इरशाद द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

पृथ्वी पर ध्रवों के आसपास के क्षेत्र को ध्रुवीय क्षेत्र कहा जाता है। आर्कटिक महासागर में उत्तरी ध्रुव के पास एक सुंदर देश है जिसका नाम ग्रीनलैंड है। इसे The land of Snow भी कहा जाता है क्योंकि इस देश का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा बर्फ़ से ढका हुआ है। यह क्षेत्रफल के अनुसार दुनिया का 12वां सबसे बड़ा देश है तथा दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है। इसकी जनसंख्या 56 हज़ार है जो इंग्लैंड के लगभग एक शहर के बराबर है।

ग्रीनलैंड की खोज

इस द्वीप की खोज़ एक प्रसिद्ध खोजकर्ता, एरिक द रेड ने की थी। अनुसंधान से पता चलता है कि 800 से 1300ई के आसपास वाइकिंस यहाँ पहुंचे थे तो यह क्षेत्र बहुत गर्म हुआ करता था। उस समय के हिसाब से इसका नाम ठीक था लेकिन अब ठीक नहीं लगता क्योंकि यहाँ हरियाली की जगह बर्फ़ ही बर्फ़ है। कहा जाता है कि एरिक द रेड को किसी कारणवश आइसलैंड से भगा दिया गया था और वो रहने के लिए दूसरी जगह की तलाश में था। उसने सुना हुआ था कि लगभग 108 वर्ष पूर्व पश्चिम में भूस्खलन में जगह खोजी गई थी गुन्न्बजोरन उल्फसन नाम के व्यक्ति द्वारा। इसलिए उसने उस जगह को ढूंढने के बारे में सोचा।

काफी लंबी यात्रा (समुद्री यात्रा) करने के बाद लगभग 2 वर्ष बाद वह ग्रीनलैंड द्वीप को खोज़ पाया। वह इस जगह की रहने योग्य बनाना चाहता था, वह चाहता था कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग उस जगह पर आकर रहें और इसी कारण उसने इस द्वीप का नाम ग्रीनलैंड रखा क्योंकि यह एक आकर्षित नाम है जैसे हरा- भरा जिससे लोग इस तरह आकर्षित हो और यहाँ आकर रहें।

ग्रीनलैंड- एक देश के रूप में

ग्रीनलैंड 1953 तक डेनिश उपनिवेश था। 1979 में  डेनमार्क ने ग्रीनलैंड को अपने खुद के नियम और कानून बनाने की अनुमति दे दी और इसने गृह शासन प्राप्त किया। 2009 में चुनाव होने के बाद शासन करने का अधिकार यहाँ की संसद को मिल गया और पूर्ण स्व-शासन शुरू हुआ। लेकिन अब भी यहाँ डेनमार्क की ही मुद्रा का उपयोग किया जाता है और कई राजनीतिक मामलों में डेनमार्क की अहम भूमिका है।

ग्रीनलैंड के कुछ तथ्य

ग्रीनलैंड में बहुत ठंड रहती है, यहाँ की सर्दी बहुत लंबी होती है। यहाँ काफी दिनों तक सूर्य उदय नहीं होता है। कई बार तापमान 0 डिग्री से नीचे तक चला जाता है। गर्मियों में कुछ क्षेत्रों में यहाँ पर्याप्त रूप से सूर्य उदय होता है लेकिन फिर भी यह बहुत ठंडे होते हैं। यहाँ का एक रोचक तथ्य है कि 25 मई से 25 जुलाई तक यहाँ सूर्य अस्त नहीं होता और जुलाई एक ऐसा महिना है जब तापमान थोड़ा ऊपर जाता है और यहाँ 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन, राष्ट्रीय अवकाश होता है।

यहा हाल ही में पर्यटन उद्योग का विस्तार हुआ है। यहाँ मत्स्य पालन और अनुदान ही लोगों का आय का स्त्रोत है। यहाँ पाएँ जाने वाले जानवरों मे हसकीस, हंपबैक, व्हेल, ध्रुवीय भालू, सील, कस्तूरी बैल, वालरस और सफ़ेद पूंछ वाले ईगल है।

यहाँ देश के झंडे में एक नीले ढाल में एक ध्रुवीय भालू है-  ध्रुवीय भालू का मतलब ग्रीनलैंड के जीव का प्रतीक है और नीला रंग अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों का प्रतिनिधित्व करता है।

इस देश में काफी कम सड़के हैं और करीब 30000 कारें है। इसी कारण यह विश्व में सबसे कम पेट्रोल इस्तेमाल करने वाली देशों में से एक है। यहाँ खेती नहीं की जाती। इसलिए यहाँ की लगभग पूरी आबादी नॉन वेजिटेरियन है क्योंकि यहाँ के लोग मछली और शिकार पर ही निर्भर करते हैं।

कोरोना की इस महमारी में ग्रीनलैंड में 31 कोरोना मरीज़ मिले थे जो ठीक भी हो गए हैं। ग्रीनलैंड की कई विशेषताओं ने इसे रहस्म्य बना दिया है।

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