रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

इथियोपिया के एक क्षेत्र तिग्रे में हुई भयानक हिंसा की वजह से लोग भुखमरी और अकाल की समस्या से जूझ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र(United Nations) के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि इस अकाल की वजह से तिग्रे में करीब चार लाख लोग प्रभावित हैं। इस मामले को लेकर पहली बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) के सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि तिग्रे में रहने वाले करीब 33,000 बच्चे बहुत ही गंभीर रूप से कुपोषित हैं।

संयुक्त राष्ट्र सदस्य ने जानकारी दी है कि ये सब आठ महिने तक हुई हिंसा का परिणाम है। उन्होने कहा कि भले ही संघर्षविराम (Cease- Fire) हो गया हो लेकिन अभी भी हिंसा होने की पूरी संभावना है। स्थानिय लड़ाकों से संघर्ष कर रही इथियोपिया की सरकार ने 5 जुलाई को ही एकतरफ़ा संघर्षविराम (Cease- Fire) की घोषणा कर दी थी।

क्या है तिग्रे में विवाद?

इथियोपिया को जाति के आधार पर 10 राज्यों में विभाजित कर दिया गया था। सभी राज्यों में स्वायत्त (Self- Government) राज्य माना गया है। इसी के साथ ही यहां पर केंद्र सरकार भी मौजूद है। 2018 में हुई हिंसा के बाद अबी अहमद ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाल लिया था और समाधान को पेश किया था।

इसके बाद तिग्रे के राजनेताओं ने अबी अहमद पर आरोप लगाया कि वो केंद्र सरकार की शक्ति को राज्यों में बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यही से ही इथियोपिया की स्थिति खराब होने की शुरुआत हुई। इसके बाद सरकार ने कहा कि तिग्रे के विद्रोही सैनिकों के ठिकानो पर हमला करने का काम कर रहे हैं। तब से ही विद्रोहियों और सरकार के बीच में संघर्ष बढ़ गया है और ये लड़ाई अभी तक जारी है।

तिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) और इथियोपिया की सरकार पर लगा है मानवाधिकार उल्लंघन (Human rights violation) का आरोप:

सरकारी सेनाओं और तिग्रे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (TPLF) के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से अभी तक हजारों लोग अपनी जान गवा चुके हैं। इसके साथ ही करीब 20 लाख लोगों को इस जगह से हटाया जा चुका है। संघर्ष में शामिल दोनों ही दलों पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

करीब 52 लाख लोगों को है मदद की जरूरत:

3 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने न्यूयॉर्क में हुई एक बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा की बीते कुछ हफ्तों में तिग्रे की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई है। रमेश राजसिंघम ने बयान देते हुए कहा कि ये क्षेत्र सब से बुरे अकाल का सामना कर रहा है और करीब 52 लाख लोगों को मानवीय सहायता की तत्काल जरूरत है। इसमे भारी मात्रा में बच्चे और महिलायें मौजूद हैं।

तिग्रे की स्थिति हर दिन ख़राब होती जा रही है। तिग्रे को तत्काल सहायता की जरूरत है।

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