चीता की विलुप्ति : एक महत्वपूर्ण सवाल
चीता बहुत अद्भुत जानवरों में से एक है क्योंकि यह बाघ और तेंदुए की तरह बहुत अधिक खतरनाक नहीं होता। यह शांत प्रवृत्ति का जानवर है इसलिए इसे पालना भी आसान होता है।
चीता बहुत अद्भुत जानवरों में से एक है क्योंकि यह बाघ और तेंदुए की तरह बहुत अधिक खतरनाक नहीं होता। यह शांत प्रवृत्ति का जानवर है इसलिए इसे पालना भी आसान होता है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
जैसा कि हम सभी ने सुना कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना जन्मदिन बहुत धूमधाम से मनाया और साथ में उन्होंने वर्षों पहले विलुप्त जीव चीता को नामीबिया से मंगवा कर मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रखवाया। ऐसे में यह खबर पर्यावरणवादियों के लिए बहुत उत्साहवर्धक तथा खुशी की थी परंतु आज केवल पर्यावरणवादियों के ही नहीं भारत के हर एक नागरिक जो पर्यावरण और जीव-जंतुओं को लेकर सचेत तथा संवेदनशील हैं सभी के मस्तिष्क में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर चीता भारत से एकदम विलुप्त कैसे हुआ? आज हम इसी प्रश्न पर एक लेख लेकर आए हैं।
चीता, एक अद्भुत जीव
चीता के विलुप्त होने के बारे में जानने से पहले हम चीता के बारे में कुछ मूलभूत जानकारी लेते हैं। चीता जमीन पर रहने वाला एक जानवर है जो बिल्ली की प्रजाति से संबंध रखता है। अगर हम उसकी रफ्तार और गति पर ध्यान दें तो इसकी रफ्तार बहुत तेज होती है और वह एक मांसाहारी जानवर है।
कई बार लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि चीता, तेंदुआ और बाघ एक ही जानवर है परंतु ऐसा नहीं है।
“चीता” शब्द की उत्पत्ति की बात करें तो चीता का संस्कृत अर्थ होता है चित्रकाई अर्थात बहुरंगी शरीर वाला। चीता के शरीर पर भी बहुत से रंग होते हैं इसलिए इस शब्द का प्रयोग किया गया है।
चीता बहुत अद्भुत जानवरों में से एक है क्योंकि यह बाघ और तेंदुए की तरह बहुत अधिक खतरनाक नहीं होता। यह शांत प्रवृत्ति का जानवर है इसलिए इसे पालना भी आसान होता है।
विश्व में चीता के विलुप्त होने के कारण
अगर हम बात करें चीता के विलुप्त होने की तो यह केवल भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में हो रहा है।
नेशनल ज्योग्राफिक की एक रिपोर्ट निकली, जिसमें पता चला कि चीता की शिकार में वृद्धि, जंगलों और उनके आवास की समाप्ति, जलवायु परिवर्तन आदि उनकी विलुप्ति का कारण है।
संपूर्ण विश्व में चीते की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं। इसका प्रमुख कारण कुछ इस प्रकार है:-
बढ़ता शिकार
चीते की प्रजाति की विलुप्ति का प्रमुख कारण जंगलों में होने वाला शिकार है बहुत अधिक मात्रा में शिकार के कारण इनकी समाप्ति देखने को मिल रही है। शिकारी अपने लालच के लिए चीते का शिकार करते हैं जिससे उन्हें बहुत अच्छी धनराशि प्राप्त होती है परंतु चीता की प्रजातियों को विलुप्ति का सामना करना पड़ता है।
जलवायु परिवर्तन
जैसा कि हम जानते हैं पिछले कुछ वर्षों में मानवीय क्रियाओं के कारण पृथ्वी के तापमान में बहुत तेज वृद्धि हुई है और जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है। इस जलवायु परिवर्तन का प्रभाव केवल मनुष्य पर ही नहीं अपितु जीव-जंतुओं पर भी पड़ता है जिसके कारण बहुत भारी मात्रा में जीव जंतुओं की मृत्यु हुई तथा चीते के विलुप्त होने की स्थिति सामने आई।
प्रजनन क्षमता में कमी
अगर हम चीते की प्रजनन क्षमता पर बात करें तो यह बहुत कम है अर्थात उनके बढ़ने की गति बहुत कम है परंतु मानवीय क्रियाओं के कारण उनकी समाप्ति की दर बढ़ गई है जिस कारण वह विलुप्त होते जा रहे हैं।
भारत में चीता के विलुप्त होने के कारण
भारत में चीता के विलुप्त होने के कारण वैश्विक कारणों से भिन्न हैं। यहां पर जलवायु परिवर्तन एक विशेष कारण नहीं है क्योंकि भारत में चीता 1952 में विलुप्त हुआ, जब जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण अपने चरम पर नहीं थे तो जानते हैं कि भारत में कौन से कारण हैं जिन्होंने चीता की समाप्ति मे अपनी भूमिका निभाई है:-
ऐतिहासिक कारण
अगर हम चीते के विलुप्त होने के ऐतिहासिक कारणों के बारे में जानकारी लें तो जैसा कि आप सभी ने पढ़ा होगा कि ब्रिटिश अधिकारी बाघ और चीता का शिकार करते थे और उन्हें कतारों में खड़े करके एक साथ मार दिया जाता था। यह उनके लिए खेल और बहादुरी का प्रतीक था परंतु इससे बहुत बड़ी मात्रा में चीता की मृत्यु हुई और ब्रिटिश समय में ही चीता की विलुप्ति आरंभ हो गई।
शिकार
चाहे विश्व हो या भारत दोनों ही स्थितियों में चीता की विलुप्ति का एक प्रमुख कारण शिकार है क्योंकि शिकारियों द्वारा अपने लालच की पूर्ति के लिए चीताओं का बहुत बड़ी मात्रा में शिकार किया गया। वह उनके शरीर तथा त्वचा का उपयोग कीमती वस्तुएं बनाने के लिए करते थे इस कारण से धीरे धीरे चीता की समाप्ति होने लगी।
कई लोग चीता का शिकार करके उन्हें बंधक बना लेते थे तथा उनका उपयोग खेल दिखाने के लिए या पालने के लिए करते थे ऐसा करने से चीता की संख्या में कमी आई है।
जंगलों की समाप्ति
चीता की विलुप्ति की घटना 1950 के आसपास सामने आई। 1952 के बाद से भारत मे चीता देखने को नहीं मिला। अगर आप याद करेंगे तो समझ पाएंगे इस दौरान भारत में बहुत बड़ी मात्रा में जंगल काटे जा रहे थे, स्वतंत्रता से पहले ब्रिटिश उद्योगों के विकास के लिए और बाद में भारतीय उद्योगों के विकास के लिए। इसी कारण चीता के आवास समाप्त हो गए और उनकी समाप्ति भी आरंभ हो गई।
आज हमने समझने का प्रयास किया कि चीता क्यों विलुप्त हुए। आज हर एक व्यक्ति को यह समझने की आवश्यकता है कि अगर हमने पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया तो जल्द ही अन्य जीव-जंतु भी समाप्त होने की स्थिति में होंगे। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें ताकि हर एक व्यक्ति जागरूक हो सकें। हम इसी प्रकार के लेख लेकर फिर मिलेंगे।
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