।
इसकी राजधानी मनीला है। फिलीपींस में अधिकतर लोगों का धर्म ईसाई है और यहां की मुख्य भाषा फिलिपिनो है जो अंग्रेजी जैसी ही होती है।
अगर बात करें फिलीपींस के प्राकृतिक सौंदर्य की तो प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से यह बहुत प्रसिद्ध देश है। यह देश ज्वालामुखी के विस्फोट से निर्मित हुआ है इसीलिए यहां पर बहुत सारे प्राकृतिक संसाधन भी है।
फिलिपिंस पहले स्पेन के कब्जे में था। उसके बाद पेरिस समझौते के बाद अमेरिका के कब्जे में आ गया और कई आंदोलनों एवं विद्रोह के बाद जुलाई 1946 में अमेरिका से आजादी प्राप्त हुई। दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे पहले आजाद होने वाले देशों में फिलिपिंस शामिल है।
फिलीपींस राजनीतिक में मार्कोस परिवार
कुछ दशक पहले बोंगबोंग मार्कोस का परिवार राजनीति में बहुत मजबूत था। उनके पिताजी 1982 में शासक रहे और उन्होंने सैनिक शासन चलाया। उनके शासनकाल में लोगों पर बहुत अत्याचार हुए, फिर 1986 में लोगों ने उन्हें सत्ता से निकाल दिया। उनके परिवार के ऊपर लालच और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और उनके पिता के शासनकाल को बहुत क्रूर शासन का दौर माना गया। उनकी माताजी ने भी चुनाव लड़ने का प्रयास किया परन्तु उनकी हार हुई।
राजनीति में बोंगबोंग मार्कोस
1989 में उनके पिता की मौत के बाद बोंगबोंग मार्कोस राजनीति में लौटे तथा मार्कोस जूनियर के नाम से अपनी पहचान बनाई। इस वर्ष के फिलिपींस चुनाव में वह बहुमत से जीतते हुए प्रतीत हो रहे हैं, सीटों की गिनती अभी जारी है।
उन्होंने अपने पिता के क्रूर एवं तानाशाही शासनकाल को स्वर्णिम युग के रूप में परिभाषित किया जिस कारण से लोग उनका विरोध भी कर रहे है।
लोगों को चिंता है कि बोंगबोंग मार्कोस के रूप में कहीं इतिहास स्वयं को न दोहराएं एवं फिलिपींस को फिर से तानाशाही व्यवस्था का सामना न करना पड़े।
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