कक्षा 9 की छात्रा द्वारा लिखित
तीन महीने से अधिक समय से लोकडाउन में होने के बाद भी कोरोना वाइरस के खिलाफ युद्ध खतम होता नहीं दिख रहा । हर बार कोई न कोई नयी समस्या सामने आ जाती है जब हम वाइरस से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए कोई तरीका ढूंढते हैं । और अभी यह पता चला कि लोगों को covid-19 हवा के जरिये भी हो सकता है ।
7 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी निर्देशों में नई जानकारी दी कि COVID -19 हवा के जरिये भी फैल सकता है । यह तब हुआ जब 32 अलग अलग देशों से 239 वैज्ञानिकों ने डबल्यूएचओ से कहा कि हवा से फैलने की संभावना भी है । हालांकि अभी तक यही पता चला है कि कोरोना वाइरस उन चोटी बूंदों से फैलता है जो एक संक्रमित इंसान के खाँसने या सांस छोड़ने पर निकलते हैं, वैज्ञानिकों को महामारी के शुरुयात से यह लगा था कि इसका संक्रमण हवा से फैल सकता है ।
किसी भी बीमारी के हवा से फैलने में, एरोसोल नाम के छोटे कण हवा में काफी देर तक रह जाते हैं जो दूसरों के द्वारा सांस लेते वक़्त अंदर चले जाते हैं । COVID -19 मुख्य रूप से तभी फैलता है जब नाक और मुह से निकली बूंदें ज़मीन और आसपास की चीजों पर गिर जाती हैं । एक स्वस्थ इंसान अगर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में है तो उसके साँस से निकली बूंदों से या किसी चीज़ को छूने से जिस पर ये बूंदें गिर गई हो, वो संक्रमित हो सकता है । तो तथ्य यही बताते हैं कि बीमार करने वाले कण मुह से निकलने के बाद ज़मीन पर गिर जाते हैं । लेकिन यह लंबे समय से कहा ही जा रहा था कि कोरोना वाइरस हवा के माध्यम से भी फैल सकता है और डब्ल्यूएचओ के बेनेडेटा एलेग्रांज़ी ने पुष्टि की कि covid-19 भीड़ भाड़ वाले इलाकों में हवा के माध्यम से भी फैल सकता है । डबल्यूएचओ ने यह भी स्वीकार किया कि बंद कम हवादार वाली जगहों पर यह एरोसोल के जरिये फैल सकता है ।
जबकि वैज्ञानिकों ने इसके हवा से फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया है, पर हम फिर भी COVID-19 को हवाई बीमारी नहीं मान सकते। इंडिया टुडे टीवी के साथ बातचीत में, डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि यदि यह बीमारी हवा से फैलती है तो अब तक सबको प्रभावित कर चुकी होती । डॉ स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि बड़े कण जल्दी से ज़मीन पर बैठ जाते हैं, लेकिन एरोसोल हवा में या एक तरह के वातवरण में 10 मिनट तक रहते हैं । यदि आसपास के लोगों द्वारा साँसे लेने के दौरान ये एरोसोल चला जाता है तो COVID-19 हो सकता है लेकिन उन्होने यह भी साफ किया कि यह बहुत ही भीड़ भाड़ वाले इलाके में ही फैल सकता है और लोग सामाजिक दूरी बना कर covid-19 से बच सकते हैं ।
हमारे लिए इसका क्या मतलब है ? क्या और अधिक नुकसान हो सकता है और अधिक प्रतिबंध लग सकते हैं ?
डबल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने हमे यह यकीन दिलाया कि ऐसा नहीं होगा । इन सबका बस यही मतलब है कि मास्क पहनना अति आवश्यक है और घर पर रहना बहुत ज़रूरी है । जब 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने मिलकर डबल्यूएचओ को यह समझाने की कोशिश करी कि हवा से फैलना एक संभावित खतरा हो सकता है, उन्होने हमे सामाजिक दूरी के बारे में बताना ज़रूरी समझा। डबल्यूएचओ ने जब अपने दिशा- निर्देश दिये तो उन्होने कहा कि वैज्ञानिकों को अपने तथ्य को साबित करने के लिए अभी इस क्षेत्र में और शोध की आवश्यकता है । अगर इतने सारे विशेषज्ञ इस बात को मानते हैं तो हम हवा से फैलने वाली बात से इंकार नहीं कर सकते लेकिन साथ में यह भी याद रखना चाहिए कि यही वैज्ञानिक यह कहते हैं कि संक्रमण फैलने का मुख्य कारण बड़ी बूंदें हैं।
तो अगली बार जब आपके सामने कोई इस covid-19 के इस तरीके से फैलने को लेकर परेशान हो रहा हो तो उसे यह यकीन दिलायें कि वो सरल उपाय करने से सुरक्षित रहेंगे ।