गीतांजली पाण्डेय द्वारा लिखित, 17 साल की छात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर, 2020 को हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित अटल सुरंग का उद्दघाटन किया। उनके साथ रामनाथ सिंह, जय राम ठाकुर और विपिन रावत भी इस समारोह में शामिल थे। अटल सुरंग समुद्र तल से 3,000 मीटर ऊपर दुनिया की सबसे लंबी मोटर योग्य सुरंग है जो हिमाचल प्रदेश के परिवहन तंत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सुरंग निर्माण का इतिहास

  • प्रधानमंत्री नेहरू जी ने 1960 में स्थानीय जनजातियों के साथ रोहतांग दर्रा के लिए एक रस्सी के रास्ते पर चर्चा की थी। लगभग 39 साल बाद 1983 में इस सुरंग की कल्पना प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी।
  • 2000 में इस परियोजना की लागत, 500 करोड़ थी और इस सात वर्षों में पूरा होना था। मई 2002 में सीमा सड़क संगठन (BRO) ने लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश सूरी के नेतृत्व में इस सड़क सुरंग मार्ग के निर्माण की योजना आरंभ की। सुरंग के प्रवेश मार्ग का उद्दघाटन अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसम्बर 2019 को श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके सम्मान में रोहतांग सुरंग का नाम अटल सुरंग रख दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर, 2020 को इस सुरंग का उद्दघाटन करके इसे आरंभ कर दिया है।

विशेषताएँ

  • अटल सुरंग की कुल लंबाई 9.02km (5.6 मील) है।
  • अटल सुरंग का आकार घोड़े के नाल के आकार का है।
  • अटल सुरंग मार्ग के सड़क की कुल चौड़ाई 10मीटर (32.8 फीट) है और इसके दोनों ओर 8 मीटर और 1 मीटर फुटपाथ है।
  • अटल सुरंग दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित सबसे लंबी सुरंग है। यह सुरंग समुद्रस्तर से 3,000-3,100 मीटर या 9,840-10,170 फीट ऊँचाई पर स्थित है।
  • इस सुरंग ने नामित वाहनों को गति 80km प्रति घंटा अर्थात 50 मील प्रति घंटा निर्धारित की गई है।
  • इस क्षेत्र में तापमान भिन्नता अधिक है। यहाँ मई-जून में तापमान 25-30°C तथा दिसम्बर-जनवरी में -20°C होता है। अटल सुरंग में वेंटिलेशन की एक सुप्यस्थित प्रणाली का निर्माण भी किया गया है।
  • इस सुरंग मार्ग के निर्माण से मनाली और लेह लद्दाख के बीच की दूरी 46km हो गई है और इससे 4-5 घंटे तक के समय की बचत होती है।

सुरक्षात्मक उपाय

  • सुरंग को न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके बनाया गया है और इसमें वेंटीलेटर भी लगाए गए है।
  • 2.25 मीटर उच्च और 3.6 मीटर चौड़ी आपातकालीन सुरंग को सुरंग क्रॉस-सेक्शन में जोड़ा गया है जो आपातकाल के दौरान निरीक्षण के लिए मुख्य मार्ग के नीचे है।
  • प्रत्येक 150 मीटर में एक टेलीफोन सुविधा, प्रत्येक मीटर में अग्नि हाईड्रेट और प्रत्येक 500 मीटर में आपातकाल निकास द्वार है।
  • रोहतांग सुरंग के रूप में भारी यातायात वाहनों का प्रबंधन और हर 1 किलोमीटर में वायु गुणवत्ता की जांच एवं प्रदूषण की जांच की जाएगी।
  • इस सुरंग में प्रत्येक 250 मीटर में सीसीटीवी कैमरों के साथ संचालित घटना का पता लगाने वाले कैमरा सिस्टम होगा । आपातकालीन स्थिति में महत्वपूर्ण घोषणाएँ करने के लिए सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी होगी ।
  • रोहतांग दर्रा क्षेत्र में भारी बर्फबारी एक प्रमुख चिंताजनक विषय है। सड़कों को किसी भी प्रकार की क्षति के लिए और आने जाने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए, हिमस्खलन नियंत्रण संरचनाओं का निर्माण किया गया है ।

महत्व

अटल सुरंग लद्दाख ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा:

  • पूरे साल का संपर्क – अटल सुरंग लद्दाख के लिए पूरे साल की कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में पहला कदम है। सुरंग सीमावर्ती क्षेत्रों को साल भर लद्दाख, मनाली और चंडीगढ़ से जोड़ने की क्षमता रखता है क्योंकि यह रोहतंग दर्रा को बाईपास करेगा जो सर्दियों के महीने में बर्फ से ढका रहता है।
  • सामरिक महत्व –  यह सुरंग सीमावर्ती क्षेत्रों को साल भर कीकनेक्टिविटी प्रदान कर के देश की सशस्त्र सेनाओं को एक रणनीतिक एवं सामरिक लाभ प्रदान करेगा।
  • आधारभूत सुविधाओं तक पहुँच – लद्दाख के निवासी जिन्हे स्वास्थ्य सुविधा और खाद्य आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, अब वे इस नई सुरंग का उपयोग करते हुए मनाली पहुँच सकेंगे और देश के बाकी हिस्सों से जुड़ सकेंगे। पेट्रोल और सब्जी की आपूर्ति जैसी आवश्यक वस्तुएँ भी पूरे वर्ष उपलब्ध होंगी।
  • किसानों के लिए लाभदायक – यात्रा के समय में गिरावट से कई लोगों को मदद मिलेगी, विशेषकर एसे किसान जिनकी मटर एवं आलू जैसी कीमती फसले बाज़ार तक पहुँचने से पहले ही ट्रक में खराब हो जाती थी अब उनको इस प्रकार की हानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
  • पर्यटन को बढ़ावा – हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जिससे वहाँ के निवासियों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।

निष्कर्ष

अतः अटल सुरंग का निर्माण सम्पूर्ण भारत देश के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा और अपनी अद्भुत विशेषताओं के लिए सम्पूर्ण विश्व में जाना जाएगा। इस सुरंग मार्ग के द्वारा यात्रा करने में सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश राज्य के निवासियों का समय, ऊर्जा, पैसों की बचत होगी। इस सुरंग मार्ग के द्वारा लद्दाख का क्षेत्र सदैव सम्पूर्ण देश से जुड़ा रहेगा परंतु नागरिकों को इस सुरंग मार्ग का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग करना होगा ताकि दुर्घटनाओं से बचाव संभव हो सके।

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