असम में भयंकर बाढ़
असम अपनी स्थलाकृति (एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं की व्यवस्था) के कारण वार्षिक बाढ़ का सामना करता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र है । हालांकि, इस साल तबाही और विनाश बहुत ज़्यादा हुआ है...
असम अपनी स्थलाकृति (एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं की व्यवस्था) के कारण वार्षिक बाढ़ का सामना करता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र है । हालांकि, इस साल तबाही और विनाश बहुत ज़्यादा हुआ है...
कक्षा 11 की छात्रा द्वारा लिखित
असम अपनी स्थलाकृति (एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं की व्यवस्था) के कारण वार्षिक बाढ़ का सामना करता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र है । हालांकि, इस साल तबाही और विनाश बहुत ज़्यादा हुआ है…
असम को दुर्लभ एक सींग वाले गैंडों का घर माना जाता है । उसके अलावा यह ब्रह्मपुत्र नामक नदी के लिए भी जाना जाता है जो विश्व की नौवी बड़ी नदी है । यही एक कारण है कि असम में हर साल बाढ़ आती है ।
तो इस साल यह समाचार में क्यूँ है ?
असम अपनी स्थलाकृति (एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं की व्यवस्था) के कारण वार्षिक बाढ़ का सामना करता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र हुआ है । हालांकि, इस साल तबाही और विनाश बहुत ज़्यादा है । ब्रह्मपुत्र और धनसिरी के साथ और कई नदियां अपने ‘खतरे के निशान’ से ऊपर बह रही हैं । बाढ़ के कारण भूस्खलन हुआ है, जिसकी वजह से पानी का प्रवाह और तेज़ हो गया ।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के प्रमुख एम.एस. मणिवन्नन के अनुसार, जो बांध बाढ़ से बचाने के लिए बनाए गए थे, वो भारी वर्षा और अन्य राज्यों और भूटान से पानी छोड़ने के कारण फट गए ।
बाढ़, कटाव के साथ इस कोविड संकट ने राज्य की समस्याएँ और बढ़ा दी हैं । जहाँ तक तुरंत करवाई का सवाल है, सरकार की तरफ से राहत कार्य शुरू हो गया है और लोगों के लिए शिविर लगाए गए हैं।
ऐसी बाढ़ की स्थितियों में ज़्यादातर मौतें ‘नदी के पास’ से होती हैं जब स्थानीय लोग मछ्ली पकड़ने के लिए नदी पार करने की कोशिश करते हैं । ऐसी मौतों को कम करने के लिए अधिकारियों ने वहाँ पर रहने वाले लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है ।
भारी वर्षा और बाढ़ ने पड़ोसी देशों को भी नुकसान पहुंचाया है जैसे कि नेपाल और बांग्लादेश । बांग्लादेश के कुछ लोगों को बिजली गिरने के कारण अपनी जान गवानी पड़ी ।
असम के लोग और वहाँ के वन्यजीव इन स्थितियों से बहुत ही धैर्य और ताकत से लड़ रहे हैं । लेकिन हालात अभी और खराब ही होंगे ।