भारत के नए उपराष्ट्रपति: जगदीप धनखड़
6 अगस्त 2022 को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ जिसमें जगदीप धनखड़ नए उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां पर राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का पद बहुत ही महत्वपूर्ण है। अभी हमारे पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू थे और 6 अगस्त 2022 को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ जिसमें जगदीप धनखड़ नए उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए हैं जो बहुमतकारी सरकार अर्थात भाजपा के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे। आज हम अपने नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बारे में जानने का प्रयास करेंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2022
अपने उपराष्ट्रपति के बारे में जानने से पहले हम उपराष्ट्रपति चुनाव की बात करते हैं। उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 6 अगस्त 2022 को संपन्न हुआ। बहुमत पार्टी (भाजपा) ने अपनी तरफ से जगदीप धनखड़ को तथा विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए खड़ा किया था। जगदीप धनखड़ राजस्थान से हैं और मार्गरेट अल्वा कर्नाटक राज्य से है। उपराष्ट्रपति चुनाव परिणामों में 528 सीटों के साथ जगदीप धनखड़ जीते तथा मार्गरेट अल्वा को 182 सीटें प्राप्त हुई थी।
जगदीप धनखड़ का जन्म एवं शिक्षा
जगदीप धनखड़ के जन्म की बात करें तो उनका जन्म 18 मई 1951 को झुंझुनू राजस्थान में हुआ है। वह एक जाट परिवार में जन्मे हैं। उन्होंने राजस्थान के ही सैनिक स्कूल से विद्यालय तथा राजस्थान विश्वविद्यालय नागपुर से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी। इन्होंने 1979 में विवाह कर लिया तथा इनकी एक पुत्री भी है।
जगदीप धनखड़ का न्यायालयी करियर
जगदीप धनखड़ 1979 में राजस्थान की काउंसलिंग में सदस्य के रूप में नियुक्त हुए तथा 1990 तक सीनियर एडवोकेट बन चुके थे। उन्होंने वकालत के क्षेत्र में भी बहुत तरक्की की तथा अपना विशेष स्थान बनाया है।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर 1989 से आरंभ हुआ। उन्होंने भाजपा के समर्थन के साथ अपने ही राज्य, झुंझुनू में लोकसभा चुनाव में भाग लिया और जीत हासिल की।
एक बार इसी बीच बीजेपी से पार्टी परिवर्तित करके कांग्रेस मे भी शामिल हुए परंतु कांग्रेस की अजमेर वाली सीट पर वह चुनाव हार गए।
वर्ष 2003 में वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी के एक नेता के रूप में कार्य करने लगे।
जगदीप धनखड़ एक प्रसिद्ध राजनेता रहे हैं। उनका राजनैतिक करियर पश्चिम बंगाल में 2019 में हुए राज्यपाल चुनाव से बहुत प्रभावित हुआ। वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त हुए। उनका पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने का कार्यकाल बहुत ही विवादों से भरा रहा और उनका पश्चिम बंगाल के बहुमत प्राप्त पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ अनेक टकराव हुए।
कई स्थितियों में जगदीप धनखड़ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच भी टकराव देखने को मिला था।
अब वह उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जा चुके हैं और संपूर्ण राष्ट्र उनका इस पद पर स्वागत कर रहा है। हम सबको आशा है कि भविष्य में वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए आदर्श स्थापित करेंगे।
आज हमने उपराष्ट्रपति चुनाव 2022 तथा हमारे नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बारे में जानकारी हासिल की। आशा है कि आपको कुछ नया जानने को मिला होगा। हम इसी प्रकार के अन्य लेखों के साथ जल्द ही मिलेंगे।
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