कक्षा 8 के छात्र द्वारा लिखित

मकड़ी एक कीड़ा है, जो कि सभी जानते हैं लेकिन वो बस एक कीड़ा नहीं है । कुछ मकड़ियाँ जहरीली होती हैं और कुछ नहीं । आज मैं आपको मकड़ियों के बारे में एक अलग नज़रिये से बताने जा रहा हूँ जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा..

मकड़ी एक कीड़ा है, जो कि सभी जानते हैं लेकिन वो बस एक कीड़ा नहीं है । कुछ मकड़ियाँ जहरीली होती हैं और कुछ नहीं । आज मैं आपको मकड़ियों के बारे में एक अलग नज़रिये से बताने जा रहा हूँ जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुना होगा ।

चलिये पहले बहुत ही सरल बातों से शुरू करते हैं । मकड़ियाँ क्या होती हैं?

मकड़ियाँ “अरक्निड्स” (Arachnids) नाम के जानवरों के समूह का हिस्सा हैं । इस समूह में बिच्छू, घुन और टिक होते हैं । इन जीवों का शरीर दो हिस्सों में बटा होता है, सर (prosoma) और नीचे का हिस्सा (Abdomen) और इनके आठ पैर होते हैं । मकड़ियों के पास अंटीना या पंख नहीं होते । मज़ेदार बात यह है कि मकड़ियाँ कीड़े नहीं होती ।

मकड़ियाँ आर्थ्रोपोड्स (Arthropods) होती हैं जिनके आठ पैर होते हैं, आर्थ्रोपोड वो जानवर है जिसमें रीड़ कि हड्डी नही होती, एक बाहरी परत होती है जिसे एक्सोस्केलेटन कहते हैं, इनके पास नुकीले जहरीले दाँत होते हैं ।

मकड़ियाँ, स्पिनेरेट ग्लैंड (spinneret gland) से रेशम बनाती हैं जो इनके पेट के निचले हिस्से में होता है । हर एक ग्लैंड से एक धागे जैसा पदार्थ निकलता है । कुछ धागे बहुत मज़बूत होते हैं जो एक पुल बनाने के काम में आते हैं, या चिपचिपा जाल जो शिकार को पकड़ने में मदद करता है, और कुछ इतने पतले और रेशम होते हैं कि वो शिकार को लपेटने में मदद करते हैं ।

दुनिया में 35,000 मकड़ियाँ हैं जिसमें से 12 ऐसी हैं जो आपको जान से मार सकती हैं । कुछ मकड़ियाँ गोलियथ पक्षी की तरह 30 सेंटीमीटर (1 फुट) से लेकर 0.43 मिलीमीटर तक हो सकती हैं जैसे कि आर्ब-वेब मकड़ी ।

मकड़ियाँ कहाँ रहती हैं ?

मकड़ियाँ कहीं भी रह सकती हैं वैसे तो लेकिन आप ज़्यादा उन्हे गरम नमी वाले इलाकों में पाएंगे । यह आपको रेगिस्तान से लेकर रैन फॉरेस्ट (Rainforests) और घर के पीछे के आँगन तक मिलेंगी।

मकड़ियाँ कितने प्रकार की होती हैं ?

मकड़ियाँ बहुत से तरह की होती हैं । कुछ मकड़ियाँ पानी पर तैरती हैं और कुछ उड़ती हैं । दिलचस्प बात यह है कि ये उड़ती कैसे हैं! कुछ मकड़ियाँ, जैसे कि गुब्बारे वाली मकड़ियाँ एक तरीके की विद्युत ऊर्जा की वजह से उड़ पाती हैं । जब रेशम उनके शरीर से निकलती है तो उससे एक तरह का नेगेटिव चार्ज पैदा होता है । इसी तरह का नेगेटिव चार्ज उनकी सतह पर बन जाता है जिससे मकड़ियों को उड़ने का बल मिल जाता है ।

मकड़ियों का एक दूसरा दिलचस्प पहलू है, जो कि मकड़ियों को प्राचीन काल में देखना जैसे कि प्राचीन इजिप्त में । इसके पीछे की थोड़ी भूमिका समझ लेते हैं । प्राचीन इजिप्त प्राचीन उत्तरी अफ्रीका की एक संस्कृति थी । यह नाइल नदी के निचले हिस्से में स्थित था जो कि आज का इजिप्त कहलाता है । प्राचीन इजिप्त कि संस्कृति बहुत सफल रही क्योंकि यह फसलों और पौधों के लिए नाइल नदी की स्थितियों के लिए काफी अनुकूल था ।

प्राचीन इजिप्त लगभग 3000 वर्षों (3150 बीसी से 35 बीसी) तक रहा ।

मकड़ी को उस समय में कुलदेवता का प्रतीक और काफी शक्तिशाली माना जाता था  जो कि अलग अलग रूपों में पाया जाता था । प्राचीन मकड़ी बहुत सी भावनायों का प्रतीक था जैसे कि डर, घबराहट, घृणा, जिज्ञासा और प्रसंशा । प्राचीन इजिप्त में कई तरह के देवी देवता थे जिसमें से कुछ मकड़ी का रूप लेते थे । उनमें से एक को नीथ कहा जाता था जिन्हे भाग्य बनाने वाला कहा जाता था।

नीथ के पास अक्सर धनुष होता था जो उनके तीरंदाजी कौशल को दर्शाता था । ग्रीक और भारतीय पौराणिक कथाओं की प्राचीन दुनिया में ऐसी बहुत सी अद्भुत कहानियां हैं।

अंत

मकड़ियाँ ज़्यादातर आपको डराती हैं लेकिन अगर आप थोड़ा और गहरा पढ़ें इनके बारे में तो इनकी ऐसी बहुत सी दिलचस्प कहानियाँ हैं । किसने सोचा होगा कि मकड़ियों को आध्यात्मिक कुलदेवी माना जाता है जो स्त्री शक्ति को दर्शाती हैं ।

थोड़ा हटकर सोचें।