भारत चीन विवाद – संक्षेप में
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीन सैनिकों के बीच में जो लड़ाई हुई वो 1962 की लड़ाई के बाद से सबसे भयानक लड़ाई थी..
कक्षा 6 की छात्रा द्वारा लिखित ।
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीन सैनिकों के बीच में जो लड़ाई हुई वो 1962 की लड़ाई के बाद से सबसे भयानक लड़ाई थी..
भारत और चीन के बीच में अभी तनाव क्यूँ है?
लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीन सैनिकों के बीच में जो लड़ाई हुई वो 1962 की लड़ाई के बाद से सबसे भयानक लड़ाई थी जिसके कारण भारत और चीन में तनाव पैदा हुआ ।
हुआ क्या आखिर?
LAC क्षेत्र में तनाव वास्तव में मई में शुरू हुआ जब हजारों चीनी सैनिक लद्दाख की गलवान घाटी में आ गए । भारत ने चीन पर अपने क्षेत्र पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया और उसके बाद से दोनों तरफ के सैनिकों ने लड़ना शुरू कर दिया।
15 जून को 16 बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों की एक टीम चीनी सैनिकों से बात करने के लिए गई । उन्होने चीनी सैनिकों को अपने क्षेत्र में वापस जाने के लिए कहा क्योंकि वो LAC से आगे की तरफ गलवान घाटी में आ गए थे।
चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे और उन्होने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया । भारतीय सैनिकों ने भी जवाब में लड़ाई लड़ी और इस लड़ाई में 20 भारतीय सैनिकों की वहीं मौत हो गई, और 17 लोग घायल हो गए । कई चीनी सैनिक भी मारे गए ।
कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और देशों ने भारत और चीन दोनों को हिंसा को रोकने के लिए कहा । भारत और चीन के बीच अतीत में काफी टकराव (छोटी लड़ाई) हुए हैं और 1962 में एक युद्ध भी लड़ा है।
अब क्या?
भारत ने इस लड़ाई के खिलाफ एक कारवाई की जिसमें कई चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जैसे कि टिकटॉक, शीन और कैमस्कैनर । रवि शंकर प्रसाद, कानून, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने ट्विटर पर कहा, “भारत की सुरक्षा, रक्षा, प्रभुता और अखंडता के लिए और भारत के लोगों के डेटा और गोपनीयता की रक्षा के लिए सरकार ने 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है । जय हिन्द!” तो यह हमारी सुरक्षा के लिए हुआ है ।
आगे क्या हो सकता है?
अब आपके मन में सवाल होगा कि आगे क्या होगा ? वैसे निश्चित रूप से कोई नहीं जानता क्या होगा लेकिन कुछ चीज़ें हैं जो हमे लगता है कि हो सकती हैं । हालांकि युद्ध होने की संभावना तो नहीं है, लेकिन अगर दोनों देश शांतिपूर्ण समाधान पर नहीं पहुँचते तो उच्च- स्तरीय टकराव हो सकता है, लेकिन अभी के लिए, हम सभी प्रतीक्षा ही कर सकते हैं ।