गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

आजकल सोशल मीडिया, टीवी एवं रेडियो आदि पर प्राईड मंथ पर चर्चा चल रही है। आप सभी ने भी इसके बारे में जरूर सुना होगा। परंतु हर एक आम व्यक्ति को इसके बारे में सम्पूर्ण ज्ञान एवं जागरूकता नहीं है इसीलिए आज हम प्राइड मंथ के बारे में आधारभूत जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे जो बहुत आवश्यक है।

प्राइड मंथ पूरे विश्व में एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाता है तथा उनके संस्कृति एवं विकास के जश्न के रूप में मनाया जाता है। प्राईड मंथ के दौरान लोगों को जागरूक किया जाता है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग भी मनुष्य हैं, केवल वे हमसे कुछ अलग हैं परंतु हमारी ही तरह ईश्वर द्वारा निर्मित किए गए है इसलिए उनके साथ हमें समानतापूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

प्राइड मंथ क्या है?

प्राइड मंथ उत्सव

आपके मस्तिष्क में यह सवाल जरूर आ रहा होगा की प्राइड मंत्थ क्या होता है? जून के महीने को एलजीबीटीक्यू समुदाय के प्रतिनिधि महीने के रूप में गौरव माह या प्राइड मंथ कहा जाता है। हर वर्ष जून के पूरे महीने को प्राईड मंथ के रूप में मनाया जाता है। यह महीना एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए एक त्यौहार एवं जश्न जैसा होता है जो उन्हें खुद के अस्तित्व को अपनाने तथा अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा देता है। एलजीबीटीक्यू समुदाय मे लैस्बियन, गे, बायसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर एवं क्वीर आते हैं जिन्हें हमारे समाज में पुराने समय से ही एक कलंक एवं अभिशाप के रूप में देखा जाता रहा है। प्राइड मंथ को एलजीबीटीक्यू लोगों के संघर्ष और बलिदान के याद के रूप में भी मनाया जाता है।

प्राइड मंथ का इतिहास

यह समाज हमेशा से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए चुनौतियां से भरा रहा है। इस प्रकार प्राईड मंथ को मनाने के पीछे भी एक बड़ा संघर्षों और बलिदानों से जुड़ा इतिहास है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के साथ हमेशा से ही असमानता का व्यवहार किया गया है चाहे वह भारत जैसा विकासशील देश हो या फिर अमेरिका जैसा विकसित देश ही क्यों नहीं।

आजकल फिर भी जागरूकता में बहुत वृद्धि हुई है तथा लोगों की सोच में परिवर्तन आया है। पुराने समय में उन्हें सामान्य लोगों के साथ रहने खाने-पीने , खुशियां मनाने, यहां तक शराब पीने की भी मनाही थी। 28 जून 1969 को न्यूयॉर्क में पुलिस ने ग्रीनविच विलेज में स्थित एक एलजीबीटीक्यू समुदाय के क्लब जिसका नाम स्टोनविल था को लाइसेंस न होने का बहाना बनाकर छापा मारकर बंद करवा दिया।

इसके बाद एक बहुत बड़ी विरोध की लहर उमड़ पड़ी। इसके विरोध में संपूर्ण क्लब कर्मचारी, अश्वेत, ट्रांसजेंडर समुदाय सभी एकजुट हो गए। उन लोगों को 6 दिनों तक संघर्ष करना पड़ा। इनकी मांग थी कि ऐसे स्थान की स्थापना की जाए जहां पर एलजीबीटीक्यू समुदाय भी जा सकते हैं एवं एलजीबीटी समुदाय को भी कहीं भी जाने – आने की स्वतंत्रता प्रदान की जाए।

इस विरोध के समयकाल के दौरान एलजीबीटीक्यू समुदाय के कुछ लोग भी मारे गए। दंगा फसाद भी बहुत बढ़ गया। इस विरोध को स्टोनवेल दंगे के नाम से जाना जाता है। इसी की याद में पूरे जून को प्राइड मंथ के रूप में मनाया जाता है।

प्राइड मंथ को मान्यता देने वाले वैश्विक नेता

आज के समय में जागरूकता में वृद्धि हो रही है तथा लोगों के रूढ़िवादी सोच में भी परिवर्तन आ रहा है एवं अधिक से अधिक लोग एलजीबीटीक्यू समुदाय को अपना रहे हैं। एलजीबीटीक्यू समुदाय का यह आंदोलन अमेरिका में आरंभ हुआ। ऐसे में इसे स्वीकृति देने वाले कुछ नेता भी है जिन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय तथा प्राइड मंथ को न केवल मान्यता दी है बल्कि अन्य लोगों को भी इन्हें अपनाने को प्रेरित किया है।

वैश्विक स्तर पर एलजीबीटीक्यू समुदाय को मान्यता देने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन थे जिन्होंने 1999 में इन्हें मान्यता दी।

अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अपने ट्विटर के द्वारा एलजीबीटीक्यू समुदाय को मान्यता दी तथा उनके साथ समानता का व्यवहार करने की बात की थी।

डोनाल्ड ट्रंप को आप सभी जानते होंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने भी 2019 में अपने ट्विटर अकाउंट पर एलजीबीटीक्यू समुदाय को मान्यता दी।

प्राइड मंथ का झंडा

प्राइड मंथ का  झंडा

यह प्राइड मंथ का महीना चल रहा है तो प्राइड मंथ के झंडे को ऊर्जा एवं एक नई शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। झंडा किसी भी आंदोलन तथा मूवमेंट की क्रांतिकारी का प्रतीत होता है जो विभिन्न लोगों को एक साथ जोड़ता है। फिर दिमाग में यह सवाल भी उठता है कि प्राइड मंथ का झंडा इतना रंगीन क्यों है? प्राइड मंथ का झंडा संपूर्ण एलजीबीटीक्यू समुदाय का वैश्विक प्रतिनिधित्व करता है जिसको 1978 में सैन फ्रांसिस्को के एक प्रसिद्ध कलाकार गिल्बर्ट बेकर द्वारा बनाया गया है। इसके रंगों की एक विशेष पहचान है तथा उसका एक विशेष महत्व है।

प्राइड मंथ के झंडे में आठ रंग सम्मिलित हैं। जिनमें गुलाबी, लाल नारंगी, पीला, हरा, फिरोजी, नीला एवं बैंगनी शामिल है। गुलाबी रंग सेक्स, लाल रंग जिंदगी, नारंगी रंग इलाज, पीला रंग सुरज की रोशनी, हरा रंग प्रकृति, फिरोजी रंग जादू या कला, नीला रंग शांति और बैंगनी रंग आत्मा का प्रतीक है।

प्राइड मंथ कैसे बनाया जाता है?

प्राइड मंथ में जून की शुरुआत से लेकर अंतिम तिथि तक बहुत सारे मौज मस्ती एंव जागरूकता भरे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें विभिन्न रैलियां, पार्टियां, विभिन्न प्राइड परेड, पिकनिक, संगीत कार्यक्रम एवं अन्य कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं जो संपूर्ण विश्व में अलग-अलग जगह पर लोगों को आकर्षित करता है। एलजीबीटीक्यू समुदाय अपने इस आंदोलन के बलिदान पर महीने भर जश्न मनाता है। इस महीने के लिए नए-नए वेशभूषा, श्रृंगार तथा गहने खरीदते हैं।

अमेरिका से आरंभ हुआ यह आंदोलन आज संपूर्ण विश्व में फैल गया है और सभी लोगों को इसके प्रति जागरूक होना आवश्यक है। हमें एलजीबीटीक्यू समुदाय को समानतापूर्ण एवं गरिमापूर्ण नज़रिए से देखना चाहिए। आज एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग भी अपनी पहचान बनाने तथा सफलता प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमें उनका साथ देना चाहिए न कि उनके विरोधी के रूप में खड़ा होना चाहिए।

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