दिवालियापन फ़ाइल करना किसे कहते हैं?
अक्सर हम दिवालिया शब्द सिर्फ व्यक्तियों के साथ जोड़ते हैं । हालांकि यह सच है कि व्यक्ति दिवालिया हो जाते हैं, लेकिन यह शब्द लोगों और संगठनों दोनों के लिए है...
अक्सर हम दिवालिया शब्द सिर्फ व्यक्तियों के साथ जोड़ते हैं । हालांकि यह सच है कि व्यक्ति दिवालिया हो जाते हैं, लेकिन यह शब्द लोगों और संगठनों दोनों के लिए है...
कक्षा 10 की छात्रा द्वारा लिखित
अक्सर हम दिवालिया शब्द सिर्फ व्यक्तियों के साथ जोड़ते हैं । हालांकि यह सच है कि व्यक्ति दिवालिया हो जाते हैं, लेकिन यह शब्द लोगों और संगठनों दोनों के लिए है..
आमतौर पर, ‘दिवालियापन’ शब्द सुनकर दिमाग में व्यक्ति ही आता है जैसे किसी व्यक्ति के पास बिलकुल पैसे नहीं रहे, उनकी सब बचत ख़तम हो गई हो ।
तो, इसका क्या मतलब है जब आप कहते हैं कि एक कंपनी ने दिवालियापन के लिए फ़ाइल किया है?
अक्सर हम दिवालिया शब्द सिर्फ व्यक्तियों के साथ जोड़ते हैं । हालांकि यह सच है कि व्यक्ति दिवालिया हो जाते हैं, लेकिन यह शब्द लोगों और संगठनों दोनों के लिए है । इसलिए सरल शब्दों में कहें तो एक संगठन दिवालियापन तब फ़ाइल करती है जब वह बैंकों या वित्तीय संस्थानों कों ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं (आपने अगर किसी से पैसे लिए हों तो उसको आपको वापिस देना होता है जिसे ऋण कहते हैं)
बहुत सारी कंपनियाँ अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण लेती हैं । यह फिर धीरे धीरे हर महीने करके पैसे लौटने होते हैं जब तक कि पूरे पैसे वापस न हो जाएँ ।
जब कंपनी अपने ऋण चुकाने में असमर्थ होती है तो वह वित्तीय संस्थान के कर्जे में आ जाती है । ऐसी स्थिति में, कंपनी या तो तुरंत दिवालिया होने का फ़ाइल कर सकती है या बैंक से कुछ दिनों की मोहलत मांग सकती है जिसमें बैंक कानूनी तौर पर कंपनी का भुगतान कुछ समय के लिए रोक देती है या कर्ज़ चुकाने के लिए थोड़ा ज़्यादा समय दे देती है ।
जब कंपनी एक बार अपने आप को दिवालिया घोषित कर देती है और कर्ज़ चुकाने में असमर्थ होती है तो उसे अदालत जाकर कानूनी तौर पर दिवालिया होना फ़ाइल करना होता है । एक बार ऐसे होने के बाद, अदालत एक व्यक्ति कों नियुक्त करती है उस कंपनी के कारोबार और मामलों कों समेंटने के लिए । इसके बाद कंपनी बंद कर दी जाती है और उसकी संपत्ति (जैसे ज़मीन या कुछ भी मूल्यवान चीज़) बेच दी जाती है ।
अब कंपनियों के दिवालियापन फ़ाइल करने की प्रणाली ठीक से बनी हुई है लेकिन जब व्यक्तिगत दिवालियापन की बात आती है तो भारत के वर्तमान कानून में कोई निर्धारित प्रक्रिया नहीं है ।
हालांकि यह ध्यान रखें कि दिवालियापन के कानून हर देश में एक जैसे नहीं होते हैं । जैसे कि अमेरिका में दिवालियापन फ़ाइल करने के अलग अलग नियमों के अध्याय हैं जैसे अध्याय 7, 11 और 13 । इन अध्यायों में दिवालियापन फ़ाइल करने के अलग अलग नियम और प्रक्रियाँ बताए गए हैं ।
अब जैसे कि भारत में व्यक्तिगत दिवालियापन फ़ाइल करने के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है लेकिन अमेरिकी दिवालियापन कानून का अध्याय 13 पूरी तरह से व्यक्तिगत दिवालियापन के मामलों के बारे में हैं और जो व्यक्तियों कों ऋण चुकाने के लिए मौका भी देता है।
अंत में बात वहीं आ जाती है कि अपना ऋण कैसे भरना है । दिवालियापन फ़ाइल करने से पहले अपने देश की सभी प्रक्रियायों कों समझ लेना चाहिए क्योंकि यह काफी गंभीर मामला है । और अगर आप कभी ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जहां आप कर्ज़ में हैं और आपको दिवालिया फ़ाइल करने की ज़रूरत है तो स्थिति से भागने की वजाय कानूनी कारवाई करना बेहतर है क्योंकि यह आपको कानूनी मुद्दों में फ़सा सकता है । भारत में दिवालियापन दायर करने की एक बड़ी समस्या यह है कि अगर कभी आप नए सिरे से शुरुयात करना चाहें और उसके लिए ऋण लेना हो तो वो कठिन हो जाता है क्योंकि बैंक ऐसे मामलों में काफी सावधान हो जाते हैं । हालांकि हमेशा सही काम करना बेहतर है जिससे आप वित्तीय परेशानी से बच सकें ।
यह सब मैं आपको इसलिए बता रही हूँ क्योंकि पिछले कुछ महीनों में कोरोनावाइरस की वजह से बहुत सारी कंपनियों के पैसे ख़तम हो गए हैं और वो अपना दिवालियापन होना दायर कर रहे हैं । अमेरिका में कुछ बहुत पुरानी और बड़ी कंपनियाँ बंद हो रही हैं – खाद्य भंडार से लेकर डिपार्टमेंट स्टोर तक ।