रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

उत्तराखंड में फिर से राजनीतिक संकट आ गया है। उत्तराखंड में केवल चार महीने के अंदर ही सरकार का नया रूप देखने को मिलेगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 2 जुलाई को अपना इस्तीफा पत्र राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंप दिया। असल में ये मसला राज्य के उपचुनाव को लेकर खड़ा हुआ था। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि राज्य संवैधानिक संकट को देखते हुए मैंने ये फैसला लिया है और मुझे लगता है कि मेरा इस्तीफा देना सही है। कोविड के लिए राहत काम में हमारी सरकार ने कई जरुरी काम किए हैं। अंत मे उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी जी का शुक्रगुजार हूं जो उन्होंने मुझे ये अवसर प्रदान किया।

मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक बनना था विधानसभा का सदस्य:

तीरथ सिंह रावत पौड़ी के सांसद हैं और उन्होंने 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। उन्हे मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 10 सितंबर तक विधानसभा का सदस्य बनना था। उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव के लिए गंगोत्री और हल्द्वानी की दो सीटें खाली हैं और इन्ही दो सीटों पर उपचुनाव होना था। ऐसा कहा जा रहा था कि तीरथ सिंह रावत गंगोत्री की सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन राज्य में अगले साल ही फरवरी- मार्च के महीने में विधानसभा चुनाव होना तय था। इन चुनावों को देखते हुए केवल इन दो सीटों पर फिल्हाल उपचुनाव मुश्किल माने जा रहे थे। तीरथ के इस्तीफे के बाद तो बात साफ हो गई है कि विधानसभा की खाली दो सीटों पर उपचुनाव नहीं होगा।

111 दिन ही संभाल पाए मुख्यमंत्री का पद:

तीरथ सिंह रावत केवल 111 दिन तक ही अपने मुख्यमंत्री के पद को संभाल पाए। संवैधानिक बाधा की वजह से  उन्हे 10 सितंबर से पहले ही विधानसभा का सदस्य बनना था। लेकिन तीरथ सिंह रावत के विधानसभा पहुंचने के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा ये आई कि जब राज्य के विधानसभा चुनाव में केवल एक साल से भी कम समय बचा हो तो ऐसे में उपचुनाव नहीं करवाए जा सकते।

पुष्कर सिंह धामी बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री:

तीरथ सिंह रावत के 2 जुलाई को अपना इस्तीफा दे देने के बाद 3 जुलाई को राज्य में एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में ये तय किया गया कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। पुष्कर सिंह धामी ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद कार्यभार संभाल लिया। वे उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं। वे तराई के विधायक हैं और खटीमा के निवासी हैं। इसी के साथ ही वो तराई से सीएम पद की कुर्सी संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए।

पुष्कर सिंह धामी बने उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के सीएम:

पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने हैं। उनके मंत्रीमंडल में भी तीरथ सरकार के सभी मंत्रियों को जगह मिल गई है। आशा की जा रही है की सबसे युवा मुख्यमंत्री एक नए तरीके से काम करेंगे और राज्य की प्रगति में योगदान देंगे।

नए मुख्यमंत्री ने युवाओं को दिया तोहफा, 20,000 पदों पर भर्ती के लिए की घोषणा:

पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के बेरोजगार लोगों को बहुत बड़ी खुशखबरी दी है। नए मुख्यमंत्री की मंत्रीमंडल की पहली बैठक में 20 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने का फैसला पास किया गया है। ऐसा करने के साथ ही उन्होंने राज्य के युवाओं की प्रगति की तरफ बड़ा कदम उठाया है।

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