फिलिस्तीन और इज़राइल विवाद
सात साल बाद इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जेसे हलात बन गए हैं। उससे पहले 2014 में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। एक बार फिर से हो रहे हमलों और गोलाबारी के बीच फिर दोनों के बीच युद्द जैसे हालात बन गए हैं।
सात साल बाद इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जेसे हलात बन गए हैं। उससे पहले 2014 में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। एक बार फिर से हो रहे हमलों और गोलाबारी के बीच फिर दोनों के बीच युद्द जैसे हालात बन गए हैं।
रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
सात साल बाद इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध जेसे हलात बन गए हैं। उससे पहले 2014 में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। एक बार फिर से हो रहे हमलों और गोलाबारी के बीच फिर दोनों के बीच युद्द जैसे हालात बन गए हैं। हमास ने इज़राइल में 300 से अधिक रॉकेट से हमला किया था और इजरायली एयरफोर्स ने भी हवाई हमले में गाजा पट्टी में 13 मंजिला इमारत पर हमला किया था। इजरायल ने दो बहुमंजिला इमारतों को निशाना बनाया जिनके बारे में उसका कहना था कि उसका इस्तेमाल हमास के लोग करते थे।
फिलिस्तीन के संगठन हमास और इज़राइल के बीच हिंसा ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। पूरी दुनिया दोनों देश की वर्तमान स्थिति के लिए चिंता में है।
विवाद का कारण क्या है?
इज़राइल -फिलिस्तीन का झगड़ा करीब 100 सालों से चलता आ रहा है। इज़राइल एक राष्ट्र के रूप में सन् 1948 में स्थापित हुआ। मिडिल ईस्ट के देशों से मान्यता न मिलने के कारण इसे काफी संघर्ष करना पड़ा। आखिर में यह तय किया गया कि पश्चिमी जेरुसलम में इज़राइल का कब्जा रहेगा और पूर्वी हिस्से में जॉर्डन का कब्ज़ा रहेगा। 1967 में इजरायल का युद्ध जॉर्डन, सीरिया और फिलिस्तीनियों से हुआ। इस युद्ध में इजरायल ने जॉर्डन से पूर्वी जेरुसलम और वेस्ट बैंक का कब्ज़ा छीन लिया। तभी से इज़राइल और फिलिस्तीन की बीच विवाद चल रहा है।
जेरुसलम से जुड़ी धार्मिक मान्यताएँ –
पूर्वी जेरुसलम ईसाई, यहूदी और इस्लाम, तीनों के लिये ही अहम भूमिका रखता है। ईसाई धर्म में लोगों का मानना है कि यही वह जगह है जहाँ ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। उनका मकबरा यहीं के चर्च में स्थित है।
मुस्लिमों के अनुसार यहाँ डोम ऑफ रॉक (“Dome of Rock”, इस्लाम के अनुसार पैगम्बर मुहम्मद द्वारा जन्नत की यात्रा शुरू करने का स्थान) और अल अक्सा मस्जिद होने की वजह से यह जगह मायने रखती है।
यहूदियों का मानना है कि दुनिया का निर्माण करते समय इसी जगह आधारशिला रखी गई थी। इसके साथ ही यहाँ वेस्टर्न वॉल भी है जो एक पवित्र मंदिर का हिस्सा मानी जाती है।
शेख जर्रा पर आदेश
इज़राइल के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्वी जेरुसलम से फिलिस्तीनियों के सात परिवारों को निकाल देने के आदेश दिए थे। जिसके बाद हिंसा शुरू हुई। शेख जर्रा नाम की जगह से 70 फिलिस्तीनियों को पिछले कुछ हफ़्तों में निकाल कर उनकी जगह यहूदियों को लाने की तैयारी की जा रही थी, जिसके बाद ये हिंसा शूरु हुई।
कुछ लोगो का कहना है कि जेरुसलम और उसके आसपास इज़राइली पुलिस की मनमानी के कारण अशांति फैली है।
इनकी बीच झड़प की शुरुआत आखिरी सप्ताह अल-अक्सा मस्जिद से हुई। इस मस्जिद को इस्लाम में तीसरी सबसे पाक जगह बताया गया है। यहां पुलिस की साइड से आंसू गैस के गोले चले। फिलिस्तीनियों ने भी इज़राइली पुलिस पर पथराव किया।
इज़राइल में कई जगह प्रदर्शन
हमलों के बाद से ही पूरे इजरायल में अशांति का महल बना हुआ है। हजारों प्रदर्शनकारी एक शवयात्रा में शामिल भी हुई। गुस्साई भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया जिसमें 30 से ज्यादा वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके जवाब में यहूदियों की ओर से प्रदर्शन किया गया जिसमें अरब लोगों की कारों को निशाना बनाया गया।
मामले में इजरायल के प्रधानमंत्री का बयान-
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर इज़राइल अधिक ताकत का इस्तेमाल भी करेगा। उन्होंने कहा हैं कि हमास इस आक्रमकता की भारी कीमत चुकायेगा। बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को बयान देते हुये कहा है कि इज़राइल सीमा पुलिस बल की तैनाती करेगा और जारी अराजकता को रोकेगा। वहीं हमास का कहना है कि अगर इज़राइल इसे और भी ज्यादा बढ़ाना चाहता है तो हमास भी तैयार हैं।
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