गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल का छात्र

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा के लिए देशों के बीच आपसी सहयोग से अनेक समूह बनाए जाते हैं जिसका उदाहरण नाटो (अमेरिका तथा पश्चिमी देशों का समूह), आसियान(दक्षिण पूर्वी राष्ट्रों का समूह), सार्क (दक्षिण एशियाई देशों का समूह) आदि है। आजकल क्वाड समूह बहुत चर्चा में है। आज हम उसके बारे में जानने का प्रयास करेंगे।

क्वाड का शाब्दिक अर्थ 

क्वाड शब्द क्वार्डिलिटरल शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका हिन्दी में शाब्दिक अर्थ चतुर्भुज है। क्वाड का पूर्ण रूप क्वार्डिलिटरल सिक्योरिटी डायलॉग है अर्थात चतुरपक्षीय सुरक्षा संवाद (चार देशों के बीच सुरक्षा संवाद)।

क्वाड क्या है? 

क्वाड एक चतुर्भुजी सुरक्षा एवं रणनीतिक गठबंधन है जिसमें चार देश भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल है। इन देशों को विश्व के नक्शे पर जोड़ा जाए तो यह चतुर्भुज की आकृति बनाते हुए प्रतीत होते हैं इसीलिए इसे क्वाड नाम दिया गया है। इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रुसेल्स में है।

क्वाड का इतिहास 

सबसे पहले क्वाड के  देश 2004 में आई भयानक हिंदमहासागरीय सुनामी के समय साथ आए थे तब इन देशों ने मिलकर सुनामी से मुकाबला किया तथा एक दूसरे की सहायता की थी।

क्वाड की शुरुआत औपचारिक रूप से सर्वप्रथम जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 2007 में की थी। उस समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति डिक चेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सहयोग किया।

लंबे समय तक क्वाड प्रभावी नहीं रहा। 2017 में चीन की बढ़ती तानाशाही तथा वर्चस्वकारी शक्ति के कारण दोबारा सक्रिय हुआ।

क्वाड का उद्देश्य 

हर राजनीतिक एवं सुरक्षात्मक समूह का कोई ना कोई उद्देश्य जरूर होता है। क्वाड का उद्देश्य प्रशांत महासागरीय क्षेत्र पर चीन के दबदबे को समाप्त करना तथा सभी देशों को स्वतंत्र व्यापार मार्ग उपलब्ध करवाना है।

इसका उद्देश्य एक नियम पर आधारित वैश्विक व्यवस्था बनाना है जहां कोई भी देश अपने वर्चस्व का शोषणकारी प्रयोग नहीं कर पाए।

क्वाड का एक उद्देश्य क्वाड देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करना तथा वैश्विक समस्याओं जैसे साइबर सुरक्षा, मानव अधिकारों का हनन, महामारी , पर्यावरण और शिक्षा जैसे मुद्दों पर आपसी विचारों एवं तकनीक का आदान प्रदान करना भी है।

क्वाड सम्मेलन 2022

एक लंबे अंतराल के बाद क्वाड सम्मेलन 24 मई, 2022 को जापान में किया गया जहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने भी हिस्सा लिया।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत संपूर्ण प्रवासी भारतीय जापानी नागरिकों तथा जापान मंत्रियों ने भव्य रूप से किया।

क्वाड का इस बार का एजेंडा था प्रशांत महासागरीय देशों को आर्थिक और ढांचागत सहयोग प्रदान करना ताकि कोई देश अन्य देश के ऋणजाल में ना फंसे।

क्वाड में यूक्रेन और रूस के युद्ध पर भी चर्चा हुई परंतु सभी देशों ने भारत की गुटनिरपेक्षता एवं रूस के प्रति सहयोगात्मक रवैया को अपना लिया।

क्या आप भी नन्ही खबर के लिए लिखना चाहते हैं?
संपर्क करें nanhikhabar@gmail.com पर

Headline image source: https://www.flickr.com/photos/meaindia/48801838443