22 जून, 2020 को, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने “इंदिरा रसोई योजना” का शुभारंभ किया: एक योजना जो हर दिन जरूरतमंद को दो पौष्टिक भोजन प्रदान करती है..
22 जून, 2020
को, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने “इंदिरा
रसोई योजना” का शुभारंभ किया: एक योजना जो
हर दिन जरूरतमंद को दो पौष्टिक भोजन प्रदान करती है..
22 जून, 2020
को, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने “इंदिरा
रसोई योजना” का शुभारंभ किया: एक योजना जो
हर दिन जरूरतमंद को दो पौष्टिक भोजन प्रदान करती है । यह योजना इस उद्देश्य से
निकाली गई जिससे राज्य में “कोई भी भूखा न सोए” । हालांकि,
भोजन की कीमत अभी तय नहीं की गई है, लेकिन
राज्य सरकार इस योजना पर सालाना 100 करोड़ खर्च करने का विचार कर रही है ।
इसका नाम प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, इंदिरा
गांधी की याद में रखा गया था, जो
भारत की दूसरे सबसे लंबे समय तक रहने वाली प्रधान मंत्री थी । योजना हर जिले की
आवश्यकताओं और जरूरतों का ध्यान रखेगी, और
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग उसको सही चलाने में किया जाएगा ।
इसी तरह की एक योजना राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा
राजे ने शुरू की थी जिसका नाम ‘अन्नपूर्णा
रसोई योजना’ था,
जिसमें 5 रूपये में नाश्ता और 8 रूपये में दोपहर का भोजन दिया जाता था। भाजपा
सरकार ने कहा था कि यह योजना मजदूरों, रिक्शा
चालकों, छात्रों,
कामकाजी
महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य लोगों
को फायेदा देगी । जैसे ही भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजना समाप्त हुई,
कांग्रेस ने इन्दिरा रसोई योजना शुरू कर दी ।
यह योजना मिड डे मील कार्यक्रम के जैसी है जो 1995 में शुरू
हुई थी, जो स्कूलों के छात्रों को
मुफ्त भोजन देती है । भारत जैसे विकासशील देश में इस तरह की योजनाओं का बहुत महत्व
है, जहां लोगों को एक समय का भोजन भी उपलब्ध करने
में कठिनाई होती है ।