अभिषेक द्वारा लिखित, 18 साल का छात्र

जैसा कि आप सभी लोग जानते ही हैं कि हर देश की अपनी एक करेंसी होती है, जिसका अपना एक महत्व होता है। करेंसी ही एकमात्र ऐसा साधन है जिससे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किया जाता है। जैसा कि भारत में रुपय़ा, अमेरिका में डॉलर वहीं बाकी देशों में अलग-अलग करेंसी का उपयोग किया जाता है। ठीक उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी है, जिसने काफी कम समय में पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं ‘क्रिप्टो करेंसी’ के बारे में।

‘क्रिप्टो करेंसी’ क्या है?

‘क्रिप्टोकरेंसी’ एक तरह का “डिजिटल एसेट” होता है, जिसका प्रयोग चीजों की खरीद-बिक्री व सर्विसेज के लिए किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल करेंसी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इन करेंसी के बनावट में क्रिप्टोग्राफिक का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ‘क्रिप्टोकरेंसी’ एक तरह का Peer to Peer Electronic System होता है, जिसका प्रयोग हम इंटरनेट के द्वारा रेगुलर करेंसी के बदले में Goods or Services को खरीदने या बेचने के लिए कर सकते हैं। यह एक ऐसी करेंसी यानी मुद्रा है जिसे ना तो किसी भी देश की सरकार लागू कर सकती है और ना ही इस पर किसी भी देश, राज्य व अथॉरिटी का नियंत्रण होता है। इसका मतलब यह करेंसी पूरी तरह से ‘स्वतंत्र’ है। साल 2009 में जापान के ‘सतोषी नाकामोतो’ नामक इंजीनियर द्वारा पहली क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत की गई थी, जिसका नाम ‘बिटकॉइन’ था। हालांकि शुरुआत में इस करेंसी को कोई सफलता नहीं मिली परंतु बाद में यह फाइनेंसियल मार्केट में काफी प्रचलित हुई और इसकी कीमत में भी काफी इजाफा देखा गया। देखते-देखते इसकी कीमत आसमान छूने लगी और इसने पूरी दुनिया में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया।

‘क्रिप्टो करेंसी’ कितने प्रकार की होती है?

‘क्रिप्टो करेंसी’ के प्रकार की बात करें तो आज पूरी दुनिया में लगभग 1000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है। परंतु उन सभी में कुछ ही ऐसी ‘क्रिप्टोकरेंसी’ है जिनका अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है, जैसे–

  • बिटकॉइन (Bitcoin)
  • ईथरम (Ethereum)
  • लाइटकॉइन (Litecoin)
  • डॉगीकॉइन (Dogecoin)
  • फेयर कॉइन (Faircoin)
  • डेश (Dash)
  • पीरकॉइन (Peercoin)
  • रिपल (Ripple)
  • मॉनेरो (Monero)
  • एसवाईएस कॉइन (SYS Coin)

‘क्रिप्टो करेंसी’ के क्या फायदे है?

‘क्रिप्टो करेंसी’ के अनेक फायदे हैं जैसे–

  • क्रिप्टो करेंसी में फ्रॉड होने के काफी कम उम्मीदें होती हैं।
  • क्रिप्टो करेंसी में अकाउंट काफी सिक्योर होते हैं, क्योंकि इसमें विशेष प्रकार के ‘क्रिप्टोग्राफी एल्गोरिथ्म’ का इस्तेमाल किया जाता है।
  • साथ ही इसमें साधारण लेनदेन व ‘क्रिप्टो करेंसी’ के माध्यम से होने वाले जितनी भी लेनदेन होते हैं उनमें काफी अंतर होता है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले लेनदेन बहुत ही कड़ी निगरानी में एवं सुरक्षित तरीके से किए जाते हैं।

‘क्रिप्टो करेंसी’ के क्या नुकसान है?

‘क्रिप्टो करेंसी’ के अनेक नुकसान है जैसे–

  • क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने पर कोई प्रमाण नहीं मिलता है।
  • क्रिप्टो करेंसी में अगर आपसे कोई पेमेंट गलती से हो जाती है, तो वह पैसे आपको वापस नहीं मिल पाएंगे।
  • साथ ही इसमें अगर आपके कॉइन को किसी के द्वारा हैक कर लिया जाता है, तो इसके लिए आप किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं।
  • क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा ड्रॉबैक यह है कि अगर आपकी वॉलेट आईडी किसी भी वजह से खो जाती है या आप स्वयं उसे भूल जाते हैं, तो आप उसे दोबारा पा नहीं सकते।

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