भारत सरकार ने पोस्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है – चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जो भारत के सशस्त्र बलों का सर्वोच्च रैंक वाला अधिकारी होगा। यह भारत के लिए नया है, क्योंकि अब तक सेना, नौसेना और वायु सेना के अलग-अलग प्रमुख हैं – लेकिन ऐसा कोई नहीं जो तीनों को आज्ञा दे सके।
इसकी आवश्यकता क्यों है?
1999 में कारगिल युद्ध के बाद (जो भारत ने पाकिस्तान के साथ लड़ा था) कई विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि युद्ध और परमाणु हथियार के मामलों में एकल कमांड सेंटर के लिए एक पद बनाने की आवश्यकता थी। इस सुझाव को अंततः सरकार ने मंजूरी दे दी और, जैसा कि कारगिल समीक्षा समिति ने सिफारिश की है, सीडीएस सरकार का एकल-बिंदु सैन्य सलाहकार होगा।
पोस्ट तीन सशस्त्र बलों के बीच सामंजस्य (संयुक्तता) लाएगा। सीडीएस त्रि-सेवा मामलों पर रक्षा मंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करेगा और युद्ध की स्थिति में परमाणु मामलों पर भी सलाह देगा। हालांकि, अभी तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यकाल घोषित नहीं किया गया है।
भारत का पहला रक्षा अधिकारी कौन होगा?
सीडीएस को एक चार सितारा सेना अधिकारी होने की आवश्यकता है – चार सितारा अधिकारी अक्सर सशस्त्र सेवाओं में सबसे वरिष्ठ कमांडर होते हैं (सभी तीन सेवा प्रमुख चार सितारा अधिकारी होते हैं)। जनरल बिपिन रावत (जो सेनाध्यक्ष थे) पहले सीडीएस होंगे।
किन अन्य देशों में CDS है?
यह पोस्ट अमेरिका, चीन, इंग्लैंड और जापान जैसे कई देशों में मौजूद है। हालाँकि, इस पद के लिए उनके अलग-अलग नाम हैं जैसे – सुप्रीम कमांडर, कमांडर-इन-चीफ, चीफ ऑफ स्टाफ, आदि।