आज के इस आधुनिक समय में बच्चे बहुत छोटी उम्र से ही वीडियो गेम में लग जाते हैं जिससे उनका विकास प्रभावित होता है तथा उन्हें विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। आज हम कुछ ऐसे खेल लेकर आए हैं जो बच्चों के लिए बहुत मजेदार तथा उनके शारीरिक एवं मानसिक विकास को और भी तेज कर देंगे। आइए उन खेलों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

5 वर्ष तक के बच्चों के लिए खेल

2 से 3 वर्ष में आते-आते बच्चे धीरे-धीरे चलना शुरू कर देते हैं तथा उनमे बोलने की क्षमता भी बढ़ना आरंभ हो जाती है। ऐसे में बचपन में उन्हें ऐसे खेलों से परिचय करवाना चाहिए जो उनके लिए बहुत उपयोगी हो।

घर के बाहर खेले जाने वाले खेल

  • लुका छिपी

लुका छिपी बहुत पुराने समय से खेला जाने वाला खेल है। इसे तीन-चार बच्चे मिलकर खेल सकते हैं। इसमें एक बच्चे को आंख बंद करके 10 तक गिनती गिनना होता है। तब तक बाकी सारे बच्चे आसपास की जगह में छुप जाते हैं। 10 तक की गिनती के बाद वह बच्चा अपनी आंखें खोलता है तथा जाकर सभी बच्चों को ढूंढता है। जिस बच्चे को सबसे पहले ढूंढता है अगली बार उसकी बारी आ जाती है यह खेल बहुत मनोरंजक है।

इस तरह के बाहर खेले जाने वाले खेलों से बच्चों में दोस्ती, ईमानदारी एवं आपसी प्रेम का विकास होता है।

  • पक्कड़म पकड़ाई
बच्चों के लिए खेल
छवि स्रोत: https://www.mylittlemoppet.com/

पक्कड़म पकड़ाई बहुत पुराने समय से बच्चों के लिए सबसे प्रिय खेल रहा है जिसे बच्चे बहुत चाव से खेलते हैं। इसमें दो तथा 2 से अधिक बच्चे साथ मिलकर खेल सकते हैं। इसमें सभी बच्चें भागते हैं तथा एक बच्चा उन्हें पकड़ता है जो सबसे पहले पकड़ा जाता है वही अगली बार अपनी बारी देता है और ऐसे यह खेल चलता रहता है। यह खेल बच्चों को शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है।

  • ऊंच नीच का पापड़ा

ऊंच-नीच का पापड़ा सबसे मज़ेदार खेलों में से एक है। यह अपने नाम के अनुसार ही खेला जाता है जिसमें सभी बच्चों को भागना होता है, उसमे से एक बच्चे को सबको पकड़ना होता है। उसके पकड़ने से पहले सभी बच्चों को किसी ऊंची जगह पर चढ़ना होता है और बार-बार अपनी जगह को बदलना होता है पर ध्यान रखना होता है कि वह नीचे भागते दौरान पकड़े जा सकते हैं जो सबसे पहले पकड़ा जाता है वह अगली बार अपनी बारी देता है।

  • बर्फ पानी

बर्फ पानी एक प्रकार का खेल है  जिसमें बच्चा को बहुत आनंद आता है। इसमें एक बच्चा सबको पकड़ता है और बाकि बच्चे भागते हैं। वह बच्चा जिसे छू लेता है वह बच्चा वहीं पर बर्फ बनकर खड़ा रहता है अन्य भाग रहे बच्चों में से कोई आकर उसे छू देता है तो वह फिर से पानी बन जाता है और भागने लगता है। इसी प्रकार से जो बच्चा सबसे ज्यादा समय तक बर्फ रहता है उसे ही अपनी बारी देनी होती है।

इस प्रकार के खेलों से बच्चों के अंदर बहुत सारे नैतिक मूल्य जैसे  मदद करना, साथ देना , दोस्ती प्रेम आदि का विकास होता है।

  • बूढ़ी अम्मा बूढ़ी अम्मा

बूढ़ी अम्मा बूढ़ी अम्मा एक बहुत अच्छा खेल है जो छोटे बच्चे खेल सकते हैं। इसमें तीन चार बच्चे हाथ पकड़कर गोला बनाते हैं जिसके बीच में एक बच्चा खड़ा होता है और वह बूढ़ी अम्मा का रोल करता है इसमें बूढ़ी अम्मा जो कहती हैं वही करना होता है जिसमें फोड़ना, खाना बनाना, कपड़े धोना, नाचना आदि शामिल है जो इन चीज को जल्दी से नहीं करता है वह अगली बार अपनी बारी देता है।

इस खेल में बच्चों का शारीरिक, भावनात्मक एवं मानसिक विकास होता है। बार बार बैठने, उठने, कूदने आदि से उनकी शारीरिक सक्रियता बढ़ती है तथा दोस्तों से साथ खेलने से उनकी भावनाओं का भी तेजी से विकास होता है।

घर के अंदर खेले जाने वाले खेल

बचपन में 5 वर्ष बच्चे से छोटे बच्चे अपना अधिकांश समय अपने घर में ही बिताते हैं इसीलिए वीडियो गेम और आलस्य से बचाने के लिए उन्हें कुछ मज़ेदार घर में खेले जाने वाले खेलों की ओर लगाना चाहिए, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को तेज करते हैं।

  • चीजों की खोज

यह एक प्रकार का खेल है जिसे बच्चे बड़े मजे से खेल सकते हैं इसमें किसी टेबल पर बहुत सारी वस्तुएं रखें परंतु ध्यान रखें कि सभी चीजों का आकार लगभग समान हो। बच्चे को 30 सेकेंड के लिए उन वस्तुओं को अच्छे से देखने दें। उसके बाद बच्चों को आंख बंद करने को बोलें तथा उनमें से एक चीज हटा दें और उनसे पूछे कि कौन सी चीज़ गायब है।

इस प्रकार के खेल से उनकी बुद्धिमता एवं मानसिक शक्ति दोनों ही बढ़ती है। अगर बच्चों ने ध्यान से एवं बुद्धि का उपयोग करते हुए वस्तुओं को देखा होगा तो वह जल्दी ही पहचान जाएंगे कि कौन सी वस्तु गायब है।

  • पिक्चरी

पिक्चरी एक प्रकार का खेल है जिसमें बच्चों को तस्वीरों को पहचानना होता है। इसमें बच्चों को एक शब्द दिया जाता है वह उससे संबंधित तस्वीर बनाते हैं उस तस्वीर को देखकर उसके साथियों को वस्तुओं का नाम बताना होता है। यह खेल बच्चों के रचनात्मक क्षमता तथा मानसिक क्षमता दोनों में वृद्धि करता है। उन्हें खेल खेल में ही अच्छी चित्रकला करने आ जाती है।

  • चिड़िया उड़

यह खेल बचपन में लगभग अधिकांश बच्चों ने खेला होगा।

चिड़िया उड़ एक प्रकार का खेल है जो छोटे बच्चों को खेलना बहुत पसंद होता है यह घर पर ही खेला जाता है। इसमें बच्चे अपने हाथ की एक उंगली को जमीन पर रखते हैं। उनमें से एक बच्चा विभिन्न वस्तुओं को उड़ने की बातें करता है जैसे चिड़िया उड़, कबूतर उड़ , पेड़ उड़ आदि। इनमें से जो चीजें उड़ती हैं उसमें बच्चों को अपना हाथ ऊपर उठाना होता है तथा जो चीजें नहीं उड़ती उसमें हाथ नीचे ही रखना होता है। जो इस नियम को भूलकर नहीं उड़ने वाली चीज में भी हाथ खड़ा कर लेता है या उड़ने वाली चीज पर भी हाथ खड़ा नहीं करता है वह हार जाता है तथा अगली बारी उसे ही देनी होती है।

यह खेल घर में आराम से बेठकर खेला जाने वाला है जिसमें बच्चों की हाथों की मांसपेशियां शक्तिशाली होती हैं, साथ ही उनका मस्तिष्क भी सक्रिय हो जाता है।

  • जल्दी बोलो

जल्दी बोलो एक प्रकार का खेल है जिसमें माता- पिता बच्चों को एक अक्षर बोलते हैं, बच्चों को उस अक्षर से संबंधित शब्दों को बोलना होता है। माना कि किसी ने डी बोला तो बच्चों को डी से संबंधित शब्द डॉल, डिम्पल आदि जल्दी से बोलना होगा। इसी तरह पहाड़ों और गिनतियों मे भी होता है इसमे भी माता-पिता नंबर बोलते हैं बच्चे को उसका उत्तर देना होता हैं दो और तीन कितने होंगे, 18 के बाद क्या आता है।

इसमें बच्चों का मनोरंजन भी होता है और साथ-साथ वह नई नई चीजें पढ़ते और सीखते भी हैं।

  • गेंद फेकना

गेंद फेकना छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छा खेल है। जिसमें एक बच्चा एक तरफ से गेंद फेंकता है और दूसरा उस गेंद को जल्दी से पकड़ता है और वापस फेंकता है। ऐसे उनकी शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि होती है और उनकी बुद्धि भी तेज हो जाती है।

5 वर्ष से ऊपर के बच्चों के लिए खेल

5 वर्ष से बच्चे धीरे धीरे बड़े होने लगते हैं तथा उनमें अपने आसपास की चीजों के बारे में समझ विकसित होने लगती है। ऐसे में उन्हें इस छोटी उम्र से ही कुछ मजेदार खेलों में लगाया जा सकता हैं क्योंकि छोटी उम्र में वह जल्दी सीखते हैं और अपनी ऊर्जा का उपयोग खेलों में करते हैं। बचपन में अपनाएं गए यह खेल आगे चलकर उनकी रूचि बन जाते हैं और उनके भविष्य को बनाने में भी मदद करते हैं।

बाहर खेले जाने वाले खेल

  • खो-खो
खो-खो
छवि स्रोत: https://www.worldvision.org/

खो खो एक प्रकार का खेल  है जिसमें 12 -15  बच्चे होते हैं सभी लाइन से बैठ जाते हैं। दो बच्चे बाजी देते हैं जिसमें से एक भागता है तथा दूसरा उसे पकड़ता है। भागने वाले को बैठे हुए लोगों में से किसी एक को पीठ पर छूकर खो खो कहना होता है फिर उसकी जगह पर वह भागने लगता है तथा भागने वाला व्यक्ति उसके स्थान पर बैठ जाता है।

  • बैडमिंटन

बच्चों को बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद होता है तो यह वह समय होता है जब उन्हें प्लास्टिक के बैडमिंटन से खिलाया जा सकता है फिर धीरे-धीरे वह इस खेल में कुशल हो जाते हैं। बैडमिंटन में दो बच्चे होते हैं। यह खेल विभिन्न प्रतियोगिताओं एवं ओलंपिक में भी खेला जाता है इसलिए यह बच्चों के सामने सफलता का सुनहरा दरवाजा खोलता है।

  • क्रिकेट

क्रिकेट बच्चों के लिए बहुत अच्छा खेल है जिसे बच्चे 6 से 7 वर्ष की उम्र में खेलना आरंभ कर सकते हैं। इसमें पहले उन्हें छोटे बल्ले से खिलाया जाता है धीरे-धीरे जब वह इस खेल में प्रवीणता हासिल करने लगते हैं तो 13- 14 वर्ष की उम्र में आते आते वे लकड़ी के बड़े बल्ले से खेलना आरंभ कर देते हैं। क्रिकेट खेलने वालों का भविष्य भी बहुत सुनहरा है परंतु इसके लिए मेहनत एवं लगन की भी आवश्यकता होती है।

  • फुटबॉल

फुटबॉल खेलना बहुत अधिक मनोरंजक एवं उपयोगी है इसे पूरी एक टीम के साथ ग्राउंड में खेला जाता है। फुटबॉल खेलने से बच्चों की ऊर्जा सही जगह पर व्यय होती है तथा उनकी सक्रियता में भी वृद्धि होती है।

  • कबड्डी

कबड्डी एक बहुत प्रसिद्ध खेल है जो लोकप्रिय हैं जिसमें दोनों तरफ ही एक एक टीम होती है। जिस टीम की बारी होती है उनके एक खिलाड़ी को दूसरे खिलाड़ी के खेमे में जाना होता है तथा वहां से किसी एक को छूकर भागकर वापस आना होता है। इसी दौरान दूसरे खेमे के सारे खिलाड़ी मिलकर उसे रोकने एवं पकड़ने का प्रयास करते हैं कि वह वापस अपने खेमे में न जा पाए।

घर के अंदर खेले जाने वाले खेल

5 वर्ष से अधिक होने पर बच्चों मे घर के अंदर खेले जाने वाले बुद्धिमत्तापूर्ण खेलों को खेलने की आदत विकसित कर सकते हैं।

  • लूडो
लूडो

लूडो बहुत पुराना खेल है इसे घर पर बैठकर खेला जाता है। लूडो में चार बच्चे एक साथ खेलते हैं। सभी अपनी बुद्धिमता का प्रयोग करके जीतने का प्रयास करते हैं तथा दूसरे को रोकने का प्रयास करते हैं। इसमें बहुत मजा आता है तथ बच्चों की मस्तिष्क की सक्रियता बढ जाती है।

  • सांप सीढ़ी

सांप सीढ़ी का खेल घर में खेले जाने वाले खेलों में से एक है। इसे भी लूडो जैसे ही खेला जाता है जिसमें 4 लोग खेल सकते हैं। इसमें विभिन्न सीढ़ियों का प्रयोग ऊपर जाने के लिए होता है तथा किसी भी सांप के काटने पर फिर से नीचे आ जाते हैं।

यह खेल भी बच्चों के बौद्धिक विकास को तेज बनाता है साथ ही अनेकों नैतिक मूल्य भी सिखाता है।

  • चैस
शतरंज

चैस सबसे बुद्धिमता वाले खेलों में से एक माना जाता है जिसमें विभिन्न चालों का प्रयोग करके व्यक्ति को जीतना होता है। इसमें एक साथ दो व्यक्ति खेल सकते हैं। यह खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता हैं इसीलिए इसमें प्रवीणता हासिल करने वालों का भविष्य बहुत उज्जवल होता है।

  • कैरमबोर्ड

कैरमबोर्ड घर में खेले जाने वाले खेलों में से है जिसमें विभिन्न नंबरों वाली गोटिया होती हैं जिसे एक गोटी से मारकर कैरमबोर्ड के छेद के अंदर डालना होता है। जिस नंबर की गोटी अंदर जाती है उतने ही नंबर प्राप्त होते हैं।

  • बूझो तो जानो

यह भी बहुत मजेदार खेल है जिसमें पहेलियों के द्वारा बच्चों को समझना होता है। इसमें एक बच्चा कुछ पहेलियां बोलता हैं और दूसरे बच्चों को उन पहेलियों का मतलब अर्थात उत्तर बताना होता है यह बच्चों के मानसिक सूझबूझ को बढ़ाता है।

यह कुछ खेल थे जो बच्चे को खिलाये जा सकते हैं ताकि बचपन से ही उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाया जा सके। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ हम जल्द ही मौजूद होंगे तब तक आप अपने बच्चों के साथ यह खेल खेलें तथा उन्हें भी खिलाएं।

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शीर्षक छवि स्रोत: http://littleredbox.in/