अभिषेक झा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना(Soil Health Card Yojana) भारत सरकार द्वारा 19, फरवरी 2015 को शुरू की गई एक योजना है| जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को उनकी मिट्टी की उर्वरता की शक्ति का अनुमान करवाना है| साथ ही उन्हें किस फसल के ऊपर खेती करनी चाहिए और उस फसल के ऊपर उन्हें किन किन खादों का प्रयोग कितनी मात्रा में करना चाहिए यह बताया जाता है|

इस योजना के लाभ क्या है ?

  • इस योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी जमीन और मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है| जिससे वह अपनी जमीन पर अच्छी पैदावार कर सकते हैं|
  • अगर किसान इस योजना का पूरा लाभ लेते हैं और इसके द्वारा बताए गए सभी उपायों का पालन करते हुए खेती करते हैं, तो वह अपना काफी विकास कर सकते हैं|

यह योजना कैसे काम करती है? जाने?

  1. इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले किसानों को अपने खेत की मिट्टी टेस्ट के लिए देनी होती है, जिसके लिए उन्हें ऑनलाइन पंजीकरण करना होता है|
  2. जब किसान अपनी मिट्टी को टेस्ट के लिए दे देते हैं तो इसका प्रशिक्षण लेबोरेटरी के द्वारा किया जाता है|
  3. लेबोरेटरी में मिट्टी की जांच विशेषज्ञों के द्वारा की जाती है और यह पता लगाया जाता है कि मिट्टी में किस चीज की मात्रा कम है और किस चीज की मात्रा ज्यादा है|
  4. मिट्टी की जांच होने के बाद इसकी रिपोर्ट को तैयार कर लिया जाता है और इसकी रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रोटोकॉल पर अपलोड कर दिया जाता है, जिसे किसान आसानी से ऑनलाइन पर देख भी सकते हैं|
  5. इस रिपोर्ट को मृदा स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड में भी अपलोड कर दिया जाता है| साथ ही इसकी पूरी जानकारी किसान के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी दे दी जाती है|