माँ की यादें
पैदा हुए तो झूला झुलाया, उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, हमारे लिए चंदा को बुलाया, रोने पर हमको हँसाया, अपने हाथों से खाना खिलाया, रूठने पर हमको मनाया,
मैं इंसान हूं
मुझे पहचानते हो खुदा का बनाया मैं इंसान हूं खुद का बनाया मैं गुनहगार हूं मुझे पहचानते होमैं इंसान हूं।