भारत सरकार ने यूएई में प्रथम आई आई टी संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया
भारतीय शिक्षा तो वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने यूएई में प्रथम भारतीय तकनीकी संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है।
भारतीय शिक्षा तो वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने यूएई में प्रथम भारतीय तकनीकी संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है।
गीतांजलि द्वारा लिखित,18 साल का छात्र
भारतीय शिक्षा तो वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने यूएई में प्रथम भारतीय तकनीकी संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह संयुक्त अरब अमीरात एवं भारत के बीच हुए एक व्यापारिक समझौते का हिस्सा है।
समझौता कब हुआ?
इस समझौता पर इसी माह में दिनांक 18 फरवरी को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा हस्ताक्षर किया गया। यह पहली बार होगा जब भारतीय तकनीकी संस्थान(आईआईटी) की स्थापना भारत से बाहर होगी एवं विदेशी विद्यार्थी इसमें शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
भारत में तकनीकी संस्थान आईआईटी का भारतीय शिक्षा संस्थानों में महत्वपूर्ण स्थान है। अभी भारत में 23 आईआईटी स्थान हैं। इसकी स्थापना विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा जैसे बीटैक और पीएचडी की शिक्षा देने के लिए दिया गया है। इन संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करना बहुत कठिन होता है एवं विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है।
भारत के सर्वश्रेष्ठ आईआईटी संस्थान आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर और आईआईटी मद्रास हैं।
समझौते में शामिल लोग
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक द्विपक्षीय सम्मेलन में यूएई अर्थव्यवस्था मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री और विदेश मंत्री थानी बिन अहमद अल के नेतृत्व में आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किया।
समझौते के लाभ
इस समझौते के अनुसार दोनों देश सांस्कृतिक परियोजनाओं, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एक दूसरे की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारत- यूएई के एक सांस्कृतिक परिषद् का भी निर्माण करेंगे।यह समझौता दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मजबूत करेगा।
इस समझौते के अनुसार, दोनों देश स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देंगे और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हरित हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन करेंगे।
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