गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

किसी भी देश के लिए वहां की सैन्य व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है और इसके बारे में लोगों में जागरूकता भी होनी चाहिए। कुछ दिनों पहले ही भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को इस बार अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के लिए मनोनीत किया गया तथा 30 सितंबर को उन्होंने सीडीएस के लिए शपथ ग्रहण किया। हम इस खबर के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

सबसे पहले हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के बारे में जानते हैं। यह तीनों सेनाओं का सबसे उच्च पद होता है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का काम तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाना तथा आपसी मतभेदों को संभालना होता है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ तीनों सेनाओं का उच्च अधिकारी माना जाता है और देश में शांति बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अनिल चौहान

अनिल चौहान का जन्म 18 मई 1961 में हुआ और अभी वह 30 सितंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर नियुक्त हुए हैं। वह जनरल बिपिन रावत के बाद देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ है इससे पहले वह भारत के सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे।

अनिल चौहान का सैन्य करियर

अनिल चौहान राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी और भारतीय सैन्य अकैडमी देहरादून से शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। 1981 में उन्होंने भारतीय सेना ज्वाइन किया जिसमें उन्हें गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया।

अनिल चौहान जब मेजर जनरल बने तो उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला क्षेत्र में इन्फेंट्री डिविजन की कमान संभाली।

कुछ समय बाद जब उनकी नियुक्ति लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में हुई तब उन्होंने भारत के उत्तर पूर्व में कमान संभाली।

सितंबर 2019 में अनिल चौहान को पूर्वी कमान के कमांडिंग इन चीफ के रूप में चुना गया और उनके जीवन में महत्वपूर्ण विकास हुआ।

2021 में 40 साल की सेवा के बाद उन्होंने रिटायरमेंट ले ली परंतु वह सेना से हमेशा जुड़े रहे हैं।

रिटायरमेंट के बावजूद भी उन्होंने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामले पर नजर बनाए रखा तथा उसमें अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

महत्वपूर्ण पुरस्कार

अनिल चौहान को सैन्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने तथा बहादुरी के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-

  • परम विशिष्ट सेवा पदक
  • अति विशिष्ट सेवा पदक
  • उत्तम विशिष्ट सेवा पदक
  • सेना पदक
  • विशिष्ट सेवा पदक आदि

अनिल चौहान का उद्देश्य

30 सितंबर को अनिल चौहान ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को संभालने से पहले और उसकी शपथ लेने से पहले, वह नेशनल वॉर मेमोरियल में सैनिकों को श्रद्धांजलि देने गए और उनके साथ उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे, उनमे उनके पिताजी भी शामिल थे।

संपूर्ण देश के लिए बहुत खुशी की बात है कि उन्हें दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिला परंतु साथ में बहुत चुनौतियां भी हैं जिन्हें पराजित करके भारतीय सेना को मजबूत बनाना है।

मीडिया से बातचीत के दौरान जनरल अनिल चौहान ने भी देश और सैन्य व्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में बताया और बोला कि हमें साथ साथ मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा।

उनके भी कुछ उद्देश्य तथा लक्ष्य हैं जिनपर उन्हें ध्यान केंद्रित करना है:-

  • चीन के खिलाफ भारतीय सेना को मजबूत करना

जनरल अनिल चौहान ने बताया कि चीन हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन रहा है इसीलिए हमें सावधान रहने की आवश्यकता है और साथ में बहुत सारे ऐसे प्रोजेक्ट अधूरे हैं जो चीन के खिलाफ भारतीय सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए चलाए गए थे उन्हें पूरा करना भी उनका महत्वपूर्ण उद्देश्य रहेगा।

  • आधुनिकरण

जनरल अनिल चौहान ने आधुनिकरण के महत्व को समझते हुए कहा कि आज के समय में हमें परंपरागत तकनीक के साथ-साथ आधुनिक तरीके को अपनाने की जरूरत है इसीलिए वह सैन्य व्यवस्था में आधुनिकरण और नवीनीकरण को बढ़ावा देंगे।

आशा है आपको यह खबर पसंद आया होगा। हम इसी प्रकार से  देश-विदेश की खबरों के साथ फिर मिलेंगे तब तक आप पढ़ते रहिए और अपडेटिड रहिए।

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