कक्षा 6 की छात्र द्वारा लिखित

अनौपचारिक क्षेत्र के कचरा बीनने वाले हमेशा हमारे शहरों और गाँव को अपनी पूरी दृढ़ता से साफ करने में लगे रहते हैं ।

बहुत सस्ती, सब जगह मिल जाने वाली, आसानी से संभल जाने वाली और पर्यावरण की दुश्मन- प्लास्टिक कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवा केन्द्रों और अस्पतालों को चलाने और हमारे स्वास्थ्यकर्मियों को बचाने में बहुत मदद कर रही है । चिकित्सा के उपकरण और सुरक्षा गियर सब इसी से बने होते हैं । जिस तरह से मास्क, दस्ताने, गाउन और अन्य उपकरणों की मांग बढ़ रही है, हमे पता है प्लास्टिक कहीं नहीं जाने वाला । वो हमेशा यहाँ रहा है और हमेशा रहेगा और खासतौर से ऐसी विपदायों के दौरान तो ज़रूर ।

लेकिन यह प्लास्टिक की खपत को देखने का केवल एक ही तरीका है । COVID -19 के भयानक प्रभाव और दुनिया भर में किए गए उपायों ने प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने वालों के लिए कई सवाल खड़े कर दिये हैं ।

हम उन लोगों की मदद कैसे करें जो इस महामारी से सबसे ज़्यादा आहत हुए हैं ? क्या रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री covid-19 से बच सकती है ? और हम कैसे एक ऐसी दुनिया में काम कर सकते हैं जहाँ “सामान्य” होना अब दूर तक दिखाई नहीं देता ?

अनौपचारिक क्षेत्र के कचरा बीनने वाले हमेशा हमारे शहरों और गाँव को अपनी पूरी दृढ़ता से साफ करने में लगे रहते हैं । इस महामारी की वजह से उन सभी लोगों को अपनी नौकरी और सुरक्षा के लिए खतरों का सामना करना पढ़ रहा है ।

हम उनके लिए कब खड़े होंगे, उनकी गरिमा, उनकी जरूरतों के लिए जो सिर्फ एक सरल और सुरक्षित जीवन जीना चाहते हैं ? क्या रीसाइक्लिंग इंडस्ट्री चल पाएगी ?

यह साफ है कि हमारी सरकार और उद्योगों को कुछ करना पड़ेगा । उन्हे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास covid-19 की चुनौतियों के लिए लड़ने का हर संभव सहारा हो । यह सुनिश्चित किया जा सकता है उनको व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण देकर और उनकी जरूरतों के लिए उनके पास सभी संसाधन उपलब्ध करा कर । स्वास्थ्य सुविधाएं हमसे ज़्यादा उनके लिए ज़रूरी हैं ।

यह समय बहुत कठिन है और हमे इस समय हर वो कोशिश करनी चाहिए जिससे किसी की मदद हो सके । हम सभी की तरह, कचरा उठाने वालों को भी गरिमा भरा जीवन मिलना चाहिए और हम सभी को इसके लिए काम करना चाहिए ।