गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

बच्चों को कविताएं और कहानियां सुनने में बहुत रुचि रहती है क्योंकि इन कविताओं और कहानियों से उनका मनोरंजन होता है। कविताएं और कहानियां सुनना बच्चों के विकास को बढ़ा देता है क्योंकि इससे उनके रचनात्मक, ज्ञानात्मक, भाषागत, शारीरिक और मानसिक विकास भी तीव्र हो जाता है।

विशेषकर जब हम कविताओं की बात करें तो यह किसी भी बच्चे के बचपन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। माता-पिता और अध्यापकों द्वारा सुनाया जाने वाली कविताएं बच्चे केवल सुनते ही नहीं हैं बल्कि दूसरों के सामने गाते और सुनाते भी हैं जिससे उनके भाषा और शब्दों का विकास हो जाता है। कविताएं सुनने से बच्चों में रचनात्मकता भी आती है और कुछ समय बाद वे स्वयं से छोटी- छोटी कविताएं बना लेते हैं।

कविताओं के द्वारा बच्चों को नैतिक शिक्षा भी सिखाई जाती है कि हमें जीवन में क्या-क्या करना चाहिए‌।

जब कविता सुनने के इतने लाभ हैं तो फिर माता- पिता का कर्तव्य बनता है कि वह आज के आधुनिक समय में बच्चों को बचपन में इंटरनेट और सोशल मीडिया से दूर करके कविताओं के पास लाएँ। इसीलिए आज हम लेकर आए हैं बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन कविताएं, जिसकी हम संक्षिप्त परिभाषा भी बताएंगे ताकि समझने में कठिनाई न हो।

Meri Pyari Dadi | Baccho ki Poem

मेरी प्यारी दादी अम्मा,
मेरे पापा की वो मम्मा |
कहानी हमें सुनाती हैं,
लोरी भी सुनाती हैं |
जो हम करते कोई गलती,
थोड़ी डांट लगाती हैं |
फिर जब हम अपने कान पकड़ते ,
मुस्कुरा कर गले लगाती हैं |

परिभाषा:-
यह कविता दादी पर आधारित है।‌ बच्चे दादी से बहुत प्रेम करते हैं। इस कविता में बताया गया है कि दादी मां बहुत प्यारी हैं। वह पापा की मम्मी होती हैं वह बच्चों को बहुत प्यार करती हैं और कहानी सुनाती हैं, कई बार उन्हें लोरी सुनाकर सुलाती हैं और जब बच्चे गलती करते हैं तो थोड़ी सी डांट भी लगाती है परंतु माफी मांगने पर वह बच्चों को माफ कर देती हैं और मुस्कुराते गले से लगा लेती हैं। यह कविता बच्चों को अपने दादी के पास लाने तथा उनसे प्रेम करने को प्रेरित करता है क्योंकि आज के आधुनिक समय में घर के बड़े-बूढ़ों और बच्चों के बीच में संबंध पहले जैसे मजबूत नहीं रहे हैं।‌ यह कविता दादी के महत्व को बताती है।

Class Monitor | Baccho ki poem

बच्चों के लिए कविताएं
छवि स्रोत: 123rf.com

यह मॉनिटर बन कक्षा के बड़ी शान दिखाते हैं,
क्लास में रौब है बाहर धक्के खाते हैं।
झूठी झूठी शिकायतों से हम सब को पिटवाते हैं,
मीठी मीठी बातों से टीचर जी को बहलाते हैं।
टीचर के ना आने पर खुद शासक बन जाते हैं,
ज़रा सा कुछ बोल दो टीचर से शिकायत करने जाते हैं।
छोटी छोटी बातों का बतंगड़ बनाते हैं,
मैडम इनको जल्दी बदलो हम सब यही चाहते हैं।

परिभाषा:-
यह कविता क्लास के मॉनीटर पर आधारित है जो बच्चों को मनोरंजन प्रदान करेंगी और साथ में कुछ सीख भी देगी। इसमें बताया गया है कि मॉनीटर क्लास में बहुत अकड़ दिखाते हैं परंतु बाहर उनकी कोई इज्जत नहीं रहती। झूठी झूठी शिकायतें करके बच्चों को परेशान करते हैं और अध्यापक की चमचागिरी करते हैं। अगर कुछ देर अध्यापक नहीं होते हैं तो वह खुद को अध्यापक समझने लगते हैं। छोटी-छोटी बातों को बड़ा बनाते हैं इसलिए बच्चे मॉनिटर को बदलना चाहते हैं। यह कविता सिखाती है कि कभी भी अपनी शक्तियों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे अकड़ दिखाने वाले एवं शिकायत करने वाले लोग किसी को पसंद नहीं आते हैं।

Ladna jhagadna hai bura | Baccho ki Kavita

चिंटू मिंटू थे दो भाई ,
करते रहते हर वक्त लड़ाई |
एक दिन मम्मी ने पास बुलाया ,
दोनों को प्यार से समझाया |
लड़ना-झगड़ना बहुत बुरा है ,
लड़ने का अंजाम बुरा है
दोनों को बात समझ में आई
फिर नहीं की कभी लड़ाई |

परिभाषा:-
चिंटू मिंटू दो भाई होते हैं परंतु उनमें बनती नहीं है। वे हर वक्त लड़ते रहते हैं फिर उनकी मम्मी उन्हें बुलाती है और प्यार से समझाती है कि लड़ना-झगड़ना अच्छी बात नहीं होती। लड़ने से बहुत नुकसान होता है। दोनों भाई के समझ में बात आ जाती है फिर वह लड़ना बंद कर देते हैं और आपस में मिलकर रहने लगते हैं। यह कविता हमें सिखाती है कि आपस में लड़ाई करने से बहुत नुकसान होते हैं इसीलिए हमें आपस में प्रेम से रहना चाहिए तथा एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। इस प्रकार यह कविता बच्चों को नैतिक मूल्य सिखाती है।

Phool | Hindi Kavita for Children

कितने सुंदर कितने प्यारे फूल
सब के मन को भाते फूल,
अद्भुत छटा बिखेरते फूल
इन्दर्धनुष के हरे रंग के फूल।

गजरा माला साज सजावट
कितने उपयोग में आते फूल,
महक मिठास चहुं ओर फैलाते
अपना अस्तित्व बताते फूल।

कई मौसमी कई बारहमासी
किस्म – किस्म के आते फूल,
मंद पवन में अटखेलिया करते
जैसे कुछ कहना चाहते फूल।

परिभाषा:-
फूल किसे नहीं पसंद होते लगभग सभी को पसंद होते हैं। बच्चों को फूल और भी सुंदर लगते हैं तो यह कविता विशेषकर फूलों पर आधारित है। इसमें कहते हैं फूल बहुत सुंदर और प्यारे होते हैं और सभी के मन को अच्छे लगते हैं। उनकी सुंदरता देखने योग्य होती है। इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों जैसे होते हैं फूल। फूल के उपयोग भी बहुत होते हैं जैसे साज-सजावट माला बनाने आदि‌। फूल से चारों ओर खूशबू फैलती है। अगर फूलों के प्रकारों की बात करें तो फूल विभिन्न प्रकार के होते हैं इसमें बारहमासी (बारहों महीने खिलने वाले फूल) और मौसमी (किसी विशेष मौसम में खिलने वाले फूल) शामिल हैं। फूलों को देखकर लगता है कि वह हमसे बातें कर रहे हैं और कुछ कहना चाहते हैं। यह कविता हमें सिखाती है कि हमें जीवन में फूल समान बनना चाहिए ना कि किसी के लिए कांटे समान क्योंकि अगर हम फूल बरसाएंगे तो हमें फूल मिलगा और अगर कांटे तो कांटे मिलेगा।

Hey Bagwan | Baccho ki kavita

हे भगवान, हे भगवान।
हम सब तेरी हैं संतान।
ईश्वर हमको दो वरदान।
पढ़ लिख कर हम बनें महान।
हमसे चमके हिन्दुस्तान।

परिभाषा:-
यह कविता एक प्रार्थना के रूप में है जिसमें बच्चे भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं हे भगवान हमें ऐसा वरदान दो कि हम पढ़-लिख कर और मेहनत करके महान बनें और अपने माता-पिता, परिवार एवं देश का नाम रौशन करें। हमारे नाम से पूरा हिंदुस्तान चमके।

Theek Samay Par | Baccho Ke Liye Laghu Kavita

बच्चों के लिए आसान कविताएं

ठीक समय पर नित उठ जाओ,
ठीक समय पर चलो नहाओ,
ठीक समय पर खाना खाओ,
ठीक समय पर पढ़ने जाओ।

ठीक समय पर मौज उड़ाओ,
ठीक समय पर गाना गाओ,
ठीक समय पर सब कर पाओ,
तो तुम बहुत बड़े कहलाओ।

परिभाषा:-
यह कविता बच्चों को समय का महत्व बताती है। यह बताती है कि हर काम का एक सही समय होता है हर काम को समय पर करना ही अच्छा होता है। इसमे बताया गया है कि चाहे उठना हो, नहाना हो, खाना हो या पढ़ना हो, सबको अपने समय पर करना ही अच्छा होता है। जरा सोचिए अगर हमें सुबह स्कूल जाना है और हमने रात्रि को अपना काम करने के बजाए स्कूल जाने से पहले प्रारंभ किया तो हम अपना काम पूरा नहीं कर पाएंगे। साथ में यह भी बताया गया हैं कि मौज- मस्ती और गाना- गाने सभी के लिए एक समय होता है और समय पर काम करने वाला व्यक्ति ही सफल एवं बड़ा बनता है। यह कविता हमें समय का महत्व बताती हैं क्योंकि समय अगर चला जाए तो लौटकर नहीं आता है इसीलिए इसका सदुपयोग करें।

Billi rani | Chote baccho ki peom in hindi

कितनी प्यारी, कितनी न्यारी,
बिल्ली रानी है अनूठी,
चुपके से अंदर यूँ घूस जाती,
पता चलने न देती।

पैर भी उनके बजते नहीं,
दूध खीर पी जाती,
कुछ न छोड़ती,
सारा चाट कर जाती।

मौक़ा मिलते ही
बिल्ली रानी अपना पेट भर लेती,
घर वाले देखते रह जाते,
बिल्ली रानी अपना काम कर लेती,
फिर भी सबको प्यारी लगती
बिल्ली रानी।

परिभाषा:-
यह कविता बिल्ली पर आधारित है। बिल्ली प्यारी-न्यारी होती है और अनूठी भी होती है। वह हमेशा घर के अंदर घुस जाती है और हम जान भी नहीं पाते हैं। उनके पैरों से आवाज तक नहीं आती। बिल्ली सारी दूध और दूध से बनी चीजें खा जाती है। कुछ भी नहीं छोड़ती। बिल्ली बहुत चतुर होती है मौका मिलते ही अपना पेट भर लेती है, सब देखते रह जाते हैं। इतनी बदमाशियां और शरारतों के बावजूद भी बिल्ली सबको प्यारी लगती है और सब उसे बिल्ली रानी बुलाते हैं।

Chand ka kurta | Baccho ki poem

हठ कर बैठा चांद एक दिन माता से यह बोला,
सिलवा दो मां मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला।
सन-सन चलती हवा रात भर जाड़े में मरता हूं,
ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूं।
आसमान का सफर और यह मौसम है जाड़े का,
न हो अगर, तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का।

बच्चे की सुन बात कहा माता ने, अरे सलोने!
कुशल करे भगवान, लगे मत तुझको जादू टोने।
जाड़े की तो बात ठीक है पर मैं तो डरती हूं,
एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूं।
कभी एक अंगुल भर चौड़ा कभी एक फुट मोटा,
बड़ा किसी दिन हो जाता है और किसी दिन छोटा।
घटता बढ़ता रोज किसी दिन ऐसा भी करता है,
नहीं किसी की भी आंखों को दिखलाई पड़ता है।
अब तू ही यह बता नाप तेरा किस रोज लिवायें?
सी दें एक झिंगोला जो हर रोज बदन में आये?

परिभाषा:-
बच्चे को चांद की कविताएं सुनना बहुत पसंद है। यह कविता भी चांद पर आधारित है। एक दिन चांद अपनी मां से ज़िद करने लगता है कि मां मुझे ऊन का झिंगोला (बच्चे का ढ़ीले ढाले कपड़ा) दिलवा दो, मुझे आसमान में बहुत ठंडी लगती है और मौसम भी खराब होता है। अगर वह भी नहीं तो एक कुर्ता ही सिलवा दो।

चांद की बात सुनकर उसकी मां बोलती है ठंड लगने की बात तो ठीक है परंतु मैं तुम्हारे लिए कपड़े किस नाप के सिलवाऊ। कभी तुम छोटे होते हो, कभी तुम बड़े होते हो, कभी तुम पतले होते हो कभी तुम मोटे होते हो। चांद का आकार हमेशा बढ़ता घटता रहता है। अमावस्या के दिन तो वह बिल्कुल गायब हो जाता है और पूर्णिमा के दिन पूरा दिखता है। इसी बात को बताते हुए उसकी मां कहती है कि तुम ही बताओ कि किस नाप के तुम्हारे कपड़े  बनवाऊ  जो तुम हमेशा पहन लो।

Koyal | Baccho ki kavita

देखो कोयल काली है,
पर मीठी है इसकी बोली,
इसने ही तो कूक–कूककर,
आमों में मिसरी घोली।

कोयल-कोयल सच बतलाओ,
क्या संदेशा लाई हो,
बहुत दिनों के बाद आज फिर,
इस डाली पर आई हो।
क्या गाती हो? किसे बुलाती?
बतला दो कोयल रानी,
प्यासी धरती देख मांगती,
क्या मेघों से पानी?
कोयल यह मिठास क्या तुमने,
अपनी मां से पाई है,
मां ने ही क्या मीठी बोली,
यह सिखलाई है।

डाल डाल पर उड़ना–गाना,
जिसने तुम्हें सिखाया है,
सबसे मीठे–मीठे बोलो
यह भी तुम्हें बताया है।
बहुत भली हो तुमने मां की,
बात सदा ही मानी है,
इसलिये तो तुम कहलाती,
हो सब चिड़ियों की रानी।

परिभाषा:-
यह कविता कोयल पर आधारित है जो हमें नई सीख भी देती है। इसमें बोला गया है कि कोयल काली होती है पर उसकी आवाज मीठी होती है और वह चारों ओर मिठास फैलाती है। बच्चे पूछते हैं कि कोयल तुम क्या संदेशा लाई हो, इतने दिनों बाद आई हो। बच्चों को लगता है कि कोयल ने अपनी आवाज अपनी मां से सीखी है जैसे कोयल की मां ने उसे उड़ना सिखाया है, वैसे ही समझाया है कि सबसे अच्छा और मीठा बोलना चाहिए और कोयल भी अपनी मां की बात मान कर मीठा बोलती है इसलिए चिड़ियाओं की रानी कहलाती है। यह कविता सिखाती है कि हमें भी अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए।

Chanda Mama durr ke | Baccho ki poem

चंदामामा दूर के
रोज रात में आ जाते है,
पता नहीं है, हमें
ये दिन में कहा जाता है,

कभी आधे कभी गोल
कभी टेड़े कभी मेढे
तुम तो बहुत चतुर हो,
इतने रूप आप कहा से लाते हो

कभी यहाँ और कभी वहा
कभी दूर चले जाते हो
कभी बदलो में तो कभी अंधारो में खो जाते हो

रात को वापस आते हो,
दिन को कहा तुम जाते हो
क्यू नहीं बतलाते हो,

आसमा की दुनिया का दिनभर सैर करने जाते हो
हवा की झौकों से मन मस्तक हो जाते हो

तुम अपना दिल बहलाते हो
रात को तुम आते हो
दिन को कहा खो जाते हो

परिभाषा:-
चंदा मामा दूर के कविता को आप सब ने सुना ही होगा। यह कविता थोड़ा विस्तृत रूप में लिखा गया है। इसमें बताया गया है कि चंदा मामा बहुत दूर रहते हैं यह रोज रात को आते हैं और दिन में पता नहीं कहां चले जाते हैं। चांद के आकार के बारे में बताया गया है कि कभी आधे होते हैं कभी पूरे, कभी मोटे होते हैं तो कभी पतले होते हैं और विभिन्न रूप बनाते रहते हैं। अगर स्थिति की बात करें तो कभी पास होते हैं तो कभी दूर होते हैं कभी बादलों के पीछे होते हैं पर दिन में गायब हो जाते हैं।

चंदा मामा दुनिया भर की सैर करते हुए प्रतीत होते हैं और अपना दिल बहलाते रहते हैं परंतु दिन में गायब हो जाते हैं।

Nanha Munna rahi Hoon | Baccho ki Kavita

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद …

रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम
दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम! नन्हा …

धूप में पसीना बहाउंगा जहाँ
हरे-भरे खेत लहराएंगे वहाँ
धरती पे फ़ाके न पाएंगे जनम
आगे ही आगे …

नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाउंगा मशीनों का नगर
भारत किसी से न रहेगा कम
आगे ही आगे …

बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा
दुनिया की आँखों का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊंचा तिरंगा हरदम
आगे ही आगे …

शांति कि नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊंगा प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम
आगे ही आगे …

परिभाषा:-
यह कविता बच्चे को देशभक्ति के लिए प्रेरित करती है और साहस प्रदान करती है। इसमें बच्चा देश का सिपाही बनने की बात करता है वह डरेगा नहीं और हार नहीं मानेगा, मंजिल पर पहुंच कर ही दम लेगा। धूप में पसीना बहाएगा और देश में हरियाली फैलाएगा। बच्चे ही हैं जो भविष्य के दीपक हैं बच्चे मिलकर देश को मशीनों से भरपूर और विकसित बनाएंगे। बच्चे बड़े होकर देश से सितारा बनेंगे और पूरी दुनिया के सितारा बनेंगे। हमारा देश शांति का देश है बच्चे भी शांति लाएंगे और सब को प्यार से रहना सिखलाएंगे, कहीं पर भी युद्ध नहीं होने देंगे। यह कविता बच्चों को इसी प्रकार का सिपाही बनने को प्रेरित करती है।

Machli Jal Ki Rani Hai | Baccho ki poem

मछ्ली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ तो डर जाएगी
बाहर निकालो तो मर जाएगी
पानी मे डालो तो तैर जाएगी
पानी मे डालो तो तैर जाएगी।

परिभाषा:-
यह कविता मछली के बारे में है। मछली को जल की रानी मानते हैं और पानी की वजह से ही वह जिंदा रहती है। जब भी हम पानी में हाथ लगाते हैं तो मछली डर जाती है अगर पानी से बाहर निकाल दिया तो मर जाती है।

Aaloo Kachaloo Beta | Baccho ki kavita in hindi

आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे
बैंगन की टोकरी में सो रहे थे,
बैंगन ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने प्यार किया, हंस रहे थे,
पापा ने पैसे दिए, नाच रहे थे,

परिभाषा:-
आलू हम सबकी सबसे पसंदीदार सब्जी है। यह कविता उसी पर है। आलू से पूछा जाता है कि आलू बेटा कहां गए थे तो बताता है बैंगन की टोकरी में सो रहा था। बैंगन ने लात मार दिया इसलिए रो रहा था परंतु जब मम्मी ने प्यार किया तो हंसने लगा। फिर उसके पापा ने पैसे दिए और नाचने लगा।

Chidiya Ka Ghar | Chote baccho ki peom in hindi

चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ आती है
जहाँ से फर-फर!

चिड़िया, ओ चिड़िया,
कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ जाती है-
जहाँ को फर-फर!

कहाँ है तेरा घर?
उड़-उड़ जाती है-
जहाँ को फर-फर!

वन में खड़ा है जो
बड़ा-सा तरुवर!
उसी पर बना है
खर-पातों वाला घर!

उड़-उड़ आती हूँ
वहीं से फर-फर!
उड़-उड़ जाती हूँ
वहीं को फर-फर!

परिभाषा:-
यह कविता है जिसमें बच्चे चिड़िया से पूछ रहे हैं अरे, चिड़िया तेरा घर कहां है जहां से तू बार-बार उड़ कर आ जाती है। फिर बोलते हैं कहीं तेरा घर घने वन में खड़ा, बड़ा सा पेड़ तो नहीं क्योंकि उसी पर एक खरपतवारों का घर है कहीं वहीं से तू उड़ते उड़ते तो नहीं आ जाती।

Lalu Ji Ki Patang | baccho ki poem

बातें करे हवा के संग
लल्लू जी की लाल पतंग।

आसमान में लहर रही है
एक जगह न ठहर रही है।
इधर भागती उधर भागती
खूब करे मस्ती हुड़दंग।

हरी, गुलाबी, नीली, काली
की इसने छुट्टी कर डाली।
बीस पतंगें काट चुकी है
बड़ी बहादुर, बड़ी दबंग।


सभी पतंगों से सुंदर है
सबकी इस पर टिकी नजर है।
ललचाता है सबको इसका
अति प्यारा मनमोहक रंग।

परिभाषा:-
इस कविता में लालू नाम के एक बच्चे की पतंग के बारे में बताया गया है जो बहुत सुंदर है हवा से बातें करती है। आसमान को चूमती है और कभी इधर-उधर भागती है‌। यह पतंग बहुत शानदार है क्योंकि इसने आसमान में हरी, गुलाबी, नीली, काली अन्य लोगों की सभी पतंगों को काट दिया है इसलिए इस पतंग को बहादुर बताया गया है। यह पतंग सभी पतंगों से सुंदर है सबकी नजरें इसी पतंग को देख रही हैं और इसका रंग भी सभी का मन प्रसन्न कर रहा है।

इस प्रकार आज हमने बच्चों के लिए अनेक प्यारी-प्यारी कविताएं प्रदान की, जो उन्हें बहुत पसंद आएंगी। आप अपने बच्चों को यह कविताएं सुनाएं तथा मिलकर आनंद ले। हम इसी प्रकार की अन्य जानकारी के साथ जल्द ही मिलते हैं।

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