विश्व गर्भनिरोधक दिवस
दुनिया भर में 26 सितंबर के दिन हर साल विश्व गर्भनिरोधक दिवस (World Contraception Day) मनाया जाता है।
दुनिया भर में 26 सितंबर के दिन हर साल विश्व गर्भनिरोधक दिवस (World Contraception Day) मनाया जाता है।
प्रियंका द्वारा लिखित, 18 साल की छात्रा
दुनिया भर में 26 सितंबर के दिन हर साल विश्व गर्भनिरोधक दिवस (World Contraception Day) मनाया जाता है।
इस दिवस को मनाने की शुरुआत 26 सितंबर 2007 से हुई थी।
विश्व गर्भनिरोधक दिवस को मनाने का उद्देश्य
इस कार्यक्रम में महिलाओं को गर्भ धारण से बचाव के बारे में बताया जाता है।
विश्व गर्भनिरोधक दिवस के बारे में
विश्व गर्भनिरोधक दिवस (डब्ल्यूसीडी) पहली बार 26 सितंबर 2007 को जन्म नियंत्रण और परिवार नियोजन की समझ में सुधार के लिए मनाया गया था।
डब्ल्यूसीडी का प्रमुख उद्देश्य अवांछित गर्भधारण को रोकने में गर्भनिरोधक की प्रभावशीलता की समझ को बढ़ाना है, जो अक्सर उच्च जोखिम वाले गर्भपात और मातृ मृत्यु दर और एचआईवी जैसे यौन संचारित रोगों का कारण बनता है।
गर्भनिरोधक का महत्व
गर्भनिरोधक जानकारी और विधियों तक पहुंच सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य के लिए मौलिक है। अवांछित गर्भधारण की रोकथाम मातृ अस्वस्थता और मृत्यु की घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गर्भनिरोध और परिवार नियोजन युवा लड़कियों और बड़ी उम्र की महिलाओं में गर्भधारण में देरी करने में फायदेमंद हो सकता है, जो अनपेक्षित गर्भधारण से स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते जोखिम में हैं। अनचाहे गर्भधारण की दरों को कम करके, गर्भनिरोधक भी असुरक्षित गर्भपात की आवश्यकता को कम करता है जबकि माताओं से नवजात शिशुओं में एचआईवी संचरण के जोखिम को कम करता है।
विभिन्न प्रकार के गर्भनिरोधक
गर्भनिरोधक विधियों के सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले प्रकार हैं:
कंडोम: यह गर्भनिरोधकता का सबसे आसान तरीका है जिसका उपयोग आजकल भारी मात्रा में किया जाता है।
अंतर्गर्भाशयी उपकरण: इस उपकरण के द्वारा गर्भनिरोधक संभव है। यह गर्भाशय में शिशु की उत्पत्ति को रोकता है।
महिला नसबंदी: महिला नसबंदी महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधकता के लिए अपनाया जाता है।
पुरुष नसबंदी: पुरुष नसबंदी मुख्य रूप से पुरुषों द्वारा उपयोग किए जाने वाली विधि है जो पुरुषों में गर्भनिरोधकता उत्पन्न करता है।
हम सभी जानते हैं बढ़ती जनसंख्या संपूर्ण समाज देश और विश्व के लिए समस्या के रूप में उत्पन्न हो रही है और हमारे संसाधनों पर अवांछित बोझ डाल रही है इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण करके ही समस्याओं का समाधान हो सकता है जिसके लिए लोगों में गर्भनिरोधक विधियों के प्रति जागरूकता की बहुत आवश्यकता है ताकि वे परिवार नियोजन कर सके तथा अपने बच्चों को एक बेहतर भविष्य दे सकें।
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