अभिषेक द्वारा लिखित,18 साल का छात्र

रमेशबाबू प्रज्ञानानंद’ भारत के मशहूर युवा ग्रैंडमास्टर हैजिन्होंने हाल ही में 20 फरवरी,2022 को हुए ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौड़ में वर्ल्ड चैंपियन नार्वे के मैग्नस कार्लसन(Magnus Carlsen) को 39 चाल में हराकर नया इतिहास रचा है। उन्होंने महज 16 साल की कम उम्र में ही ऐसा काम कर दिखाया है। ऐसा करके उन्होंने न केवल अपने लिए नई उपलब्धि हासिल की बल्कि उन्होंने ‘मैग्नस कार्लसन’ को हराकर उनके विजय अभियान पर भी रोक लगा दी है,जिन्होंने इससे पहले लगातार तीन बाजियां अपने नाम की थी। तो चलिए विस्तार से जानते हैं ‘रमेशबाबू प्रज्ञानानंद’ के बारे में।

रमेशबाबू प्रज्ञानानंद का जन्म 10 अगस्त,2005 को चेन्नई में हुआ था। उनके पिता का नाम रमेशबाबू व माता का नाम नागलक्ष्मी है। उनके पिता पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। शतरंज के खेल में उनका मन उनकी बहन(वैशाली) के शौक के चलते प्रारंभ हुआ था। उनकी बड़ी बहन(वैशाली) भी एक महिला ग्रैंडमास्टर है। दरअसल वैशाली के ग्रैंडमास्टर बनने के पीछे उनके माता-पिता का बहुत बड़ा हाथ है। वैशाली के माता-पिता यह नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी टीवी पर ज्यादा कार्टून देखें इसलिए उन्होंने वैशाली को शतरंज(चैस) खेलने के प्रति उत्तेजित कियाजिसके परिणामस्वरूप आज वैशाली एक सफल महिला ग्रैंडमास्टर बन चुकी हैं। बाद में अपनी बड़ी बहन की देखा देखी प्रज्ञानानंद ने भी शतरंज खेलना प्रारंभ कर दिया। उन्होंने महज 3 साल की कम उम्र में ही शतरंज के गुण सीखने शुरू कर दिए थे।

प्रज्ञानानंद के शतरंज कैरियर की बात करें तो उन्होने:

  • साल 2013 में वर्ल्ड यूथ मिनरक्राफ्ट चैंपियनशिप अंडर-8 का खिताब अपने नाम कियाजिसके चलते उन्हें 7 साल की उम्र में FIDE मास्टर का खिताब मिला।
  • साल 2015 में उन्होंने अंडर-10 का खिताब अपने नाम किया।
  • फिर साल 2016 में वह महज 10 साल,10 महीने और 19 दिन की उम्र में इतिहास के सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गए।
  • साल 2017 के नवंबर माह में उन्होंने ‘विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप’ में अपना पहला ग्रैंडमास्टर ‘मानदंड’ हासिल कियाजिसमें वह 8 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे।
  • उसके बाद 17 अप्रैल,2018 को उन्होंने ग्रीस में हेराक्लिओन फिशर मेमोरियल जीएम नॉर्म टूर्नामेंट में अपना दूसरा ग्रैंडमास्टर ‘मानदंड’ हासिल किया।
  • फिर 23 जून,2018 को उन्होंने इटली के ‘उर्टिजी ग्रेडीन ओपन में 12 साल,10 महीने और 13 दिन की उम्र में तीसरा व अंतिम मानदंड को अर्जित करके ग्रैंडमास्टर’ का खिताब हासिल किया। इस उम्र में वह इस खिताब को हासिल करने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए।
  • उन्होंने 12 अक्टूबर,2019 को अंडर-18 में 9 अंकों के साथ विश्व युवा चैंपियनशिप में जीत हासिल की।
  • दिसंबर, 2019 में उन्होंने 14 साल,3 महीने और 24 दिन की उम्र में 2600 की रेटिंग हासिल करने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए।
  • इसके बाद अप्रैल 2021 में उन्होंने ‘जूलियस बेयर ग्रुपChess24.com द्वारा युवाओं के लिए आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम- जुलियस बेयर चैलेंजर्स शतरंज टूर के पहले चरण(पोलगर चैलेंज) के विजेता घोषित हुए।
  • इतना ही नहीं साल 2022 में वह ‘टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट’ द्वारा आयोजित मास्टरर्स चैंपियनशिप के विजेता भी बने।
  • इसके साथ ही उन्होंने 20 फरवरी,2022 को आयोजित हुए ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स’ के आठवें दौर में वर्ल्ड चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन’ को 39 चाल में हराकर नया इतिहास रच दिया।

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