शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं (पहले थे राकेश शर्मा, 1984 में)।
और वह पहले भारतीय हैं जिन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा की है।

भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री!

चित्र स्रोत: प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (GODL-India), https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=145911908

लखनऊ से तारों तक का सफर

शुभांशु शुक्ला का जन्म 1985 में लखनऊ, भारत में हुआ था।
वो बचपन से ही जिज्ञासु, मेहनती और सपनों से भरे हुए थे।
उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में पढ़ाई की और फिर नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) में शामिल हुए, जहाँ भारतीय सैन्य अधिकारी बनने की ट्रेनिंग होती है।

बाद में वह भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट बने।
उन्होंने Su-30, MiG-29 जैसे जेट उड़ाए और उन्हें ग्रुप कैप्टन की रैंक मिली।
उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग भी पढ़ी और कई तरह के विमानों की टेस्ट उड़ानें भरीं।


वो अंतरिक्ष यात्री कैसे बने?

2019 में भारत ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए पायलटों का चयन शुरू किया।
शुभांशु को ISRO और वायु सेना के कठिन परीक्षणों के बाद चुना गया — केवल चार लोगों को इस मिशन के लिए चुना गया था।

उन्होंने रूस में अंतरिक्ष में रहने और काम करने की ट्रेनिंग ली और फिर ISRO के बेंगलुरु स्थित ट्रेनिंग सेंटर में भी प्रशिक्षण लिया।

2024 में, भारत के प्रधानमंत्री ने शुभांशु को भारत के आधिकारिक अंतरिक्ष यात्रियों में से एक घोषित किया।

और फिर आई बड़ी खबर…


एक्सिऑम मिशन 4 (Ax-4)

भारत के अपने रॉकेट तैयार होने से पहले ही शुभांशु को मिला एक अनमोल मौका —
उन्हें चुना गया Axiom Mission 4 के पायलट के रूप में!

यह मिशन NASA, ISRO, SpaceX, और एक निजी कंपनी Axiom Space द्वारा मिलकर आयोजित किया गया।

  • 25 जून 2025 को उन्होंने SpaceX के रॉकेट से फ्लोरिडा स्थित NASA के Kennedy Space Center से उड़ान भरी।
  • 26 जून को उनका यान ISS (International Space Station) पर पहुँचा।
  • वह पहले भारतीय बने जिन्होंने ISS पर जाकर वहाँ रहकर काम किया।
  • वे अंतरिक्ष में लगभग 14 दिन रहेंगे और दुनियाभर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर प्रयोग कर रहे हैं।

वह अंतरिक्ष में क्या कर रहे हैं?

शुभांशु 60 से भी अधिक वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं!
यहाँ कुछ खास उदाहरण हैं:

  • अंतरिक्ष में भारतीय बीजों (जैसे मूँग और मेथी) की ग्रोथ पर शोध।
  • दवाइयाँ बिना गुरुत्वाकर्षण के कैसे काम करती हैं, इसका अध्ययन।
  • भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए तकनीक की जांच।

और हाँ—वो अपने साथ गाजर का हलवा और आम का रस भी अंतरिक्ष में ले गए हैं!


यह क्यों इतना खास है?

  • शुभांशु, राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
  • वह पहले भारतीय हैं जो ISS पर पहुँचे
  • उनका यह मिशन भारत को अपने गगनयान मिशन के लिए तैयार कर रहा है—जहाँ भारत खुद अपने रॉकेट से अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा।

राकेश शर्मा को याद करते हुए – भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री

चित्र स्रोत: सुभव शर्मा – https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=6207250
  • जन्म: 13 जनवरी 1949, पटियाला, पंजाब
  • NDA में 1966 में भर्ती हुए, और 1970 में वायु सेना में शामिल हुए
  • 1982 में उन्हें सोवियत इंटरकोस्मोस प्रोग्राम के लिए चुना गया
  • 1984 में Soyuz T-11 नामक रॉकेट से Salyut 7 स्टेशन पर गए
  • 7 दिन, 21 घंटे अंतरिक्ष में बिताए
  • अंतरिक्ष से भारत को देखकर कहा: “सारे जहाँ से अच्छा”

त्वरित प्रश्न और उत्तर

सवालजवाब
भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री कौन था?राकेश शर्मा, 1984 में, एक सोवियत रॉकेट पर
दूसरा भारतीय कौन है जो अंतरिक्ष में गया?शुभांशु शुक्ला, 2025 में, SpaceX रॉकेट से
वे अभी क्या कर रहे हैं?ISS पर रहकर वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं
वे किस मिशन पर हैं?Axiom Mission 4 (Ax-4) – NASA, ISRO, SpaceX और Axiom के साथ
वे अंतरिक्ष में कितने दिन रहेंगे?लगभग 14 दिन