कनाडा में आपातकाल
संपूर्ण विश्व में करोना महामारी का कहर छाया हुआ है। इस दौरान विश्व के विभिन्न देशों में नागरिकों ने सरकार की वैक्सीन से संबंधित गलत नीतियों एवं अनुचित प्रतिबंधों का विरोध किया है।
संपूर्ण विश्व में करोना महामारी का कहर छाया हुआ है। इस दौरान विश्व के विभिन्न देशों में नागरिकों ने सरकार की वैक्सीन से संबंधित गलत नीतियों एवं अनुचित प्रतिबंधों का विरोध किया है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 18 साल का छात्र
संपूर्ण विश्व में करोना महामारी का कहर छाया हुआ है। इस दौरान विश्व के विभिन्न देशों में नागरिकों ने सरकार की वैक्सीन से संबंधित गलत नीतियों एवं अनुचित प्रतिबंधों का विरोध किया है। इसी कड़ी में कनाडा में ट्रक ड्राइवरों का विरोध देखने को मिल रहा है। इस मुद्दे को समझने के लिए हमें इसके कारण, लोगों की मांगों, विरोध करने के तरीके एवं उसके प्रभाव को समझने की आवश्यकता है।
विरोध के कारण
साल 2021 के नवंबर महीने में कनाडा सरकार ने कहा कि सभी ट्रक ड्राइवरों सहित सभी सीमा को पार करने वाले लोगों को सीमा पार करते समय टीकाकरण का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस जनादेश के तहत अमेरिका से कनाडा आने वाले ट्रक चालकों को हर बार कोविड-19टेस्ट करवाना होगा और 2 सप्ताह के क्वारंटाइन से गुजरना होगा। यह नियम 15 जनवरी से लागू होने वाला था परंतु अभी इसका विरोध चल रहा है जिस कारण इसे स्थगित किया गया है। अमेरिका सरकार ने भी इसी प्रकार का कानून अपने देश में 22 जनवरी से लागू कर दिया है।
जैसे ही नियम लागू हुआ कुछ लोगों ने इसे मानना आरंभ किया परंतु कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया। यह लोग मुख्य रूप से एंटी वैक्सीन, एंटी मास्क, एंटी लॉक डाउन भावनाओं से प्रेरित थे। इन्होंने अपने इस विरोध प्रदर्शनको “फ्रीडम कॉन्वॉय” का नाम दिया।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
इन विरोधियों की मांग है कि सरकार सभी प्रकार के जनादेश और प्रतिबंध को समाप्त करके उन्हें स्वतंत्र रूप से व्यापार एवं आवागमन की इज़ाजत दे।
विरोध करने के तरीके
इन टैक्टर ड्राइवरों ने शांति पूर्ण रुप से विरोध आरंभ किया था। इन्होंने सड़कों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया परंतु इससे सड़कों पर जाम लग गया जिसके परिणामस्वरूप सेवाओं में व्यवधान हुआ और निवासियों को असुविधा झेलनी पड़ी।
धीरे-धीरे यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक रूप में बदल गया जिसमें लोगों ने पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया जिससे प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी दोनों ही घायल हुए।
29जनवरी को प्रदर्शनकारियों ने सरकार के विरोध में सैकड़ों ट्रक सड़कों पर उतार दिए जिसमें हजारों लोग भरे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर का घिराव किया।
विरोध का प्रभाव
इस विरोध का देश की स्थिति पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा। जिसके कारण कनाडा की अर्थव्यवस्था रूकती हुई प्रतीत हुई। संपूर्ण देश में अशांति और अराजकता की स्थिति आ गई है। सड़कों और अन्य मार्गों के अवरूद्ध होने के कारण आर्थिक हानि हो रही है।देश की आंतरिक सुरक्षा खतरे में है। कई स्कूल,कॉलेजों और सरकारी संस्थानों को बंद कर दिया गया है। जिसके कारण देश में प्रशासनिक कार्य रूक गया है। कनाडा सरकार ने विदेश से आने वाले छात्र-छात्राओं को भी कनाडा आने से रोका है। स्थिति सीमा से बाहर हो जाने के कारण सोमवार, 14 फरवरी को कनाडा में आपातकाल की घोषणा की गई।
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