भारत का प्रथम रिवर क्रूज: एमवी गंगा विलास
भारत में पहले जलयान की शुरुआत हुई जिसका नाम एमवी गंगा विलास है। इसे 13 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई और यह वाराणसी से रवाना हुई।
भारत में पहले जलयान की शुरुआत हुई जिसका नाम एमवी गंगा विलास है। इसे 13 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई और यह वाराणसी से रवाना हुई।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
आने वाले वर्ष में भारत में G20 होने वाला है जिसके लिए बहुत सारी तैयारियां की जा रही हैं और भारत देश चर्चे में है। कुछ दिनों पहले ही भारत ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। भारत में पहले जलयान की शुरुआत हुई जिसका नाम एमवी गंगा विलास है। इसे 13 जनवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाई गई और यह वाराणसी से रवाना हुई। यह जलयान दुनिया का सबसे बड़ा रिवर क्रूज है और सारी सुविधाओं से पूर्ण है। आज हम इस जलयान के बारे में कुछ रोचक बातें जानने वाले हैं।
जलयान की विशेषताएं
यह जलयान भारत द्वारा बनाया गया एवं संचालित किए जाने वाला पहला जलयान है जिसमें सभी प्रकार की सुविधाएं एवं सभी प्रकार के यात्रियों से लिए व्यवस्थाएं मौजूद हैं। इसकी लंबाई 62 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है।
इस जलयान में एक बार में 36 यात्री यात्रा कर सकते हैं और इसमें 3 डेक और 18 कमरों की व्यवस्था भी है।
इस जलयान में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं जैसे गीत संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन तथा सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।
यह जलयान दुनिया का सबसे बड़ा रिवर क्रूज है और सबसे अधिक अर्थात 3200 किलोमीटर की यात्रा कर रहा है।
जलयान की यात्रा
यह जलयान उत्तर प्रदेश के वाराणसी से आरंभ हुआ, जहां पर प्रधानमंत्री समेत उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री ने समारोह में इस जलयान को हरी झंडी दिखाई। यह जलयान 51 दिनों में कुल 3200 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए नदियों के मार्ग से असम के दिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
यह जलयान भारतीय नदी मार्ग के साथ-साथ कुछ दिनों तक बांग्लादेश के नदी मार्ग से होते हुए भी यात्रा करेगा।
कहां-कहां से गुजरेगा जलयान
जैसा कि आपने जाना यह जलयान 51 दिनों में 3200 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा। यह यात्रा 27 नदी प्रणालियों द्वारा होते हुए 5 से अधिक राज्यों से गुजरेगी, जिसमें कुछ प्रमुख स्थान पटना, कोलकाता, ढाका, धुबरी गुवाहाटी, मजूली आईसलैंड आदि शामिल है।
यह जलयान यात्राओं के दौरान भारत के 50 से अधिक प्रमुख स्थानों पर उतरेगा। इसमें प्रमुख नदी घाट, दर्शन स्थल, ऐतिहासिक स्थल शामिल होंगे और अंत में 1 मार्च को यह जलयान असम के दिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
यह जलयान अपनी यात्राओं के दौरान सुंदरवन डेल्टा, काजीरंगा नेशनल पार्क जैसे अन्य प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों तथा नेशनल रिज़र्वो से होकर निकलेगा।
पब्लिक पार्टनरशिप पर बना है जलयान
गंगा विलास जलयान का निर्माण एवं संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर किया गया है अर्थात इसे सरकारी कंपनियों और प्राइवेट कंपनियों ने साथ मिलकर बनवाया है इसीलिए जलयान का प्रति व्यक्ति किराया भी प्राइवेट कंपनियों द्वारा ही तय किए जाएंगे। इस जलयान का संचालन प्राइवेट तथा सरकारी कंपनी मिलकर करेंगी तथा इससे उत्पन्न होने वाले लाभों पर भी दोनों का अधिकार होगा।
अगर अभी की बात करें तो आईएएनस की सूचना के अनुसार इस जहाज पर एक व्यक्ति के यात्रा का कुल खर्च लगभग 13 लाख रुपए है अर्थात प्रत्येक दिन का 25000 तक का खर्च है।
गंगा विलास जलयान की बुकिंग अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज़ वेबसाइट द्वारा हो रही है। कोई भी व्यक्ति अंतरा लग्जरी रिवर क्रूज वेबसाइट पर एमवी गंगा विलास जलयान के बुकिंग लिंक पर जाकर आसानी से बुकिंग कर सकता है।
एमवी गंगा के विलास संचालन का उद्देश्य
इस जलयान के संचालन का उद्देश्य यह है कि बाहर से आने वाले विदेशी पर्यटक भारत के विभिन्न ऐतिहासिक भवनों एवं स्थानों को देख पाएँ।
इस जलयान में यात्रा करने वाले पर्यटकों को पूरे उत्तर भारत के प्रसिद्ध सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक विरासत को देखने को मिलेगा। वह सबसे बड़ी नदी द्वीप माजुली, बिहार स्कूल ऑफ योगा, सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जैसे कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को एक यात्रा के दौरान देख सकते हैं।
आशा है आपको भारत के नए जलयान एमवी गंगा विलास के बारे में बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई होगी और यह जलयान भारत के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। आप हमसे जुड़े रहें, हम इसी प्रकार से विभिन्न लेखों के साथ मिलते रहेंगे।
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