गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत देश बहुत तेजी से विकसित हो रहा है तथा आने वाले समय में विश्व में महाशक्तियों में से एक बनने वाला है और अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले जी-20 सम्मेलन का प्रतिनिधित्व कर रहा है अर्थात जी20 सम्मेलन 2023 भारत द्वारा आयोजित करवाया जाएगा। इसके लिए भारत के प्रमुख शहरों और दार्शनिक स्थलों को चुना गया है। आज हम जी20 और जी20 सम्मेलन के लिए चुने गए स्थानों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

जी20 क्या है?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से समूह बनाए जाते रहे हैं तथा देशों के बीच कई आपसी समझौते किए गए हैं जिससे समूह के सभी देश किसी एक देश से आने वाली समस्या को अपनी समस्या समझ कर मुकाबला करें। ऐसे ही एक समूह G20, 1990 के दशक में बना जिसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय संकट में प्रभावित पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया के विकासशील देशों को मजबूत बनाना था तथा मध्य आय और कमजोर देशों को संकट की स्थिति में वित्तीय स्थिरता और सहायता प्रदान करना था।

जी-20 में शामिल देश

जी-20 में आज के प्रमुख देश शामिल हैं जो वैश्विक जीडीपी में अपना महत्वपूर्ण योगदान तो देते ही हैं साथ ही व्यापार क्षेत्र में भी बहुत आगे बढ़ चुके हैं।

जी20 समूह में शामिल देशों की सूची में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, इटली, फ्रांस, भारत, जर्मनी, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, मैक्सिको, रूस, जापान, कोरिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल है।

जी20 सम्मेलन

जी-20 देशों का हर वर्ष एक सम्मेलन होता है जिसमें सभी देश मिलते हैं, बातचीत करते हैं तथा अंतरराष्ट्रीय समस्याओं पर चर्चा करते हैं। इस सम्मेलन मे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और समाज कल्याण के बारे मे विचार विमर्श करते हैं।

जी20 सम्मेलन 2008 से आरंभ किया गया और सबसे पहले इसका नेतृत्व अमेरिका ने किया। इसके बाद से हर वर्ष यह सम्मेलन होता है और 2023 में भारत पहली बार G20 सम्मेलन का नेतृत्व करने वाला है।

जी20 सम्मेलन के  लिए स्थलों का चुनाव

जी20 सम्मेलन के लिए बैठकें इसी वर्ष से शुरू होंगी जो अगले वर्ष 2023 में शीर्ष सम्मेलन के साथ समाप्त होंगी। यह बैठकें भारत के विभिन्न राज्यों के 55 स्थानों पर आयोजित की जाएंगी। यह अलग-अलग महानगरों, राजधानियों, महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थल और पर्यटन स्थलों आदि पर आयोजित होंगी।

भारत इस वर्ष अपने वार्षिक अध्यक्षता में 200 से अधिक बैठेकें करवाने वाला है जो अगले वर्ष 10 सितंबर को शिखर सम्मेलन के साथ समाप्त होगा।

खबरों के अनुसार पता चल रहा है कि भारत इन सम्मेलनों और बैठकों में सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन स्थलों को महत्व दें ताकि हमारी संस्कृति दुनिया के सामने आ सके और भारत अपनी अलग पहचान बना सकें इसीलिए आगरा के ताजमहल से हंपी, खजुराहो में भी बैठकें होने वाली हैं तथा सूर्य मंदिर और सिलीगुड़ी को भी सांस्कृतिक महत्व के अनुसार बैठकों के स्थानों के रूप में चुना गया है।

हंपी और खजुराहो को तो यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर माना गया है इसीलिए वहां की विशेषताएं और सुंदरता जी20 देशों की बैठक को और भी मनोहर बना देगी।

भारत के केंद्रीय पर्यटन सचिव ने हाल में ही बताया था कि इस बार भारत जी20 सम्मेलन के दौरान खुद को एक प्रमुख और वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में दिखाने वाला है ताकि भारत में पर्यटकों की वृद्धि हो तथा भारत की संस्कृति और कला को वैश्विक धरोहर माना जाए।

जी20 सम्मेलन इस वर्ष से शुरू हो जाएगा और इससे संबंधित आगे के अपडेट भी आपको नन्ही खबर पर मिलते रहेंगे। आज के लेख से आपको मूलभूत जानकारी मिल गई होगी, हम इसी प्रकार के अन्य लेखों के साथ मिलते रहेंगे।

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